Ghāfiri Adh-Dhanbi Wa Qābili At-Tawbi Shadīdi Al-`Iqābi Dhī Aţ-Ţawli ۖ Lā 'Ilāha 'Illā Huwa ۖ 'Ilayhi Al-Maşīru
040-003 गुनाहों का बख्शने वाला और तौबा का क़ुबूल करने वाला सख्त अज़ाब देने वाला साहिबे फज़ल व करम है उसके सिवा कोई माबूद नहीं उसी की तरफ (सबको) लौट कर जाना है
Kadhdhabat QablahumQawmu Nūĥin Wa Al-'Aĥzābu Min Ba`dihim ۖ Wa Hammat Kullu 'Ummatin Birasūlihim Liya'khudhūhu ۖ Wa Jādalū Bil-Bāţili Liyudĥiđū Bihi Al-Ĥaqqa Fa'akhadhtuhum ۖ Fakayfa Kāna `Iqābi
040-005 तुम्हें इस धोखे में न डाले (कि उन पर आज़ाब न होगा) इन के पहले नूह की क़ौम ने और उन के बाद और उम्मतों ने (अपने पैग़म्बरों को) झुठलाया और हर उम्मत ने अपने पैग़म्बरों के बारे में यही ठान लिया कि उन्हें गिरफ्तार कर (के क़त्ल कर डालें) और बेहूदा बातों की आड़ पकड़ कर लड़ने लगें - ताकि उसके ज़रिए से हक़ बात को उखाड़ फेंकें तो मैंने, उन्हें गिरफ्तार कर लिया फिर देखा कि उन पर (मेरा अज़ाब कैसा (सख्त हुआ)
Al-Ladhīna Yaĥmilūna Al-`Arsha Wa Man Ĥawlahu Yusabbiĥūna Biĥamdi Rabbihim Wa Yu'uminūna Bihi Wa Yastaghfirūna Lilladhīna 'Āmanū Rabbanā Wasi`ta Kulla Shay'inRaĥmatan Wa `Ilmāan Fāghfir Lilladhīna Tābū Wa Attaba`ū Sabīlaka Wa Qihim `Adhāba Al-Jaĥīmi
040-007 जो (फ़रिश्ते) अर्श को उठाए हुए हैं और जो उस के गिर्दा गिर्द (तैनात) हैं (सब) अपने परवरदिगार की तारीफ़ के साथ तसबीह करते हैं और उस पर ईमान रखते हैं और मोमिनों के लिए बख़शिश की दुआएं माँगा करते हैं कि परवरदिगार तेरी रहमत और तेरा इल्म हर चीज़ पर अहाता किए हुए हैं, तो जिन लोगों ने (सच्चे) दिल से तौबा कर ली और तेरे रास्ते पर चले उनको बख्श दे और उनको जहन्नुम के अज़ाब से बचा ले
Rabbanā Wa 'Adkhilhum Jannāti `Adnin Allatī Wa`adtahum Wa ManŞalaĥa Min 'Ābā'ihim Wa 'Azwājihim Wa Dhurrīyātihim ۚ 'Innaka 'Anta Al-`Azīzu Al-Ĥakīmu
040-008 ऐ हमारे पालने वाले इन को सदाबहार बाग़ों में जिनका तूने उन से वायदा किया है दाख़िल कर और उनके बाप दादाओं और उनकी बीवीयों और उनकी औलाद में से जो लोग नेक हो उनको (भी बख्श दें) बेशक तू ही ज़बरदस्त (और) हिकमत वाला है
040-010 (हाँ) जिन लोगों ने कुफ्र एख्तेयार किया उनसे पुकार कर कह दिया जाएगा कि जितना तुम (आज) अपनी जान से बेज़ार हो उससे बढ़कर ख़ुदा तुमसे बेज़ार था जब तुम ईमान की तरफ बुलाए जाते थे तो कुफ्र करते थे
Qālū Rabbanā 'Amattanā Athnatayni Wa 'Aĥyaytanā Athnatayni Fā`tarafnā Bidhunūbinā Fahal 'Ilá Khurūjin Min Sabīlin
040-011 वह लोग कहेंगे कि ऐ हमारे परवरदिगार तू हमको दो बार मार चुका और दो बार ज़िन्दा कर चुका तो अब हम अपने गुनाहों का एक़रार करते हैं तो क्या (यहाँ से) निकलने की भी कोई सबील है
040-012 ये इसलिए कि जब तन्हा ख़ुदा पुकारा जाता था तो तुम ईन्कार करते थे और अगर उसके साथ शिर्क किया जाता था तो तुम मान लेते थे तो (आज) ख़ुदा की हुकूमत है जो आलीशान (और) बुर्ज़ुग है
Huwa Al-Ladhī Yurīkum 'Āyātihi Wa Yunazzilu Lakum Mina As-Samā'i Rizqāan ۚ Wa Mā Yatadhakkaru 'Illā Man Yunību
040-013 वही तो है जो तुमको (अपनी कुदरत की) निशानियाँ दिखाता है और तुम्हारे लिए आसमान से रोज़ी नाज़िल करता है और नसीहत तो बस वही हासिल करता है जो (उसकी तरफ) रूज़ू करता है
Rafī`u Ad-Darajāti Dhū Al-`Arshi Yulqī Ar-Rūĥa Min 'Amrihi `Alá Man Yashā'u Min `Ibādihi Liyundhira Yawma At-Talāqi
040-015 ख़ुदा तो बड़ा आली मरतबा अर्श का मालिक है, वह अपने बन्दों में से जिस पर चाहता है अपने हुक्म से 'वही' नाज़िल करता है ताकि (लोगों को) मुलाकात (क़यामत) के दिन से डराएं
040-016 जिस दिन वह लोग (क़ब्रों) से निकल पड़ेंगे (और) उनको कोई चीज़ ख़ुदा से पोशीदा नहीं रहेगी (और निदा आएगी) आज किसकी बादशाहत है ( फिर ख़ुदा ख़़ुद कहेगा ) ख़ास ख़ुदा की जो अकेला (और) ग़ालिब है
Wa 'Andhirhum Yawma Al-'Āzifati 'Idhi Al-Qulūbu Ladá Al-Ĥanājiri Kāžimīna ۚ Mā Lilžžālimīna Min Ĥamīmin Wa Lā Shafī`in Yuţā`u
040-018 (ऐ रसूल) तुम उन लोगों को उस दिन से डराओ जो अनक़रीब आने वाला है जब लोगों के कलेजे घुट घुट के (मारे डर के) मुँह को आ जाएंगें (उस वक्त) न तो सरकशों का कोई सच्चा दोस्त होगा और न कोई ऐसा सिफारिशी जिसकी बात मान ली जाए
Wa Allāhu Yaqđī Bil-Ĥaqqi Wa ۖ Al-Ladhīna Yad`ūna Min Dūnihi Lā Yaqđūna Bishay'in ۗ 'Inna Allāha Huwa As-Samī`u Al-Başīru
040-020 और ख़ुदा ठीक ठीक हुक्म देता है, और उसके सिवा जिनकी ये लोग इबादत करते हैं वह तो कुछ भी हुक्म नहीं दे सकते, इसमें शक नहीं कि ख़ुदा सुनने वाला देखने वाला है
'Awa Lam Yasīrū Fī Al-'Arđi Fayanžurū Kayfa Kāna `Āqibatu Al-Ladhīna Kānū Min ۚ Qablihim Kānū Hum 'Ashadda MinhumQūwatan Wa 'Āthārāan Fī Al-'Arđi Fa'akhadhahumu Allāhu Bidhunūbihim Wa Mā Kāna Lahum Mini Allāhi Min Wāqin
040-021 क्या उन लोगों ने रूए ज़मीन पर चल फिर कर नहीं देखा कि जो लोग उनसे पहले थे उनका अन्जाम क्या हुआ (हालाँकि) वह लोग कुवत (शान और उम्र सब) में और ज़मीन पर अपनी निशानियाँ (यादगारें इमारतें) वग़ैरह छोड़ जाने में भी उनसे कहीं बढ़ चढ़ के थे तो ख़ुदा ने उनके गुनाहों की वजह से उनकी ले दे की, और ख़ुदा (के ग़ज़ब से) उनका कोई बचाने वाला भी न था
040-022 ये इस सबब से कि उनके पैग़म्बरान उनके पास वाज़ेए व रौशन मौजिज़े ले कर आए इस पर भी उन लोगों ने न माना तो ख़ुदा ने उन्हें ले डाला इसमें तो शक ही नहीं कि वह क़वी (और) सख्त अज़ाब वाला है
Falammā Jā'ahum Bil-Ĥaqqi Min `Indinā Qālū Aqtulū 'Abnā'a Al-Ladhīna 'Āmanū Ma`ahu Wa Astaĥyū Nisā'ahum ۚ Wa Mā Kaydu Al-Kāfirīna 'Illā Fī Đalālin
040-025 ग़रज़ जब मूसा उन लोगों के पास हमारी तरफ से सच्चा दीन ले कर आये तो वह बोले कि जो लोग उनके साथ ईमान लाए हैं उनके बेटों को तो मार डालों और उनकी औरतों को (लौन्डिया बनाने के लिए) ज़िन्दा रहने दो और काफ़िरों की तद्बीरें तो बे ठिकाना होती हैं
040-026 और फिरऔन कहने लगा मुझे छोड़ दो कि मैं मूसा को तो क़त्ल कर डालूँ, और ( मैं देखूँ ) अपने परवरदिगार को तो अपनी मदद के लिए बुलालें (भाईयों) मुझे अन्देशा है कि (मुबादा) तुम्हारे दीन को उलट पुलट कर डाले या मुल्क में फसाद पैदा कर दें
Wa Qāla Rajulun Mu'uminun Min 'Āli Fir`awna Yaktumu 'Īmānahu~ 'Ataqtulūna Rajulāan 'An Yaqūla Rabbiya Allāhu Wa Qad Jā'akum Bil-Bayyināti MinRabbikum ۖ Wa 'In Yaku Kādhibāan Fa`alayhi Kadhibuhu ۖ Wa 'In Yaku Şādiqāan Yuşibkum Ba`đu Al-Ladhī Ya`idukum ۖ 'Inna Allāha Lā Yahdī Man Huwa Musrifun Kadhdhābun
040-028 और फिरऔन के लोगों में एक ईमानदार शख्स (हिज़कील) ने जो अपने ईमान को छिपाए रहता था (लोगों से कहा) कि क्या तुम लोग ऐसे शख्स के क़त्ल के दरपै हो जो (सिर्फ) ये कहता है कि मेरा परवरदिगार अल्लाह है) हालाँकि वह तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से तुम्हारे पास मौजिज़े लेकर आया और अगर (बिल ग़रज़) ये शख्स झूठा है तो इसके झूठ का बवाल इसी पर पड़ेगा और अगर यह कहीं सच्चा हुआ तो जिस (अज़ाब की) तुम्हें ये धमकी देता है उसमें से कुछ तो तुम लोगों पर ज़रूर वाकेए होकर रहेगा बेशक ख़ुदा उस शख्स की हिदायत नहीं करता जो हद से गुज़रने वाला (और) झूठा हो
040-029 ऐ मेरी क़ौम आज तो (बेशक) तुम्हारी बादशाहत है (और) मुल्क में तुम्हारा ही बोल बाला है लेकिन (कल) अगर ख़ुदा का अज़ाब हम पर आ जाए तो हमारी कौन मदद करेगा फिरऔन ने कहा मैं तो वही बात समझाता हूँ जो मैं ख़़ुद समझता हूँ और वही राह दिखाता हूँ जिसमें भलाई है
Yawma Tuwallūna Mudbirīna Mā Lakum Mina Allāhi Min `Āşimin ۗ Wa Man Yuđlili Allāhu Famā Lahu Min Hādin
040-033 जिस दिन तुम पीठ फेर कर (जहन्नुम) की तरफ चल खड़े होगे तो ख़ुदा के (अज़ाब) से तुम्हारा बचाने वाला न होगा, और जिसको ख़ुदा गुमराही में छोड़ दे तो उसका कोई रूबराह करने वाला नहीं
Wa Laqad Jā'akum Yūsufu MinQablu Bil-Bayyināti Famā Ziltum Fī Shakkin Mimmā Jā'akum Bihi ۖ Ĥattá 'Idhā Halaka Qultum Lan Yab`atha Allāhu Min Ba`dihiRasūlāan ۚ Kadhālika Yuđillu Allāhu Man Huwa Musrifun Murtābun
040-034 और (इससे) पहले यूसुफ़ भी तुम्हारे पास मौजिज़े लेकर आए थे तो जो जो लाए थे तुम लोग उसमें बराबर शक ही करते रहे यहाँ तक कि जब उन्होने वफात पायी तो तुम कहने लगे कि अब उनके बाद ख़ुदा हरगिज़ कोई रसूल नहीं भेजेगा जो हद से गुज़रने वाला और शक करने वाला है ख़ुदा उसे यू हीं गुमराही में छोड़ देता है
040-035 जो लोग बगैर इसके कि उनके पास कोई दलील आई हो ख़ुदा की आयतों में (ख्वाह मा ख्वाह) झगड़े किया करते हैं वह ख़ुदा के नज़दीक और ईमानदारों के नज़दीक सख्त नफरत खेज़ हैं, यूँ ख़ुदा हर मुतकब्बिर सरकश के दिल पर अलामत मुक़र्रर कर देता है
'Asbāba As-Samāwāti Fa'aţţali`a 'Ilá 'Ilahi Mūsá Wa 'Innī La'ažunnuhu Kādhibāan ۚ Wa Kadhalika Zuyyina Lifir`awna Sū'u `Amalihi Wa Şudda `Ani As-Sabīli ۚ Wa Mā Kaydu Fir`awna 'Illā Fī Tabābin
040-037 (यानि) आसमानों के रसतों पर फिर मूसा के ख़ुदा को झांक कर (देख) लूँ और मैं तो उसे यक़ीनी झूठा समझता हूँ, और इसी तरह फिरऔन की बदकिरदारयाँ उसको भली करके दिखा दी गयीं थीं और वह राहे रास्ता से रोक दिया गया था, और फिरऔन की तद्बीर तो बस बिल्कुल ग़ारत गुल ही थीं
Man `Amila Sayyi'atan Falā Yujzá 'Illā Mithlahā ۖ Wa Man `Amila Şāliĥāan MinDhakarin 'Aw 'Unthá Wa Huwa Mu'uminun Fa'ūlā'ika Yadkhulūna Al-Jannata Yurzaqūna Fīhā Bighayri Ĥisābin
040-040 जो बुरा काम करेगा तो उसे बदला भी वैसा ही मिलेगा, और जो नेक काम करेगा मर्द हो या औरत मगर ईमानदार हो तो ऐसे लोग बेहिश्त में दाख़िल होंगे वहाँ उन्हें बेहिसाब रोज़ी मिलेगी
Tad`ūnanī Li'kfura Billāhi Wa 'Ushrika Bihi Mā Laysa Lī Bihi `Ilmun Wa 'Anā 'Ad`ūkum 'Ilá Al-`Azīzi Al-Ghaffāri
040-042 तुम मुझे बुलाते हो कि मै ख़ुदा के साथ कुफ्र करूं और उस चीज़ को उसका शरीक बनाऊ जिसका मुझे इल्म में भी नहीं, और मैं तुम्हें ग़ालिब (और) बड़े बख्शने वाले ख़ुदा की तरफ बुलाता हूँ
Lā Jarama 'Annamā Tad`ūnanī 'Ilayhi Laysa Lahu Da`watun Fī Ad-Dunyā Wa Lā Fī Al-'Ākhirati Wa 'Anna Maraddanā 'Ilá Allāhi Wa 'Anna Al-Musrifīna Hum 'Aşĥābu An-Nāri
040-043 बेशक तुम जिस चीज़ की तरफ़ मुझे बुलाते हो वह न तो दुनिया ही में पुकारे जाने के क़ाबिल है और न आख़िरत में और आख़िर में हम सबको ख़ुदा ही की तरफ लौट कर जाना है और इसमें तो शक ही नहीं कि हद से बढ़ जाने वाले जहन्नुमी हैं
040-044 तो जो मैं तुमसे कहता हूँ अनक़रीब ही उसे याद करोगे और मैं तो अपना काम ख़ुदा ही को सौंपे देता हूँ कुछ शक नहीं की ख़ुदा बन्दों ( के हाल ) को ख़ूब देख रहा है
An-Nāru Yu`rađūna `Alayhā Ghudūwāan Wa `Ashīyāan ۖ Wa Yawma Taqūmu As-Sā`atu 'Adkhilū 'Āla Fir`awna 'Ashadda Al-`Adhābi
040-046 और अब तो कब्र में दोज़ख़ की आग है कि वह लोग (हर) सुबह व शाम उसके सामने ला खड़े किए जाते हैं और जिस दिन क़यामत बरपा होगी (हुक्म होगा) फिरऔन के लोगों को सख्त से सख्त अज़ाब में झोंक दो
Wa 'Idh Yataĥājjūna Fī An-Nāri Fayaqūlu Ađ-Đu`afā'u Lilladhīna Astakbarū 'Innā Kunnā Lakum Taba`āan Fahal 'Antum Mughnūna `Annā Naşībāan Mina An-Nāri
040-047 और ये लोग जिस वक्त ज़हन्नुम में बाहम झगड़ेंगें तो कम हैसियत लोग बड़े आदमियों से कहेंगे कि हम तुम्हारे ताबे थे तो क्या तुम इस वक्त (दोज़ख़ की) आग का कुछ हिस्सा हमसे हटा सकते हो
040-050 वह जवाब देंगे कि क्या तुम्हारे पास तुम्हारे पैग़म्बर साफ व रौशन मौजिज़े लेकर नहीं आए थे वह कहेंगे (हाँ) आए तो थे, तब फरिश्ते तो कहेंगे फिर तुम ख़़ुद (क्यों) न दुआ करो, हालाँकि काफ़िरों की दुआ तो बस बेकार ही है
040-054 जो अक्लमन्दों के लिए (सरतापा) हिदायत व नसीहत है
هُدى ً وَذِكْرَى لِأولِي الأَلْبَابِ
Fāşbir 'Inna Wa`da Allāhi Ĥaqqun Wa Astaghfir Lidhanbika Wa Sabbiĥ Biĥamdi Rabbika Bil-`Ashīyi Wa Al-'Ibkāri
040-055 (ऐ रसूल) तुम (उनकी शरारत) पर सब्र करो बेशक ख़ुदा का वायदा सच्चा है, और अपने (उम्मत की) गुनाहों की माफी माँगो और सुबह व शाम अपने परवरदिगार की हम्द व सना के साथ तसबीह करते रहो
040-056 जिन लोगों के पास (ख़ुदा की तरफ से) कोई दलील तो आयी नहीं और (फिर) वह ख़ुदा की आयतों में (ख्वाह मा ख्वाह) झगड़े निकालते हैं, उनके दिल में बुराई (की बेजां हवस) के सिवा कुछ नहीं हालाँकि वह लोग उस तक कभी पहुँचने वाले नहीं तो तुम बस ख़ुदा की पनाह माँगते रहो बेशक वह बड़ा सुनने वाला (और) देखने वाला है
Wa Mā Yastawī Al-'A`má Wa Al-Başīru Wa Al-Ladhīna 'Āmanū Wa `Amilū Aş-Şāliĥāti Wa Lā Al-Musī'u ۚ Qalīlāan Mā Tatadhakkarūna
040-058 और अंधा और ऑंख वाला (दोनों) बराबर नहीं हो सकते और न मोमिनीन जिन्होने अच्छे काम किए और न बदकार (ही) बराबर हो सकते हैं बात ये है कि तुम लोग बहुत कम ग़ौर करते हो, कयामत तो ज़रूर आने वाली है
040-060 और तुम्हारा परवरदिगार इरशाद फ़रमाता है कि तुम मुझसे दुआएं माँगों मैं तुम्हारी (दुआ) क़ुबूल करूँगा जो लोग हमारी इबादत से अकड़ते हैं वह अनक़रीब ही ज़लील व ख्वार हो कर यक़ीनन जहन्नुम वासिल होंगे
040-061 ख़ुदा ही तो है जिसने तुम्हारे वास्ते रात बनाई ताकि तुम उसमें आराम करो और दिन को रौशन (बनाया) तकि काम करो बेशक ख़ुदा लोगों परा बड़ा फज़ल व करम वाला है, मगर अक्सर लोग उसका शुक्र नहीं अदा करते
Al-Lahu Al-Ladhī Ja`ala Lakumu Al-'Arđa Qarārāan Wa As-Samā'a Binā'an Wa Şawwarakum Fa'aĥsana Şuwarakum Wa Razaqakum Mina Aţ-Ţayyibāti ۚ Dhalikumu Allāhu Rabbukum ۖ Fatabāraka Allāhu Rabbu Al-`Ālamīna
040-064 अल्लाह ही तो है जिसने तुम्हारे वास्ते ज़मीन को ठहरने की जगह और आसमान को छत बनाया और उसी ने तुम्हारी सूरतें बनायीं तो अच्छी सूरतें बनायीं और उसी ने तुम्हें साफ सुथरी चीज़ें खाने को दीं यही अल्लाह तो तुम्हारा परवरदिगार है तो ख़ुदा बहुत ही मुतबर्रिक है जो सारे जहाँन का पालने वाला है
Huwa Al-Ĥayyu Lā 'Ilāha 'Illā Huwa Fād`ūhu Mukhlişīna Lahu Ad-Dīna ۗ Al-Ĥamdu Lillāh Rabbi Al-`Ālamīna
040-065 वही (हमेशा) ज़िन्दा है और उसके सिवा कोई माबूद नहीं तो निरी खरी उसी की इबादत करके उसी से ये दुआ माँगो, सब तारीफ ख़ुदा ही को सज़ावार है और जो सारे जहाँन का पालने वाला है
Qul 'Innī Nuhītu 'An 'A`buda Al-Ladhīna Tad`ūna Min Dūni Allāhi Lammā Jā'aniya Al-Bayyinātu MinRabbī Wa 'Umirtu 'An 'Uslima Lirabbi Al-`Ālamīna
040-066 (ऐ रसूल) तुम कह दो कि जब मेरे पास मेरे परवरदिगार की बारगाह से खुले हुए मौजिज़े आ चुके तो मुझे इस बात की मनाही कर दी गयी है कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनको तुम पूजते हो मैं उनकी परसतिश करूँ और मुझे तो यह हुक्म हो चुका है कि मैं सारे जहाँन के पालने वाले का फरमाबरदार बनु
Huwa Al-Ladhī Khalaqakum Min TurābinThumma Min NuţfatinThumma Min `AlaqatinThumma YukhrijukumŢiflāanThumma Litablughū 'AshuddakumThumma Litakūnū Shuyūkhāan ۚ Wa Minkum Man Yutawaffá MinQablu ۖ Wa Litablughū 'Ajalāan Musamman Wa La`allakum Ta`qilūna
040-067 वही वह ख़ुदा है जिसने तुमको पहले (पहल) मिटटी से पैदा किया फिर नुत्फे से, फिर जमे हुए ख़ून फिर तुमको बच्चा बनाकर (माँ के पेट) से निकलता है (ताकि बढ़ों) फिर (ज़िन्दा रखता है) ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो फिर (और ज़िन्दा रखता है ताकि तुम बूढ़े हो जाओ और तुममें से कोई ऐसा भी है जो (इससे) पहले मर जाता है ग़रज़ (तुमको उस वक्त तक ज़िन्दा रखता है) की तुम (मौत के) मुकर्रर वक्त तक पहुँच जाओ
Huwa Al-Ladhī Yuĥyī Wa Yumītu ۖ Fa'idhā Qađá 'Amrāan Fa'innamā Yaqūlu Lahu Kun Fayakūnu
040-068 और ताकि तुम (उसकी क़ुदरत को समझो) वह वही (ख़ुदा) है जो जिलाता और मारता है, फिर जब वह किसी काम का करना ठान लेता है तो बस उससे कह देता है कि 'हो जा' तो वह फ़ौरन हो जाता है
Al-Ladhīna Kadhdhabū Bil-Kitābi Wa Bimā 'Arsalnā BihiRusulanā ۖ Fasawfa Ya`lamūna
040-070 ये कहाँ भटके चले जा रहे हैं, जिन लोगों ने किताबे (ख़ुदा) और उन बातों को जो हमने पैग़म्बरों को देकर भेजा था झुठलाया तो बहुत जल्द उसका नतीजा उन्हें मालूम हो जाएगा
Min Dūni Allāhi ۖ Qālū Đallū `Annā Bal Lam Nakun Nad`ū MinQablu Shay'āan ۚ Kadhālika Yuđillu Allāhu Al-Kāfirīna
040-074 (इस वक्त) क़हाँ हैं वह कहेंगे अब तो वह हमसे जाते रहे बल्कि (सच यूँ है कि) हम तो पहले ही से (ख़ुदा के सिवा) किसी चीज़ की परसतिश न करते थे यूँ ख़ुदा काफिरों को बौखला देगा
040-077 तो (ऐ रसूल) तुम सब्र करो ख़ुदा का वायदा यक़ीनी सच्चा है तो जिस (अज़ाब) की हम उन्हें धमकी देते हैं अगर हम तुमको उसमें कुछ दिखा दें या तुम ही को (इसके क़ब्ल) दुनिया से उठा लें तो (आख़िर फिर) उनको हमारी तरफ लौट कर आना है,
Wa Laqad 'Arsalnā Rusulāan MinQablika Minhum ManQaşaşnā `Alayka Wa Minhum Man Lam Naqşuş `Alayka ۗ Wa Mā Kāna Lirasūlin 'An Ya'tiya Bi'āyatin 'Illā Bi'idhni Allāhi ۚ Fa'idhā Jā'a 'Amru Allāhi Quđiya Bil-Ĥaqqi Wa Khasira Hunālika Al-Mubţilūna
040-078 और तुमसे पहले भी हमने बहुत से पैग़म्बर भेजे उनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिनके हालात हमने तुमसे बयान कर दिए, और कुछ ऐसे हैं जिनके हालात तुमसे नहीं दोहराए और किसी पैग़म्बर की ये मजाल न थी कि ख़ुदा के ऐख्तेयार दिए बग़ैर कोई मौजिज़ा दिखा सकें फिर जब ख़ुदा का हुक्म (अज़ाब) आ पहुँचा तो ठीक ठीक फैसला कर दिया गया और अहले बातिल ही इस घाटे में रहे,
040-082 तो क्या ये लोग रूए ज़मीन पर चले फिरे नहीं, तो देखते कि जो लोग इनसे पहले थे उनका क्या अंजाम हुआ, जो उनसे (तादाद में) कहीं ज्यादा थे और क़ूवत और ज़मीन पर (अपनी) निशानियाँ (यादगारें) छोड़ने में भी कहीं बढ़ चढ़ कर थे तो जो कुछ उन लोगों ने किया कराया था उनके कुछ भी काम न आया
Falammā Jā'at/humRusuluhum Bil-Bayyināti Fariĥū Bimā `Indahum Mina Al-`Ilmi Wa Ĥāqa Bihim Mā Kānū Bihi Yastahzi'ūn
040-083 फिर जब उनके पैग़म्बर उनके पास वाज़ेए व रौशन मौजिज़े ले कर आए तो जो इल्म (अपने ख्याल में) उनके पास था उस पर नाज़िल हुए और जिस (अज़ाब) की ये लोग हँसी उड़ाते थे उसी ने उनको चारों तरफ से घेर लिया
040-085 तो जब उन लोगों ने हमारा (अज़ाब) आते देख लिया तो अब उनका ईमान लाना कुछ भी फायदेमन्द नहीं हो सकता (ये) ख़ुदा की आदत (है) जो अपने बन्दों के बारे में (सदा से) चली आती है और काफ़िर लोग इस वक्त घाटे मे रहे