Huwa Al-Ladhī 'Anzala As-Sakīnata Fī Qulūbi Al-Mu'uminīna Liyazdādū 'Īmānāan Ma`a 'Īmānihim ۗ Wa Lillāh Junūdu As-Samāwāti Wa Al-'Arđi ۚ Wa Kāna Allāhu `Alīmāan Ĥakīmāan
048-004 वह (वही) ख़ुदा तो है जिसने मोमिनीन के दिलों में तसल्ली नाज़िल फरमाई ताकि अपने (पहले) ईमान के साथ और ईमान को बढ़ाएँ और सारे आसमान व ज़मीन के लशकर तो ख़ुदा ही के हैं और ख़ुदा बड़ा वाक़िफकार हकीम है
Liyudkhila Al-Mu'uminīna Wa Al-Mu'umināti Jannātin Tajrī Min Taĥtihā Al-'AnhāruKhālidīna Fīhā Wa Yukaffira `Anhum Sayyi'ātihim ۚ Wa Kāna Dhālika `Inda Allāhi Fawzāan `Ažīmāan
048-005 ताकि मोमिन मर्द और मोमिना औरतों को (बेहिश्त) के बाग़ों में जा पहुँचाए जिनके नीचे नहरें जारी हैं और ये वहाँ हमेशा रहेंगे और उनके गुनाहों को उनसे दूर कर दे और ये ख़ुदा के नज़दीक बड़ी कामयाबी है
Wa Yu`adhdhiba Al-Munāfiqīna Wa Al-Munāfiqāti Wa Al-Mushrikīna Wa Al-Mushrikāti Až-Žānnīna Billāhi Žanna As-Saw'i ۚ `Alayhim Dā'iratu As-Saw'i ۖ Wa Ghađiba Allāhu `Alayhim Wa La`anahum Wa 'A`adda Lahum Jahannama ۖ Wa Sā'at Maşīrāan
048-006 और मुनाफिक़ मर्द और मुनाफ़िक़ औरतों और मुशरिक मर्द और मुशरिक औरतों पर जो ख़ुदा के हक़ में बुरे बुरे ख्याल रखते हैं अज़ाब नाज़िल करे उन पर (मुसीबत की) बड़ी गर्दिश है (और ख़ुदा) उन पर ग़ज़बनाक है और उसने उस पर लानत की है और उनके लिए जहन्नुम को तैयार कर रखा है और वह (क्या) बुरी जगह है
048-010 बेशक जो लोग तुमसे बैयत करते हैं वह ख़ुदा ही से बैयत करते हैं ख़ुदा की क़ूवत (कुदरत तो बस सबकी कूवत पर) ग़ालिब है तो जो अहद को तोड़ेगा तो अपने अपने नुक़सान के लिए अहद तोड़ता है और जिसने उस बात को जिसका उसने ख़ुदा से अहद किया है पूरा किया तो उसको अनक़रीब ही अज्रे अज़ीम अता फ़रमाएगा
Sayaqūlu Laka Al-Mukhallafūna Mina Al-'A`rābi Shaghalatnā 'Amwālunā Wa 'Ahlūnā Fāstaghfir Lanā ۚ Yaqūlūna Bi'alsinatihim Mā Laysa Fī Qulūbihim ۚ Qul Faman Yamliku Lakum Mina Allāhi Shay'āan 'In 'Arāda BikumĐarrāan 'Aw 'Arāda Bikum Naf`āan ۚ Bal Kāna Allāhu Bimā Ta`malūna Khabīrāan
048-011 जो गंवार देहाती (हुदैबिया से) पीछे रह गए अब वह तुमसे कहेंगे कि हमको हमारे माल और लड़के वालों ने रोक रखा तो आप हमारे वास्ते (ख़ुदा से) मग़फिरत की दुआ माँगें ये लोग अपनी ज़बान से ऐसी बातें कहते हैं जो उनके दिल में नहीं (ऐ रसूल) तुम कह दो कि अगर ख़ुदा तुम लोगों को नुक़सान पहुँचाना चाहे या तुम्हें फायदा पहुँचाने का इरादा करे तो ख़ुदा के मुक़ाबले में तुम्हारे लिए किसका बस चल सकता है बल्कि जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे ख़ूब वाक़िफ है
Bal Žanantum 'An Lan Yanqaliba Ar-Rasūlu Wa Al-Mu'uminūna 'Ilá 'Ahlīhim 'Abadāan Wa Zuyyina Dhālika Fī Qulūbikum Wa ŽanantumŽanna As-Saw'i Wa KuntumQawmāan Būrāan
048-012 (ये फ़क़त तुम्हारे हीले हैं) बात ये है कि तुम ये समझे बैठे थे कि रसूल और मोमिनीन हरगिज़ कभी अपने लड़के वालों में पलट कर आने ही के नहीं (और सब मार डाले जाएँगे) और यही बात तुम्हारे दिलों में भी खप गयी थी और इसी वजह से, तुम तरह तरह की बदगुमानियाँ करने लगे थे और (आख़िरकार) तुम लोग आप बरबाद हुए
048-015 (मुसलमानों) अब जो तुम (ख़ैबर की) ग़नीमतों के लेने को जाने लगोगे तो जो लोग (हुदैबिया से) पीछे रह गये थे तुम से कहेंगे कि हमें भी अपने साथ चलने दो ये चाहते हैं कि ख़ुदा के क़ौल को बदल दें तुम (साफ) कह दो कि तुम हरगिज़ हमारे साथ नहीं चलने पाओगे ख़ुदा ने पहले ही से ऐसा फ़रमा दिया है तो ये लोग कहेंगे कि तुम लोग तो हमसे हसद रखते हो (ख़ुदा ऐसा क्या कहेगा) बात ये है कि ये लोग बहुत ही कम समझते हैं
048-016 कि जो गवॉर पीछे रह गए थे उनसे कह दो कि अनक़रीब ही तुम सख्त जंगजू क़ौम के (साथ लड़ने के लिए) बुलाए जाओगे कि तुम (या तो) उनसे लड़ते ही रहोगे या मुसलमान ही हो जाएँगे पस अगर तुम (ख़ुदा का) हुक्म मानोगे तो ख़ुदा तुमको अच्छा बदला देगा और अगर तुमने जिस तरह पहली दफा सरताबी की थी अब भी सरताबी करोगे तो वह तुमको दर्दनाक अज़ाब की सज़ा देगा
Laysa `Alá Al-'A`má Ĥarajun Wa Lā `Alá Al-'A`raji Ĥarajun Wa Lā `Alá Al-Marīđi Ĥarajun ۗ Wa Man Yuţi`i Allāha Wa Rasūlahu Yudkhilhu Jannātin Tajrī Min Taĥtihā Al-'Anhāru ۖ Wa Man Yatawalla Yu`adhdhibhu `Adhābāan 'Alīmāan
048-017 (जेहाद से पीछे रह जाने का) न तो अन्धे ही पर कुछ गुनाह है और न लँगड़े पर गुनाह है और न बीमार पर गुनाह है और जो शख़्श ख़ुदा और उसके रसूल का हुक्म मानेगा तो वह उसको (बेहिश्त के) उन सदाबहार बाग़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी होंगी और जो सरताबी करेगा वह उसको दर्दनाक अज़ाब की सज़ा देगा
048-018 जिस वक्त मोमिनीन तुमसे दरख्त के नीचे (लड़ने मरने) की बैयत कर रहे थे तो ख़ुदा उनसे इस (बात पर) ज़रूर ख़ुश हुआ ग़रज़ जो कुछ उनके दिलों में था ख़ुदा ने उसे देख लिया फिर उन पर तस्सली नाज़िल फरमाई और उन्हें उसके एवज़ में बहुत जल्द फ़तेह इनायत की
Wa`adakumu Allāhu Maghānima Kathīratan Ta'khudhūnahā Fa`ajjala Lakum Hadhihi Wa Kaffa 'Aydiya An-Nāsi `Ankum Wa Litakūna 'Āyatan Lilmu'uminīna Wa YahdiyakumŞirāţāan Mustaqīmāan
048-020 ख़ुदा ने तुमसे बहुत सी ग़नीमतों का वायदा फरमाया था कि तुम उन पर काबिज़ हो गए तो उसने तुम्हें ये (ख़ैबर की ग़नीमत) जल्दी से दिलवा दीं और (हुबैदिया से) लोगों की दराज़ी को तुमसे रोक दिया और ग़रज़ ये थी कि मोमिनीन के लिए (क़ुदरत) का नमूना हो और ख़ुदा तुमको सीधी राह पर ले चले
Wa Huwa Al-Ladhī Kaffa 'Aydiyahum `Ankum Wa 'Aydiyakum `Anhum Bibaţni Makkata Min Ba`di 'An 'Ažfarakum `Alayhim ۚ Wa Kāna Allāhu Bimā Ta`malūna Başīrāan
048-024 और वह वही तो है जिसने तुमको उन कुफ्फ़ार पर फ़तेह देने के बाद मक्के की सरहद पर उनके हाथ तुमसे और तुम्हारे हाथ उनसे रोक दिए और तुम लोग जो कुछ भी करते थे ख़ुदा उसे देख रहा था
Humu Al-Ladhīna Kafarū Wa Şaddūkum `Ani Al-Masjidi Al-Ĥarāmi Wa Al-Hadya Ma`kūfāan 'An Yablugha Maĥillahu ۚ Wa Lawlā Rijālun Mu'uminūna Wa Nisā'un Mu'uminātun Lam Ta`lamūhum 'An Taţa'ūhum Fatuşībakum Minhum Ma`arratun Bighayri `Ilmin ۖ Liyudkhila Allāhu Fī Raĥmatihi Man Yashā'u ۚ Law Tazayyalū La`adhdhabnā Al-Ladhīna Kafarū Minhum `Adhābāan 'Alīmāan
048-025 ये वही लोग तो हैं जिन्होने कुफ़्र किया और तुमको मस्जिदुल हराम (में जाने) से रोका और क़ुरबानी के जानवरों को भी (न आने दिया) कि वह अपनी (मुक़र्रर) जगह (में) पहुँचने से रूके रहे और अगर कुछ ऐसे ईमानदार मर्द और ईमानदार औरतें न होती जिनसे तुम वाक़िफ न थे कि तुम उनको (लड़ाई में कुफ्फ़ार के साथ) पामाल कर डालते पस तुमको उनकी तरफ से बेख़बरी में नुकसान पहँच जाता (तो उसी वक्त तुमको फतेह हुई मगर ताख़ीर) इसलिए (हुई) कि ख़ुदा जिसे चाहे अपनी रहमत में दाख़िल करे और अगर वह (ईमानदार कुफ्फ़ार से) अलग हो जाते तो उनमें से जो लोग काफ़िर थे हम उन्हें दर्दनाक अज़ाब की ज़रूर सज़ा देते
'Idh Ja`ala Al-Ladhīna Kafarū Fī Qulūbihimu Al-Ĥamīyata Ĥamīyata Al-Jāhilīyati Fa'anzala Allāhu Sakīnatahu `Alá Rasūlihi Wa `Alá Al-Mu'uminīna Wa 'Alzamahum Kalimata At-Taqwá Wa Kānū 'Aĥaqqa Bihā Wa 'Ahlahā ۚ Wa Kāna Allāhu Bikulli Shay'in `Alīmāan
048-026 (ये वह वक्त) था जब काफ़िरों ने अपने दिलों में ज़िद ठान ली थी और ज़िद भी तो जाहिलियत की सी तो ख़ुदा ने अपने रसूल और मोमिनीन (के दिलों) पर अपनी तरफ़ से तसकीन नाज़िल फ़रमाई और उनको परहेज़गारी की बात पर क़ायम रखा और ये लोग उसी के सज़ावार और अहल भी थे और ख़ुदा तो हर चीज़ से ख़बरदार है
048-027 बेशक ख़ुदा ने अपने रसूल को सच्चा मुताबिके वाक़ेया ख्वाब दिखाया था कि तुम लोग इन्शाअल्लाह मस्जिदुल हराम में अपने सर मुँडवा कर और अपने थोड़े से बाल कतरवा कर बहुत अमन व इत्मेनान से दाख़िल होंगे (और) किसी तरह का ख़ौफ न करोगे तो जो बात तुम नहीं जानते थे उसको मालूम थी तो उसने फ़तेह मक्का से पहले ही बहुत जल्द फतेह अता की
MuĥammadunRasūlu Allāhi Wa ۚ Al-Ladhīna Ma`ahu~ 'Ashiddā'u `Alá Al-Kuffāri Ruĥamā'u Baynahum ۖ TarāhumRukka`āan Sujjadāan Yabtaghūna Fađlāan Mina Allāhi Wa Riđwānāan ۖ Sīmāhum Fī Wujūhihim Min 'Athari As-Sujūdi ۚ Dhālika Mathaluhum Fī At-Tawrāati ۚ Wa Mathaluhum Fī Al-'Injīli Kazar`in 'Akhraja Shaţ'ahu Fa'āzarahu Fāstaghlaža Fāstawá `Alá Sūqihi Yu`jibu Az-Zurrā`a Liyaghīža Bihimu Al-Kuffāra ۗ Wa`ada Allāhu Al-Ladhīna 'Āmanū Wa `Amilū Aş-Şāliĥāti Minhum Maghfiratan Wa 'Ajrāan `Ažīmāan
048-029 मोहम्मद ख़ुदा के रसूल हैं और जो लोग उनके साथ हैं काफ़िरों पर बड़े सख्त और आपस में बड़े रहम दिल हैं तू उनको देखेगा (कि ख़ुदा के सामने) झुके सर बसजूद हैं ख़ुदा के फज़ल और उसकी ख़ुशनूदी के ख्वास्तगार हैं कसरते सुजूद के असर से उनकी पेशानियों में घट्टे पड़े हुए हैं यही औसाफ़ उनके तौरेत में भी हैं और यही हालात इंजील में (भी मज़कूर) हैं गोया एक खेती है जिसने (पहले ज़मीन से) अपनी सूई निकाली फिर (अजज़ा ज़मीन को गेज़ा बनाकर) उसी सूई को मज़बूत किया तो वह मोटी हुई फिर अपनी जड़ पर सीधी खड़ी हो गयी और अपनी ताज़गी से किसानों को ख़ुश करने लगी और इतनी जल्दी तरक्क़ी इसलिए दी ताकि उनके ज़रिए काफ़िरों का जी जलाएँ जो लोग ईमान लाए और अच्छे (अच्छे) काम करते रहे ख़ुदा ने उनसे बख़्शिस और अज्रे अज़ीम का वायदा किया है