Wa Mina An-Nāsi Man Yashtarī Lahwa Al-Ĥadīthi Liyuđilla `An Sabīli Allāhi Bighayri `Ilmin Wa Yattakhidhahā Huzūan ۚ 'Ūla'ika Lahum `Adhābun Muhīnun
031-006 और लोगों में बाज़ (नज़र बिन हारिस) ऐसा है जो बेहूदा क़िस्से (कहानियाँ) ख़रीदता है ताकि बग़ैर समझे बूझे (लोगों को) ख़ुदा की (सीधी) राह से भड़का दे और आयातें ख़ुदा से मसख़रापन करे ऐसे ही लोगों के लिए बड़ा रुसवा करने वाला अज़ाब है
031-007 और जब उसके सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं तो शेख़ी के मारे मुँह फेरकर (इस तरह) चल देता है गोया उसने इन आयतों को सुना ही नहीं जैसे उसके दोनो कानों में ठेठी है तो (ऐ रसूल) तुम उसको दर्दनाक अज़ाब की (अभी से) खुशख़बरी दे दे
Khalaqa As-Samāwāti Bighayri `Amadin Tarawnahā ۖ Wa 'Alqá Fī Al-'Arđi Rawāsiya 'An Tamīda Bikum Wa Baththa Fīhā Min Kulli Dābbatin ۚ Wa 'Anzalnā Mina As-Samā'i Mā'an Fa'anbatnā Fīhā Min Kulli Zawjin Karīmin
031-010 तुम उन्हें देख रहे हो कि उसी ने बग़ैर सुतून के आसमानों को बना डाला और उसी ने ज़मीन पर (भारी भारी) पहाड़ों के लंगर डाल दिए कि (मुबादा) तुम्हें लेकर किसी तरफ जुम्बिश करे और उसी ने हर तरह चल फिर करने वाले (जानवर) ज़मीन में फैलाए और हमने आसमान से पानी बरसाया और (उसके ज़रिए से) ज़मीन में हर रंग के नफ़ीस जोड़े पैदा किए
Hādhā Khalqu Allāhi Fa'arūnī Mādhā Khalaqa Al-Ladhīna Min Dūnihi ۚ Bali Až-Žālimūna Fī Đalālin Mubīnin
031-011 (ऐ रसूल उनसे कह दो कि) ये तो खुदा की ख़िलक़त है कि (भला) तुम लोग मुझे दिखाओं तो कि जो (जो माबूद) ख़ुदा के सिवा तुमने बना रखे है उन्होंने क्या पैदा किया बल्कि सरकश लोग (कुफ्फ़ार) सरीही गुमराही में (पडे) हैं
Wa Laqad 'Ātaynā Luqmāna Al-Ĥikmata 'Ani Ashkur Lillāh ۚ Wa Man Yashkur Fa'innamā Yashkuru Linafsihi ۖ Wa Man Kafara Fa'inna Allāha Ghanīyun Ĥamīdun
031-012 और यक़ीनन हम ने लुक़मान को हिकमत अता की (और हुक्म दिया था कि) तुम ख़ुदा का शुक्र करो और जो ख़ुदा का शुक्र करेगा-वह अपने ही फायदे के लिए शुक्र करता है और जिसने नाशुक्री की तो (अपना बिगाड़ा) क्योंकी ख़ुदा तो (बहरहाल) बे परवाह (और) क़ाबिल हमदो सना है
Wa 'IdhQāla Luqmānu Liābnihi Wa Huwa Ya`ižuhu Yā Bunayya Lā Tushrik Billāhi~ ۖ 'Inna Ash-Shirka Lažulmun `Ažīmun
031-013 और (वह वक्त याद करो) जब लुक़मान ने अपने बेटे से उसकी नसीहत करते हुए कहा ऐ बेटा (ख़बरदार कभी किसी को) ख़ुदा का शरीक न बनाना (क्योंकि) शिर्क यक़ीनी बड़ा सख्त गुनाह है
Wa Waşşaynā Al-'Insāna Biwālidayhi Ĥamalat/hu 'Ummuhu Wahnāan `Alá Wahnin Wa Fişāluhu Fī `Āmayni 'Ani Ashkur Lī Wa Liwālidayka 'Ilayya Al-Maşīru
031-014 (जिस की बख़्शिस नहीं) और हमने इन्सान को जिसे उसकी माँ ने दुख पर दुख सह के पेट में रखा (इसके अलावा) दो बरस में (जाके) उसकी दूध बढ़ाई की (अपने और) उसके माँ बाप के बारे में ताक़ीद की कि मेरा भी शुक्रिया अदा करो और अपने वालदैन का (भी) और आख़िर सबको मेरी तरफ लौट कर जाना है
Wa 'In Jāhadāka `Alá 'An Tushrika Bī Mā Laysa Laka Bihi `Ilmun Falā Tuţi`humā ۖ Wa Şāĥibhumā Fī Ad-Dunyā Ma`rūfāan ۖ Wa Attabi` Sabīla Man 'Anāba 'Ilayya ۚ Thumma 'Ilayya Marji`ukum Fa'unabbi'ukum Bimā Kuntum Ta`malūna
031-015 और अगर तेरे माँ बाप तुझे इस बात पर मजबूर करें कि तू मेरा शरीक ऐसी चीज़ को क़रार दे जिसका तुझे इल्म भी नहीं तो तू (इसमें) उनकी इताअत न करो (मगर तकलीफ़ न पहुँचाना) और दुनिया (के कामों) में उनका अच्छी तरह साथ दे और उन लोगों के तरीक़े पर चल जो (हर बात में) मेरी (ही) तरफ रुजू करे फिर (तो आख़िर) तुम सबकी रुजू मेरी ही तरफ है तब (दुनिया में) जो कुछ तुम करते थे
031-016 (उस वक्त उसका अन्जाम) बता दूँगा ऐ बेटा इसमें शक नहीं कि वह अमल (अच्छा हो या बुरा) अगर राई के बराबर भी हो और फिर वह किसी सख्त पत्थर के अन्दर या आसमान में या ज़मीन मे (छुपा हुआ) हो तो भी ख़ुदा उसे (क़यामत के दिन) हाज़िर कर देगा बेशक ख़ुदा बड़ा बारीकबीन वाक़िफकार है
Yā Bunayya 'Aqimi Aş-Şalāata Wa 'Mur Bil-Ma`rūfi Wa Anha `Ani Al-Munkari Wa Aşbir `Alá Mā 'Aşābaka ۖ 'Inna Dhālika Min `Azmi Al-'Umūri
031-017 ऐ बेटा नमाज़ पाबन्दी से पढ़ा कर और (लोगों से) अच्छा काम करने को कहो और बुरे काम से रोको और जो मुसीबत तुम पर पडे उस पर सब्र करो (क्योंकि) बेशक ये बड़ी हिम्मत का काम है
Wa Lā Tuşa``irKhaddaka Lilnnāsi Wa Lā Tamshi Fī Al-'Arđi Maraĥāan ۖ 'Inna Allāha Lā Yuĥibbu Kulla Mukhtālin Fakhūrin
031-018 और लोगों के सामने (गुरुर से) अपना मुँह न फुलाना और ज़मीन पर अकड़कर न चलना क्योंकि ख़ुदा किसी अकड़ने वाले और इतराने वाले को दोस्त नहीं रखता और अपनी चाल ढाल में मियाना रवी एख्तेयार करो
'Alam Taraw 'Anna Allāha Sakhkhara Lakum Mā Fī As-Samāwāti Wa Mā Fī Al-'Arđi Wa 'Asbagha `Alaykum Ni`amahu Žāhiratan Wa Bāţinatan ۗ Wa Mina An-Nāsi Man Yujādilu Fī Al-Lahi Bighayri `Ilmin Wa Lā Hudan Wa Lā Kitābin Munīrin
031-020 क्या तुम लोगों ने इस पर ग़ौर नहीं किया कि जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ही ने यक़ीनी तुम्हारा ताबेए कर दिया है और तुम पर अपनी ज़ाहिरी और बातिनी नेअमतें पूरी कर दीं और बाज़ लोग (नुसर बिन हारिस वगैरह) ऐसे भी हैं जो (ख्वाह मा ख्वाह) ख़ुदा के बारे में झगड़ते हैं (हालॉकि उनके पास) न इल्म है और न हिदायत है और न कोई रौशन किताब है
031-021 और जब उनसे कहा जाता है कि जो (किताब) ख़ुदा ने नाज़िल की है उसकी पैरवी करो तो (छूटते ही) कहते हैं कि नहीं हम तो उसी (तरीक़े से चलेंगे) जिस पर हमने अपने बाप दादाओं को पाया भला अगरचे शैतान उनके बाप दादाओं को जहन्नुम के अज़ाब की तरफ बुलाता रहा हो (तो भी उन्ही की पैरवी करेंगे)
Wa Man Yuslim Wajhahu~ 'Ilá Allāhi Wa Huwa Muĥsinun Faqadi Astamsaka Bil-`Urwati Al-Wuthqá Wa 'Ilá ۗ Allāhi `Āqibatu Al-'Umūri
031-022 और जो शख्स ख़ुदा के आगे अपना सर (तस्लीम) ख़म करे और वह नेकोकार (भी) हो तो बेशक उसने (ईमान की) मज़बूत रस्सी पकड़ ली और (आख़िर तो) सब कामों का अन्जाम ख़ुदा ही की तरफ है
Wa Man Kafara Falā Yaĥzunka Kufruhu~ ۚ 'Ilaynā Marji`uhum Fanunabbi'uhum Bimā `Amilū ۚ 'Inna Allāha `Alīmun Bidhāti Aş-Şudūri
031-023 और (ऐ रसूल) जो काफिर बन बैठे तो तुम उसके कुफ्र से कुढ़ों नही उन सबको तो हमारी तरफ लौट कर आना है तो जो कुछ उन लोगों ने किया है (उसका नतीजा) हम बता देगें बेशक ख़ुदा दिलों के राज़ से (भी) खूब वाक़िफ है
Wa La'in Sa'altahum Man Khalaqa As-Samāwāti Wa Al-'Arđa Layaqūlunna Allāhu ۚ Quli Al-Ĥamdu Lillāh ۚ Bal 'Aktharuhum Lā Ya`lamūna
031-025 और (ऐ रसूल) तुम अगर उनसे पूछो कि सारे आसमान और ज़मीन को किसने पैदा किया तो ज़रुर कह देगे कि अल्लाह ने (ऐ रसूल) इस पर तुम कह दो अल्हमदोलिल्लाह मगर उनमें से अक्सर (इतना भी) नहीं जानते हैं
Wa Law 'Annamā Fī Al-'Arđi MinShajaratin 'Aqlāmun Wa Al-Baĥru Yamudduhu Min Ba`dihi Sab`atu 'Abĥurin Mā Nafidat Kalimātu Allāhi ۗ 'Inna Allāha `Azīzun Ĥakīmun
031-027 और जितने दरख्त ज़मीन में हैं सब के सब क़लम बन जाएँ और समन्दर उसकी सियाही बनें और उसके (ख़त्म होने के) बाद और सात समन्दर (सियाही हो जाएँ और ख़ुदा का इल्म और उसकी बातें लिखी जाएँ) तो भी ख़ुदा की बातें ख़त्म न होगीं बेशक ख़ुदा सब पर ग़ालिब (और) दाना (बीना) है
031-028 तुम सबका पैदा करना और फिर (मरने के बाद) जिला उठाना एक शख्स के (पैदा करने और जिला उठाने के) बराबर है बेशक ख़ुदा (तुम सब की) सुनता और सब कुछ देख रहा है
'Alam Tará 'Anna Allāha Yūliju Al-Layla Fī An-Nahāri Wa Yūliju An-Nahāra Fī Al-Layli Wa Sakhkhara Ash-Shamsa Wa Al-Qamara Kullun Yajrī 'Ilá 'Ajalin Musamman Wa 'Anna Allāha Bimā Ta`malūna Khabīrun
031-029 क्या तूने ये भी ख्याल न किया कि ख़ुदा ही रात को (बढ़ा के) दिन में दाख़िल कर देता है (तो रात बढ़ जाती है) और दिन को (बढ़ा के) रात में दाख़िल कर देता है (तो दिन बढ़ जाता है) उसी ने आफताब व माहताब को (गोया) तुम्हारा ताबेए बना दिया है कि एक मुक़र्रर मीयाद तक (यूँ ही) चलता रहेगा और (क्या तूने ये भी ख्याल न किया कि) जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे ख़ूब वाकिफकार है
Dhālika Bi'anna Allāha Huwa Al-Ĥaqqu Wa 'Anna Mā Yad`ūna Min Dūnihi Al-Bāţilu Wa 'Anna Allāha Huwa Al-`Alīyu Al-Kabīru
031-030 ये (सब बातें) इस सबब से हैं कि ख़ुदा ही यक़ीनी बरहक़ (माबूद) है और उस के सिवा जिसको लोग पुकारते हैं यक़ीनी बिल्कुल बातिल और इसमें शक नहीं कि ख़ुदा ही आलीशान और बड़ा रुतबे वाला है
031-031 क्या तूने इस पर भी ग़ौर नहीं किया कि ख़ुदा ही के फज़ल से कश्ती दरिया में बहती चलती रहती है ताकि (लकड़ी में ये क़ूवत देकर) तुम लोगों को अपनी (कुदरत की) बाज़ निशानियाँ दिखा दे बेशक उस में भी तमाम सब्र व शुक्र करने वाले (बन्दों) के लिए (कुदरत ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ दिखा दे बेशक इसमें भी तमाम सब्र व शुक्र करने वाले (बन्दों) के लिए (क़ुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं
031-032 और जब उन्हें मौज (ऊँची होकर) साएबानों की तरह (ऊपर से) ढॉक लेती है तो निरा खुरा उसी का अक़ीदा रखकर ख़ुदा को पुकारने लगते हैं फिर जब ख़ुदा उनको नजात देकर खुश्की तक पहुँचा देता है तो उनमें से बाज़ तो कुछ देर एतदाल पर रहते हैं (और बाज़ पक्के काफिर) और हमारी (क़ुदरत की) निशानियों से इन्कार तो बस बदएहद और नाशुक्रे ही लोग करते हैं
Yā 'Ayyuhā An-Nāsu Attaqū Rabbakum Wa Akhshaw Yawmāan Lā Yajzī Wa A-Dun `An Waladihi Wa Lā Mawlūdun Huwa Jāzin `An Wa A-Dihi Shay'āan ۚ 'Inna Wa`da Allāhi Ĥaqqun ۖ Falā Taghurrannakumu Al-Ĥayā Atu Ad-Dunyā Wa Lā Yaghurrannakum Billāhi Al-Gharūru
031-033 लोगों अपने परवरदिगार से डरो और उस दिन का ख़ौफ रखो जब न कोई बाप अपने बेटे के काम आएगा और न कोई बेटा अपने बाप के कुछ काम आ सकेगा ख़ुदा का (क़यामत का) वायदा बिल्कुल पक्का है तो (कहीं) तुम लोगों को दुनिया की (चन्द रोज़ा) ज़िन्दगी धोखे में न डाले और न कहीं तुम्हें फरेब देने वाला (शैतान) कुछ फ़रेब दे
'Inna Allāha `Indahu `Ilmu As-Sā`ati Wa Yunazzilu Al-Ghaytha Wa Ya`lamu Mā Fī Al-'Arĥāmi ۖ Wa Mā Tadrī Nafsun Mādhā Taksibu Ghadāan ۖ Wa Mā Tadrī Nafsun Bi'ayyi 'Arđin Tamūtu ۚ 'Inna Allāha `Alīmun Khabīrun
031-034 बेशक ख़ुदा ही के पास क़यामत (के आने) का इल्म है और वही (जब मौक़ा मुनासिब देखता है) पानी बरसाता है और जो कुछ औरतों के पेट में (नर मादा) है जानता है और कोई शख्स (इतना भी तो) नहीं जानता कि वह ख़़ुद कल क्या करेगा और कोई शख्स ये (भी) नहीं जानता है कि वह किस सर ज़मीन पर मरे (गड़े) गा बेशक ख़ुदा (सब बातों से) आगाह ख़बरदार है