Huwa Al-Ladhī 'Akhraja Al-Ladhīna Kafarū Min 'Ahli Al-Kitābi Min Diyārihim Li'wwali Al-Ĥashri ۚ Mā Žanantum 'An Yakhrujū ۖ Wa Žannū 'Annahum Māni`atuhum Ĥuşūnuhum Mina Allāhi Fa'atāhumu Allāhu Min Ĥaythu Lam Yaĥtasibū ۖ Wa Qadhafa Fī Qulūbihimu Ar-Ru`ba ۚ Yukhribūna Buyūtahum Bi'aydīhim Wa 'Aydī Al-Mu'uminīna Fā`tabirū Yā 'Ūlī Al-'Abşāri
059-002 वही तो है जिसने कुफ्फ़ार अहले किताब (बनी नुजैर) को पहले हश्र (ज़िलाए वतन) में उनके घरों से निकाल बाहर किया (मुसलमानों) तुमको तो ये वहम भी न था कि वह निकल जाएँगे और वह लोग ये समझे हुये थे कि उनके क़िले उनको ख़ुदा (के अज़ाब) से बचा लेंगे मगर जहाँ से उनको ख्याल भी न था ख़ुदा ने उनको आ लिया और उनके दिलों में (मुसलमानों) को रौब डाल दिया कि वह लोग ख़ुद अपने हाथों से और मोमिनीन के हाथों से अपने घरों को उजाड़ने लगे तो ऐ ऑंख वालों इबरत हासिल करो
Mā Qaţa`tum Min Līnatin 'Aw Taraktumūhā Qā'imatan `Alá 'Uşūlihā Fabi'idhni Allāhi Wa Liyukhziya Al-Fāsiqīna
059-005 (मोमिनों) खजूर का दरख्त जो तुमने काट डाला या जूँ का तँ से उनकी जड़ों पर खड़ा रहने दिया तो ख़ुदा ही के हुक्म से और मतलब ये था कि वह नाफरमानों को रूसवा करे
Wa Mā 'Afā'a Allāhu `Alá Rasūlihi Minhum Famā 'Awjaftum `Alayhi Min Khaylin Wa Lā Rikābin Wa Lakinna Allāha Yusalliţu Rusulahu `Alá Man Yashā'u Wa ۚ Allāhu `Alá Kulli Shay'inQadīrun
059-006 (तो) जो माल ख़ुदा ने अपने रसूल को उन लोगों से बे लड़े दिलवा दिया उसमें तुम्हार हक़ नहीं क्योंकि तुमने उसके लिए कुछ दौड़ धूप तो की ही नहीं, न घोड़ों से न ऊँटों से, मगर ख़ुदा अपने पैग़म्बरों को जिस पर चाहता है ग़लबा अता फरमाता है और ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है
Mā 'Afā'a Allāhu `Alá Rasūlihi Min 'Ahli Al-Qurá Falillāhi Wa Lilrrasūli Wa Lidhī Al-Qurbá Wa Al-Yatāmá Wa Al-Masākīni Wa Abni As-Sabīli Kay Lā Yakūna Dūlatan Bayna Al-'Aghniyā'i Minkum ۚ Wa Mā 'Ātākumu Ar-Rasūlu Fakhudhūhu Wa Mā Nahākum `Anhu Fāntahū ۚ Wa Attaqū Allaha ۖ 'Inna Allāha Shadīdu Al-`Iqābi
059-007 तो जो माल ख़ुदा ने अपने रसूल को देहात वालों से बे लड़े दिलवाया है वह ख़ास ख़ुदा और उसके रसूल और (रसूल के) क़राबतदारों और यतीमों और मोहताजों और परदेसियों का है ताकि जो लोग तुममें से दौलतमन्द हैं हिर फिर कर दौलत उन्हीं में न रहे, हाँ जो तुमको रसूल दें दें वह ले लिया करो और जिससे मना करें उससे बाज़ रहो और ख़ुदा से डरते रहो बेशक ख़ुदा सख्त अज़ाब देने वाला है
Lilfuqarā'i Al-Muhājirīna Al-Ladhīna 'Ukhrijū Min Dīārihim Wa 'Amwālihim Yabtaghūna Fađlāan Mina Allāhi Wa Riđwānāan Wa Yanşurūna Allāha Wa Rasūlahu~ ۚ 'Ūlā'ika Humu Aş-Şādiqūna
059-008 (इस माल में) उन मुफलिस मुहाजिरों का हिस्सा भी है जो अपने घरों से और मालों से निकाले (और अलग किए) गए (और) ख़ुदा के फ़ज़ल व ख़ुशनूदी के तलबगार हैं और ख़ुदा की और उसके रसूल की मदद करते हैं यही लोग सच्चे ईमानदार हैं और (उनका भी हिस्सा है)
Wa Al-Ladhīna Tabawwa'ū Ad-Dāra Wa Al-'Īmāna MinQablihim Yuĥibbūna Man Hājara 'Ilayhim Wa Lā Yajidūna Fī Şudūrihim Ĥājatan Mimmā 'Ūtū Wa Yu'uthirūna `Alá 'Anfusihim Wa Law Kāna BihimKhaşāşatun ۚ Wa Man Yūqa Shuĥĥa Nafsihi Fa'ūlā'ika Humu Al-Mufliĥūna
059-009 जो लोग मोहाजेरीन से पहले (हिजरत के) घर (मदीना) में मुक़ीम हैं और ईमान में (मुसतक़िल) रहे और जो लोग हिजरत करके उनके पास आए उनसे मोहब्बत करते हैं और जो कुछ उनको मिला उसके लिए अपने दिलों में कुछ ग़रज़ नहीं पाते और अगरचे अपने ऊपर तंगी ही क्यों न हो दूसरों को अपने नफ्स पर तरजीह देते हैं और जो शख़्श अपने नफ्स की हिर्स से बचा लिया गया तो ऐसे ही लोग अपनी दिली मुरादें पाएँगे
Wa Al-Ladhīna Jā'ū Min Ba`dihim Yaqūlūna Rabbanā Aghfir Lanā Wa Li'akhwāninā Al-Ladhīna Sabaqūnā Bil-'Īmāni Wa Lā Taj`al Fī Qulūbinā Ghillāan Lilladhīna 'Āmanū Rabbanā 'Innaka Ra'ūfunRaĥīmun
059-010 और उनका भी हिस्सा है और जो लोग उन (मोहाजेरीन) के बाद आए (और) दुआ करते हैं कि परवरदिगारा हमारी और उन लोगों की जो हमसे पहले ईमान ला चुके मग़फेरत कर और मोमिनों की तरफ से हमारे दिलों में किसी तरह का कीना न आने दे परवरदिगार बेशक तू बड़ा शफीक़ निहायत रहम वाला है
'Alam Tará 'Ilá Al-Ladhīna Nāfaqū Yaqūlūna Li'khwānihimu Al-Ladhīna Kafarū Min 'Ahli Al-Kitābi La'in 'Ukhrijtum Lanakhrujanna Ma`akum Wa Lā Nuţī`u Fīkum 'Aĥadāan 'Abadāan Wa 'InQūtiltum Lananşurannakum Wa Allāhu Yash/hadu 'Innahum Lakādhibūna
059-011 क्या तुमने उन मुनाफ़िकों की हालत पर नज़र नहीं की जो अपने काफ़िर भाइयों अहले किताब से कहा करते हैं कि अगर कहीं तुम (घरों से) निकाले गए तो यक़ीन जानों कि हम भी तुम्हारे साथ (ज़रूर) निकल खड़े होंगे और तुम्हारे बारे में कभी किसी की इताअत न करेंगे और अगर तुमसे लड़ाई होगी तो ज़रूर तुम्हारी मदद करेंगे, मगर ख़ुदा बयान किए देता है कि ये लोग यक़ीनन झूठे हैं
La'in 'Ukhrijū Lā Yakhrujūna Ma`ahum Wa La'inQūtilū Lā Yanşurūnahum Wa La'in Naşarūhum Layuwallunna Al-'AdbāraThumma Lā Yunşarūna
059-012 अगर कुफ्फ़ार निकाले भी जाएँ तो ये मुनाफेक़ीन उनके साथ न निकलेंगे और अगर उनसे लड़ाई हुई तो उनकी मदद भी न करेंगे और यक़ीनन करेंगे भी तो पीठ फेर कर भाग जाएँगे
Lā Yuqātilūnakum Jamī`āan 'Illā Fī Quran Muĥaşşanatin 'Aw Min Warā'i Judurin ۚ Ba'suhum BaynahumShadīdun ۚ Taĥsabuhum Jamī`āan Wa QulūbuhumShattá ۚ Dhālika Bi'annahumQawmun Lā Ya`qilūna
059-014 ये सब के सब मिलकर भी तुमसे नहीं लड़ सकते, मगर हर तरफ से महफूज़ बस्तियों में या (शहर पनाह की) दीवारों की आड़ में इनकी आपस में तो बड़ी धाक है कि तुम ख्याल करोगे कि सब के सब (एक जान) हैं मगर उनके दिल एक दूसरे से फटे हुए हैं ये इस वजह से कि ये लोग बेअक्ल हैं
059-016 (मुनाफ़िकों) की मिसाल शैतान की सी है कि इन्सान से कहता रहा कि काफ़िर हो जाओ, फिर जब वह काफ़िर हो गया तो कहने लगा मैं तुमसे बेज़ार हूँ मैं सारे जहाँ के परवरदिगार से डरता हूँ
Yā 'Ayyuhā Al-Ladhīna 'Āmanū Attaqū Allaha Wa Ltanžur Nafsun Mā Qaddamat Lighadin ۖ Wa Attaqū Allaha ۚ 'Inna Allāha Khabīrun Bimā Ta`malūna
059-018 ऐ ईमानदारों ख़ुदा से डरो, और हर शख़्श को ग़ौर करना चाहिए कि कल क़यामत के वास्ते उसने पहले से क्या भेजा है और ख़ुदा ही से डरते रहो बेशक जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे बाख़बर है
Law 'Anzalnā Hādhā Al-Qur'āna `Alá Jabalin Lara'aytahu Khāshi`āan Mutaşaddi`āan Min Khashyati Allāhi ۚ Wa Tilka Al-'Amthālu Nađribuhā Lilnnāsi La`allahum Yatafakkarūna
059-021 अगर हम इस क़ुरान को किसी पहाड़ पर (भी) नाज़िल करते तो तुम उसको देखते कि ख़ुदा के डर से झुका और फटा जाता है ये मिसालें हम लोगों (के समझाने) के लिए बयान करते हैं ताकि वह ग़ौर करें
Huwa Allāhu Al-Ladhī Lā 'Ilāha 'Illā Huwa Al-Maliku Al-Quddūsu As-Salāmu Al-Mu'uminu Al-Muhayminu Al-`Azīzu Al-Jabbāru Al-Mutakabbiru ۚ Subĥāna Allāhi `Ammā Yushrikūna
059-023 वही वह ख़ुदा है जिसके सिवा कोई क़ाबिले इबादत नहीं (हक़ीक़ी) बादशाह, पाक ज़ात (हर ऐब से) बरी अमन देने वाला निगेहबान, ग़ालिब ज़बरदस्त बड़ाई वाला ये लोग जिसको (उसका) शरीक ठहराते हैं उससे पाक है
Huwa Allāhu Al-Khāliqu Al-Bāri'u Al-Muşawwiru ۖ Lahu Al-'Asmā'u Al-Ĥusná ۚ Yusabbiĥu Lahu Mā Fī As-Samāwāti Wa Al-'Arđi ۖ Wa Huwa Al-`Azīzu Al-Ĥakīmu
059-024 वही ख़ुदा (तमाम चीज़ों का ख़ालिक) मुजिद सूरतों का बनाने वाला उसी के अच्छे अच्छे नाम हैं जो चीज़े सारे आसमान व ज़मीन में हैं सब उसी की तसबीह करती हैं, और वही ग़ालिब हिकमत वाला है