'Alā Lillāh Ad-Dīnu Al-Khālişu Wa ۚ Al-Ladhīna Attakhadhū Min Dūnihi~ 'Awliyā'a Mā Na`buduhum 'Illā Liyuqarribūnā 'Ilá Allāhi Zulfá 'Inna Allāha Yaĥkumu Baynahum Fī Mā Hum Fīhi Yakhtalifūna ۗ 'Inna Allāha Lā Yahdī Man Huwa Kādhibun Kaffārun
039-003 आगाह रहो कि इबादत तो ख़ास खुदा ही के लिए है और जिन लोगों ने खुदा के सिवा (औरों को अपना) सरपरस्त बना रखा है और कहते हैं कि हम तो उनकी परसतिश सिर्फ़ इसलिए करते हैं कि ये लोग खुदा की बारगाह में हमारा तक़र्रब बढ़ा देगें इसमें शक नहीं कि जिस बात में ये लोग झगड़ते हैं (क़यामत के दिन) खुदा उनके दरमियान इसमें फैसला कर देगा बेशक खुदा झूठे नाशुक्रे को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता
Law 'Arāda Allāhu 'An Yattakhidha Waladāan Lāşţafá Mimmā Yakhluqu Mā Yashā'u ۚ Subĥānahu ۖ Huwa Allāhu Al-Wāĥidu Al-Qahhāru
039-004 अगर खुदा किसी को (अपना) बेटा बनाना चाहता तो अपने मख़लूक़ात में से जिसे चाहता मुन्तखिब कर लेता (मगर) वह तो उससे पाक व पाकीज़ा है वह तो यकता बड़ा ज़बरदस्त अल्लाह है
Khalaqa As-Samāwāti Wa Al-'Arđa Bil-Ĥaqqi ۖ Yukawwiru Al-Layla `Alá An-Nahāri Wa Yukawwiru An-Nahāra `Alá Al-Layli ۖ Wa Sakhkhara Ash-Shamsa Wa Al-Qamara ۖ Kullun Yajrī Li'jalin Musamman ۗ 'Alā Huwa Al-`Azīzu Al-Ghaffāru
039-005 उसी ने सारे आसमान और ज़मीन को बजा (दुरूस्त) पैदा किया वही रात को दिन पर ऊपर तले लपेटता है और वही दिन को रात पर तह ब तह लपेटता है और उसी ने आफताब और महताब को अपने बस में कर लिया है कि ये सबके सब अपने (अपने) मुक़रर्र वक्त चलते रहेगें आगाह रहो कि वही ग़ालिब बड़ा बख्शने वाला है
Khalaqakum Min Nafsin WāĥidatinThumma Ja`ala Minhā Zawjahā Wa 'Anzala Lakum Mina Al-'An`āmThamāniyata 'Azwājin ۚ Yakhluqukum Fī Buţūni 'UmmahātikumKhalqāan Min Ba`di Khalqin Fī ŽulumātinThalāthin ۚ Dhalikumu Allāhu Rabbukum Lahu Al-Mulku ۖ Lā 'Ilāha 'Illā Huwa ۖ Fa'anná Tuşrafūna
039-006 उसी ने तुम सबको एक ही शख्स से पैदा किया फिर उस (की बाक़ी मिट्टी) से उसकी बीबी (हौव्वा) को पैदा किया और उसी ने तुम्हारे लिए आठ क़िस्म के चारपाए पैदा किए वही तुमको तुम्हारी माँओं के पेट में एक क़िस्म की पैदाइश के बाद दूसरी क़िस्म (नुत्फे जमा हुआ खून लोथड़ा) की पैदाइश से तेहरे तेहरे अंधेरों (पेट) रहम और झिल्ली में पैदा करता है वही अल्लाह तुम्हारा परवरदिगार है उसी की बादशाही है उसके सिवा माबूद नहीं तो तुम लोग कहाँ फिरे जाते हो
039-007 अगर तुमने उसकी नाशुक्री की तो (याद रखो कि) खुदा तुमसे बिल्कुल बेपरवाह है और अपने बन्दों से कुफ्र और नाशुक्री को पसन्द नहीं करता और अगर तुम शुक्र करोगे तो वह उसको तुम्हारे वास्ते पसन्द करता है और (क़यामत में) कोई किसी (के गुनाह) का बोझ (अपनी गर्दन पर) नहीं उठाएगा फिर तुमको अपने परवरदिगार की तरफ लौटना है तो (दुनिया में) जो कुछ (भला बुरा) करते थे वह तुम्हें बता देगा वह यक़ीनन दिलों के राज़ (तक) से खूब वाक़िफ है
Wa 'Idhā Massa Al-'Insāna Đurrun Da`ā Rabbahu Munībāan 'Ilayhi Thumma 'Idhā Khawwalahu Ni`matan Minhu Nasiya Mā Kāna Yad`ū 'Ilayhi MinQablu Wa Ja`ala Lillāh 'Andādāan Liyuđilla `An Sabīlihi ۚ Qul Tamatta` Bikufrika Qalīlāan ۖ 'Innaka Min 'Aşĥābi An-Nāri
039-008 और आदमी (की हालत तो ये है कि) जब उसको कोई तकलीफ पहुँचती है तो उसी की तरफ रूजू करके अपने परवरदिगार से दुआ करता है (मगर) फिर जब खुदा अपनी तरफ से उसे नेअमत अता फ़रमा देता है तो जिस काम के लिए पहले उससे दुआ करता था उसे भुला देता है और बल्कि खुदा का शरीक बनाने लगता है ताकि (उस ज़रिए से और लोगों को भी) उसकी राह से गुमराह कर दे (ऐ रसूल ऐसे शख्स से) कह दो कि थोड़े दिनों और अपने कुफ्र (की हालत) में चैन कर लो
'Amman Huwa Qānitun 'Ānā'a Al-Layli Sājidāan Wa Qā'imāan Yaĥdharu Al-'Ākhirata Wa Yarjū Raĥmata Rabbihi ۗ Qul Hal Yastawī Al-Ladhīna Ya`lamūna Wa Al-Ladhīna Lā Ya`lamūna ۗ 'Innamā Yatadhakkaru 'Ūlū Al-'Albābi
039-009 (आख़िर) तू यक़ीनी जहन्नुमियों में होगा क्या जो शख्स रात के अवक़ात में सजदा करके और खड़े-खड़े (खुदा की) इबादत करता हो और आख़ेरत से डरता हो अपने परवरदिगार की रहमत का उम्मीदवार हो (नाशुक्रे) काफिर के बराबर हो सकता है (ऐ रसूल) तुम पूछो तो कि भला कहीं जानने वाले और न जाननेवाले लोग बराबर हो सकते हैं (मगर) नसीहत इबरतें तो बस अक्लमन्द ही लोग मानते हैं
039-010 (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ मेरे ईमानदार बन्दों अपने परवरदिगार (ही) से डरते रहो (क्योंकि) जिन लोगों ने इस दुनिया में नेकी की उन्हीं के लिए (आख़ेरत में) भलाई है और खुदा की ज़मीन तो कुशादा है (जहाँ इबादत न कर सको उसे छोड़ दो) सब्र करने वालों ही की तो उनका भरपूर बेहिसाब बदला दिया जाएगा
Fā`budū Mā Shi'tum Min Dūnihi ۗ Qul 'Inna Al-Khāsirīna Al-Ladhīna Khasirū 'Anfusahum Wa 'Ahlīhim Yawma Al-Qiyāmati ۗ 'Alā Dhālika Huwa Al-Khusrānu Al-Mubīnu
039-015 (ऐ रसूल) तुम कह दो कि फिल हक़ीक़त घाटे में वही लोग हैं जिन्होंने अपना और अपने लड़के वालों का क़यामत के दिन घाटा किया आगाह रहो कि सरीही (खुल्लम खुल्ला) घाटा यही है कि उनके लिए उनके ऊपर से आग ही के ओढ़ने होगें
039-018 तो (ऐ रसूल) तुम मेरे (ख़ास) बन्दों को खुशख़बरी दे दो जो बात को जी लगाकर सुनते हैं और फिर उसमें से अच्छी बात पर अमल करते हैं यही वह लोग हैं जिनकी खुदा ने हिदायत की और यही लोग अक्लमन्द हैं
Lakini Al-Ladhīna Attaqaw Rabbahum LahumGhurafun Min Fawqihā Ghurafun Mabnīyatun Tajrī Min Taĥtihā Al-'Anhāru ۖ Wa`da Allāhi ۖ Lā Yukhlifu Allāhu Al-Mī`ād
039-020 जो आग में (पड़ा) हो मगर जो लोग अपने परवरदिगार से डरते रहे उनके ऊँचे-ऊँचे महल हैं (और) बाला ख़ानों पर बालाख़ाने बने हुए हैं जिनके नीचे नहरें जारी हैं ये खुदा का वायदा है (और) वायदा ख़िलाफी नहीं किया करता
039-021 क्या तुमने इस पर ग़ौर नहीं किया कि खुदा ही ने आसमान से पानी बरसाया फिर उसको ज़मीन में चश्में बनाकर जारी किया फिर उसके ज़रिए से रंग बिरंग (के गल्ले) की खेती उगाता है फिर (पकने के बाद) सूख जाती है तो तुम को वह ज़र्द दिखायी देती है फिर खुदा उसे चूर-चूर भूसा कर देता है बेशक इसमें अक्लमन्दों के लिए (बड़ी) इबरत व नसीहत है
039-022 तो क्या वह शख्स जिस के सीने को खुदा ने (क़ुबूल) इस्लाम के लिए कुशादा कर दिया है तो वह अपने परवरदिगार (की हिदायत) की रौशनी पर (चलता) है मगर गुमराहों के बराबर हो सकता है अफसोस तो उन लोगों पर है जिनके दिल खुदा की याद से (ग़ाफ़िल होकर) सख्त हो गए हैं
Al-Lahu Nazzala 'Aĥsana Al-Ĥadīthi Kitābāan Mutashābihāan Mathāniya Taqsha`irru Minhu Julūdu Al-Ladhīna Yakhshawna RabbahumThumma Talīnu Julūduhum Wa Qulūbuhum 'Ilá Dhikri Allāhi ۚ Dhālika Hudá Allāhi Yahdī Bihi Man Yashā'u ۚ Wa Man Yuđlili Allāhu Famā Lahu Min Hādin
039-023 ये लोग सरीही गुमराही में (पड़े) हैं ख़ुदा ने बहुत ही अच्छा कलाम (यावी ये) किताब नाज़िल फरमाई (जिसकी आयतें) एक दूसरे से मिलती जुलती हैं और (एक बात कई-कई बार) दोहराई गयी है उसके सुनने से उन लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं जो अपने परवरदिगार से डरते हैं फिर उनके जिस्म नरम हो जाते हैं और उनके दिल खुदा की याद की तरफ बा इतमेनान मुतावज्जे हो जाते हैं ये खुदा की हिदायत है इसी से जिसकी चाहता है हिदायत करता है और खुदा जिसको गुमराही में छोड़ दे तो उसको कोई राह पर लाने वाला नहीं
039-024 तो क्या जो शख्स क़यामत के दिन अपने मुँह को बड़े अज़ाब की सिपर बनाएगा (नाज़ी के बराबर हो सकता है) और ज़ालिमों से कहा जाएगा कि तुम (दुनिया में) जैसा कुछ करते थे अब उसके मज़े चखो
Đaraba Allāhu MathalāanRajulāan Fīhi Shurakā'u Mutashākisūna Wa Rajulāan Salamāan Lirajulin Hal Yastawiyāni Mathalāan ۚ Al-Ĥamdu Lillāh ۚ Bal 'Aktharuhum Lā Ya`lamūna
039-029 ताकि ये लोग (समझकर) खुदा से डरे ख़ुदा ने एक मिसाल बयान की है कि एक शख्स (ग़ुलाम) है जिसमें कई झगड़ालू साझी हैं और एक ज़ालिम है कि पूरा एक शख्स का है उन दोनों की हालत यकसाँ हो सकती हैं (हरगिज़ नहीं) अल्हमदोलिल्लाह मगर उनमें अक्सर इतना भी नहीं जानते
039-032 तो इससे बढ़कर ज़ालिम कौन होगा जो ख़ुदा पर झूठ (तूफान) बाँधे और जब उसके पास सच्ची बात आए तो उसको झुठला दे क्या जहन्नुम में कााफिरों का ठिकाना नहीं है
'Alaysa Allāhu Bikāfin `Abdahu ۖ Wa Yukhawwifūnaka Bial-Ladhīna Min Dūnihi ۚ Wa Man Yuđlili Allāhu Famā Lahu Min Hādin
039-036 क्या ख़ुदा अपने बन्दों (की मदद) के लिए काफ़ी नहीं है (ज़रूर है) और (ऐ रसूल) तुमको लोग ख़ुदा के सिवा (दूसरे माबूदों) से डराते हैं और ख़ुदा जिसे गुमराही में छोड़ दे तो उसका कोई राह पर लाने वाला नहीं है
Wa La'in Sa'altahum Man Khalaqa As-Samāwāti Wa Al-'Arđa Layaqūlunna Allāhu ۚ Qul 'Afara'aytum Mā Tad`ūna Min Dūni Allāhi 'In 'Arādaniya Allāhu Biđurrin Hal Hunna Kāshifātu Đurrihi~ 'Aw 'Arādanī Biraĥmatin Hal Hunna Mumsikātu Raĥmatihi ۚ Qul Ĥasbiya Allāhu ۖ `Alayhi Yatawakkalu Al-Mutawakkilūna
039-038 और (ऐ रसूल) अगर तुम इनसे पूछो कि सारे आसमान व ज़मीन को किसने पैदा किया तो ये लोग यक़ीनन कहेंगे कि ख़ुदा ने, तुम कह दो कि तो क्या तुमने ग़ौर किया है कि ख़ुदा को छोड़ कर जिन लोगों की तुम इबादत करते हो अगर ख़ुदा मुझे कोई तक़लीफ पहुँचाना चाहे तो क्या वह लोग उसके नुक़सान को (मुझसे) रोक सकते हैं या अगर ख़ुदा मुझ पर मेहरबानी करना चाहे तो क्या वह लोग उसकी मेहरबानी रोक सकते हैं (ऐ रसूल) तुम कहो कि ख़ुदा मेरे लिए काफ़ी है उसी पर भरोसा करने वाले भरोसा करते हैं
Man Ya'tīhi `Adhābun Yukhzīhi Wa Yaĥillu `Alayhi `Adhābun Muqīmun
039-040 भी (अपनी जगह) कुछ कर रहा हूँ, फिर अनक़रीब ही तुम्हें मालूम हो जाएगा कि किस पर वह आफत आती है जो उसको (दुनिया में) रूसवा कर देगी और (आख़िर में) उस पर दायमी अज़ाब भी नाज़िल होगा
039-041 (ऐ रसूल) हमने तुम्हारे पास (ये) किताब (क़ुरान) सच्चाई के साथ लोगों (की हिदायत) के वास्ते नाज़िल की है, पस जो राह पर आया तो अपने ही (भले के) लिए और जो गुमराह हुआ तो उसकी गुमराही का वबाल भी उसी पर है और फिर तुम कुछ उनके ज़िम्मेदार तो हो नहीं
039-042 ख़ुदा ही लोगों के मरने के वक्त उनकी रूहें (अपनी तरफ़) खींच बुलाता है और जो लोग नहीं मरे (उनकी रूहें) उनकी नींद में (खींच ली जाती हैं) बस जिन के बारे में ख़ुदा मौत का हुक्म दे चुका है उनकी रूहों को रोक रखता है और बाक़ी (सोने वालों की रूहों) को फिर एक मुक़र्रर वक्त तक के वास्ते भेज देता है जो लोग (ग़ौर) और फिक्र करते हैं उनके लिए (क़ुदरते ख़ुदा की) यक़ीनी बहुत सी निशानियाँ हैं
039-044 (तो भी सिफारिशी बनाओगे) तुम कह दो कि सारी सिफारिश तो ख़ुदा के लिए ख़ास है- सारे आसमान व ज़मीन की हुकूमत उसी के लिए ख़ास है, फिर तुम लोगों को उसकी तरफ लौट कर जाना है
Wa 'Idhā Dhukira Allāhu Waĥdahu Ashma'azzat Qulūbu Al-Ladhīna Lā Yu'uminūna Bil-'Ākhirati ۖ Wa 'Idhā Dhukira Al-Ladhīna Min Dūnihi~ 'Idhā Hum Yastabshirūna
039-045 और जब सिर्फ अल्लाह का ज़िक्र किया जाता है तो जो लोग आख़ेरत पर ईमान नहीं रखते उनके दिल मुतनफ़िफ़र हो जाते हैं और जब ख़ुदा के सिवा और (माबूदों) का ज़िक्र किया जाता है तो बस फौरन उनकी बाछें खिल जाती हैं
Quli Allāhumma Fāţira As-Samāwāti Wa Al-'Arđi `Ālima Al-Ghaybi Wa Ash-Shahādati 'Anta Taĥkumu Bayna `Ibādika Fī Mā Kānū Fīhi Yakhtalifūna
039-046 (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ ख़ुदा (ऐ) सारे आसमान और ज़मीन पैदा करने वाले, ज़ाहिर व बातिन के जानने वाले हक़ बातों में तेरे बन्दे आपस में झगड़ रहे हैं तू ही उनके दरमियान फैसला कर देगा
Wa Law 'Anna Lilladhīna Žalamū Mā Fī Al-'Arđi Jamī`āan Wa Mithlahu Ma`ahu Lāftadaw Bihi Min Sū'i Al-`Adhābi Yawma Al-Qiyāmati ۚ Wa Badā Lahum Mina Allāhi Mā Lam Yakūnū Yaĥtasibūna
039-047 और अगर नाफरमानों के पास रूए ज़मीन की सारी काएनात मिल जाएग बल्कि उनके साथ उतनी ही और भी हो तो क़यामत के दिन ये लोग यक़ीनन सख्त अज़ाब का फ़िदया दे निकलें (और अपना छुटकारा कराना चाहें) और (उस वक्त) उनके सामने ख़ुदा की तरफ से वह बात पेश आएगी जिसका उन्हें वहम व गुमान भी न था
Fa'idhā Massa Al-'Insāna Đurrun Da`ānā Thumma 'Idhā Khawwalnāhu Ni`matan Minnā Qāla 'Innamā 'Ūtītuhu `Alá `Ilmin ۚ Bal Hiya Fitnatun Wa Lakinna 'Aktharahum Lā Ya`lamūna
039-049 इन्सान को तो जब कोई बुराई छू गयी बस वह लगा हमसे दुआएँ माँगने, फिर जब हम उसे अपनी तरफ़ से कोई नेअमत अता करते हैं तो कहने लगता है कि ये तो सिर्फ (मेरे) इल्म के ज़ोर से मुझे दिया गया है (ये ग़लती है) बल्कि ये तो एक आज़माइश है मगर उन में के अक्सर नहीं जानते हैं
Fa'aşābahum Sayyi'ātu Mā Kasabū Wa ۚ Al-Ladhīna Žalamū Min Hā'uulā' Sayuşībuhum Sayyi'ātu Mā Kasabū Wa Mā Hum Bimu`jizīna
039-051 ग़रज़ उनके आमाल के बुरे नतीजे उन्हें भुगतने पड़े और उन (कुफ्फ़ारे मक्का) में से जिन लोगों ने नाफरमानियाँ की हैं उन्हें भी अपने अपने आमाल की सज़ाएँ भुगतनी पड़ेंगी और ये लोग (ख़ुदा को)े आजिज़ नहीं कर सकते
'Awalam Ya`lamū 'Anna Allāha Yabsuţu Ar-Rizqa Liman Yashā'u Wa Yaqdiru ۚ 'Inna Fī Dhālika La'āyātin Liqawmin Yu'uminūna
039-052 क्या उन लोगों को इतनी बात भी मालूम नहीं कि ख़ुदा ही जिसके लिए चाहता है रोज़ी फराख़ करता है और (जिसके लिए चाहता है) तंग करता है इसमें शक नहीं कि क्या इसमें ईमानदार लोगों के (कुदरत की) बहुत सी निशानियाँ हैं
039-053 (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ मेरे (ईमानदार) बन्दों जिन्होने (गुनाह करके) अपनी जानों पर ज्यादतियाँ की हैं तुम लोग ख़ुदा की रहमत से नाउम्मीद न होना बेशक ख़ुदा (तुम्हारे) कुल गुनाहों को बख्श देगा वह बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
Wa 'Anībū 'Ilá Rabbikum Wa 'Aslimū Lahu MinQabli 'An Ya'tiyakumu Al-`Adhābu Thumma Lā Tunşarūna
039-054 और अपने परवरदिगार की तरफ रूजू करो और उसी के फरमाबरदार बन जाओ (मगर) उस वक्त क़े क़ब्ल ही कि तुम पर जब अज़ाब आ नाज़िल हो (और) फिर तुम्हारी मदद न की जा सके
Wa Attabi`ū 'Aĥsana Mā 'Unzila 'Ilaykum MinRabbikum MinQabli 'An Ya'tiyakumu Al-`Adhābu Baghtatan Wa 'Antum Lā Tash`urūna
039-055 और जो जो अच्छी बातें तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से तुम पर नाज़िल हई हैं उन पर चलो (मगर) उसके क़ब्ल कि तुम पर एक बारगी अज़ाब नाज़िल हो और तुमको उसकी ख़बर भी न हो
039-056 (कहीं ऐसा न हो कि) (तुममें से) कोई शख्स कहने लगे कि हाए अफ़सोस मेरी इस कोताही पर जो मैने ख़ुदा (की बारगाह) का तक़र्रुब हासिल करने में की और मैं तो बस उन बातों पर हँसता ही रहा
Balá Qad Jā'atka 'Āyātī Fakadhdhabta Bihā Wa Astakbarta Wa Kunta Mina Al-Kāfirīna
039-059 उस वक्त ख़ुदा कहेगा ( हाँ ) हाँ तेरे पास मेरी आयतें पहुँची तो तूने उन्हें झुठलाया और शेख़ी कर बैठा और तू भी काफिरों में से था (अब तेरी एक न सुनी जाएगी)
039-060 और जिन लोगों ने ख़ुदा पर झूठे बोहतान बाँधे - तुम क़यामत के दिन देखोगे उनके चेहरे सियाह होंगे क्या गुरूर करने वालों का ठिकाना जहन्नुम में नहीं है (ज़रूर है)
Wa Yunajjī Al-Lahu Al-Ladhīna Attaqaw Bimafāzatihim Lā Yamassuhumu As-Sū'u Wa Lā Hum Yaĥzanūna
039-061 और जो लोग परहेज़गार हैं ख़ुदा उन्हें उनकी कामयाबी (और सआदत) के सबब निजात देगा कि उन्हें तकलीफ छुएगी भी नहीं और न यह लोग (किसी तरह) रंजीदा दिल होंगे
Wa Laqad 'Ūĥiya 'Ilayka Wa 'Ilá Al-Ladhīna MinQablika La'in 'Ashrakta Layaĥbaţanna `Amaluka Wa Latakūnanna Mina Al-Khāsirīna
039-065 और (ऐ रसूल) तुम्हारी तरफ और उन (पैग़म्बरों) की तरफ जो तुमसे पहले हो चुके हैं यक़ीनन ये वही भेजी जा की है कि अगर (कहीं) शिर्क किया तो यक़ीनन तुम्हारे सारे अमल अकारत हो जाएँगे और तुम तो ज़रूर घाटे में आ जाओगे
Wa Mā Qadarū Allaha Ĥaqqa Qadrihi Wa Al-'Arđu Jamī`āanQabđatuhu Yawma Al-Qiyāmati Wa As-Samāwātu Maţwīyātun Biyamīnihi ۚ Subĥānahu Wa Ta`ālá `Ammā Yushrikūna
039-067 और उन लोगों ने ख़ुदा की जैसी क़द्र दानी करनी चाहिए थी उसकी ( कुछ भी ) कद्र न की हालाँकि ( वह ऐसा क़ादिर है कि) क़यामत के दिन सारी ज़मीन (गोया) उसकी मुट्ठी में होगी और सारे आसमान (गोया) उसके दाहिने हाथ में लिपटे हुए हैं जिसे ये लोग उसका शरीक बनाते हैं वह उससे पाकीज़ा और बरतर है
Wa Nufikha Fī Aş-Şūri Faşa`iqa Man Fī As-Samāwāti Wa Man Fī Al-'Arđi 'Illā ManShā'a Allāhu ۖ Thumma Nufikha Fīhi 'Ukhrá Fa'idhā HumQiyāmun Yanžurūna
039-068 और जब (पहली बार) सूर फँका जाएगा तो जो लोग आसमानों में हैं और जो लोग ज़मीन में हैं (मौत से) बेहोश होकर गिर पड़ेंगें) मगर (हाँ) जिस को ख़ुदा चाहे वह अलबत्ता बच जाएगा) फिर जब दोबारा सूर फूँका जाएगा तो फौरन सब के सब खड़े हो कर देखने लगेंगें
Wa 'Ashraqati Al-'Arđu Binūri Rabbihā Wa Wuđi`a Al-Kitābu Wa Jī'a Bin-Nabīyīna Wa Ash-Shuhadā'i Wa Quđiya Baynahum Bil-Ĥaqqi Wa Hum Lā Yužlamūna
039-069 और ज़मीन अपने परवरदिगार के नूर से जगमगा उठेगी और (आमाल की) किताब (लोगों के सामने) रख दी जाएगी और पैग़म्बर और गवाह ला हाज़िर किए जाएँगे और उनमें इन्साफ के साथ फैसला कर दिया जाएगा और उन पर ( ज़र्रा बराबर ) ज़ुल्म नहीं किया जाएगा
Wa Sīqa Al-Ladhīna Kafarū 'Ilá Jahannama Zumarāan ۖ Ĥattá 'Idhā Jā'ūhā Futiĥat 'Abwābuhā Wa Qāla LahumKhazanatuhā 'Alam Ya'tikumRusulun Minkum Yatlūna `Alaykum 'Āyāti Rabbikum Wa Yundhirūnakum Liqā'a Yawmikum Hādhā ۚ Qālū Balá Wa Lakin Ĥaqqat Kalimatu Al-`Adhābi `Alá Al-Kāfirīna
039-071 और जो लोग काफिर थे उनके ग़ोल के ग़ोल जहन्नुम की तरफ हॅकाए जाएँगे और यहाँ तक की जब जहन्नुम के पास पहुँचेगें तो उसके दरवाज़े खोल दिए जाएगें और उसके दरोग़ा उनसे पूछेंगे कि क्या तुम लोगों में के पैग़म्बर तुम्हारे पास नहीं आए थे जो तुमको तुम्हारे परवरदिगार की आयतें पढ़कर सुनाते और तुमको इस रोज़ (बद) के पेश आने से डराते वह लोग जवाब देगें कि हाँ (आए तो थे) मगर (हमने न माना) और अज़ाब का हुक्म काफिरों के बारे में पूरा हो कर रहेगा
Wa Sīqa Al-Ladhīna Attaqaw Rabbahum 'Ilá Al-Jannati Zumarāan ۖ Ĥattá 'Idhā Jā'ūhā Wa Futiĥat 'Abwābuhā Wa Qāla LahumKhazanatuhā Salāmun `AlaykumŢibtum Fādkhulūhā Khālidīna
039-073 और जो लोग अपने परवरदिगार से डरते थे वह गिर्दो गिर्दा (गिरोह गिरोह) बेहिश्त की तरफ़ (एजाज़ व इकराम से) बुलाए जाएगें यहाँ तक कि जब उसके पास पहुँचेगें और बेहिश्त के दरवाज़े खोल दिये जाएँगें और उसके निगेहबान उन से कहेंगें सलाम अलैकुम तुम अच्छे रहे, तुम बेहिश्त में हमेशा के लिए दाख़िल हो जाओ
Wa Qālū Al-Ĥamdu Lillāh Al-Ladhī Şadaqanā Wa`dahu Wa 'Awrathanā Al-'Arđa Natabawwa'u Mina Al-Jannati Ĥaythu Nashā'u ۖ Fani`ma 'Ajru Al-`Āmilīna
039-074 और ये लोग कहेंगें ख़ुदा का शुक्र जिसने अपना वायदा हमसे सच्चा कर दिखाया और हमें (बेहिश्त की) सरज़मीन का मालिक बनाया कि हम बेहिश्त में जहाँ चाहें रहें तो नेक चलन वालों की भी क्या ख़ूब (खरी) मज़दूरी है
Wa Tará Al-Malā'ikata Ĥāffīna Min Ĥawli Al-`Arshi Yusabbiĥūna Biĥamdi Rabbihim ۖ Wa Quđiya Baynahum Bil-Ĥaqqi Wa Qīla Al-Ĥamdu Lillāh Rabbi Al-`Ālamīna
039-075 और (उस दिन) फरिश्तों को देखोगे कि अर्श के गिर्दा गिर्द घेरे हुए डटे होंगे और अपने परवरदिगार की तारीफ की (तसबीह) कर रहे होंगे और लोगों के दरमियान ठीक फैसला कर दिया जाएगा और (हर तरफ से यही) सदा बुलन्द होगी अल्हमदो लिल्लाहे रब्बिल आलेमीन