'Awalam Yatafakkarū Fī 'Anfusihim ۗ Mā Khalaqa Allāhu As-Samāwāti Wa Al-'Arđa Wa Mā Baynahumā 'Illā Bil-Ĥaqqi Wa 'Ajalin Musamman ۗ Wa 'Inna Kathīrāan Mina An-Nāsi Biliqā'i Rabbihim Lakāfirūna
030-008 क्या उन लोगों ने अपने दिल में (इतना भी) ग़ौर नहीं किया कि ख़ुदा ने सारे आसमान और ज़मीन को और जो चीजे उन दोनों के दरमेयान में हैं बस बिल्कुल ठीक और एक मुक़र्रर मियाद के वास्ते पैदा किया है और कुछ शक नहीं कि बहुतेरे लोग तो अपने परवरदिगार की (बारगाह) के हुज़ूर में (क़यामत) ही को किसी तरह नहीं मानते
'Awalam Yasīrū Fī Al-'Arđi Fayanžurū Kayfa Kāna `Āqibatu Al-Ladhīna MinQablihim ۚ Kānū 'Ashadda MinhumQūwatan Wa 'Athārū Al-'Arđa Wa `Amarūhā 'Akthara Mimmā `Amarūhā Wa Jā'at/humRusuluhum Bil-Bayyināti ۖ Famā Kāna Allāhu Liyažlimahum Wa Lakin Kānū 'Anfusahum Yažlimūna
030-009 क्या ये लोग रुए ज़मीन पर चले फिरे नहीं कि देखते कि जो लोग इनसे पहले गुज़र गए उनका अन्जाम कैसा (बुरा) हुआ हालॉकि जो लोग उनसे पहले क़ूवत में भी कहीं ज्यादा थे और जिस क़दर ज़मीन उन लोगों ने आबाद की है उससे कहीं ज्यादा (ज़मीन की) उन लोगों ने काश्त भी की थी और उसको आबाद भी किया था और उनके पास भी उनके पैग़म्बर वाज़ेए व रौशन मौजिज़े लेकर आ चुके थे (मगर उन लोगों ने न माना) तो ख़ुदा ने उन पर कोई ज़ुल्म नहीं किया मगर वह लोग (कुफ्र व सरकशी से) आप अपने ऊपर ज़ुल्म करते रहे
Yukhriju Al-Ĥayya Mina Al-Mayyiti Wa Yukhriju Al-Mayyita Mina Al-Ĥayyi Wa Yuĥyī Al-'Arđa Ba`da Mawtihā ۚ Wa Kadhalika Tukhrajūna
030-019 वही ज़िन्दा को मुर्दे से निकालता है और वही मुर्दे को जिन्दा से पैदा करता है और ज़मीन को मरने (परती होने) के बाद ज़िन्दा (आबाद) करता है और इसी तरह तुम लोग भी (मरने के बाद निकाले जाओगे)
Wa Min 'Āyātihi~ 'An Khalaqa Lakum Min 'Anfusikum 'Azwājāan Litaskunū 'Ilayhā Wa Ja`ala Baynakum Mawaddatan Wa Raĥmatan ۚ 'Inna Fī Dhālika La'āyātin Liqawmin Yatafakkarūna
030-021 और उसी की (क़ुदरत) की निशानियों में से एक ये (भी) है कि उसने तुम्हारे वास्ते तुम्हारी ही जिन्स की बीवियाँ पैदा की ताकि तुम उनके साथ रहकर चैन करो और तुम लोगों के दरमेयान प्यार और उलफ़त पैदा कर दी इसमें शक नहीं कि इसमें ग़ौर करने वालों के वास्ते (क़ुदरते ख़ुदा की) यक़ीनी बहुत सी निशानियाँ हैं
Wa Min 'Āyātihi Khalqu As-Samāwāti Wa Al-'Arđi Wa Akhtilāfu 'Alsinatikum Wa 'Alwānikum ۚ 'Inna Fī Dhālika La'āyātin Lil`ālimīna
030-022 और उस (की कुदरत) की निशानियों में आसमानो और ज़मीन का पैदा करना और तुम्हारी ज़बानो और रंगतो का एख़तेलाफ भी है यकीनन इसमें वाक़िफकारों के लिए बहुत सी निशानियाँ हैं
Wa Min 'Āyātihi Manāmukum Bil-Layli Wa An-Nahāri Wa Abtighā'uukum Min Fađlihi~ ۚ 'Inna Fī Dhālika La'āyātin Liqawmin Yasma`ūna
030-023 और रात और दिन को तुम्हारा सोना और उसके फज़ल व करम (रोज़ी) की तलाश करना भी उसकी (क़ुदरत की) निशानियों से है बेशक जो लोग सुनते हैं उनके लिए इसमें (क़ुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं
Wa Min 'Āyātihi Yurīkumu Al-Barqa Khawfāan Wa Ţama`āan Wa Yunazzilu Mina As-Samā'i Mā'an Fayuĥyī Bihi Al-'Arđa Ba`da Mawtihā ۚ 'Inna Fī Dhālika La'āyātin Liqawmin Ya`qilūna
030-024 और उसी की (क़ुदरत की) निशानियों में से एक ये भी है कि वह तुमको डराने वाला उम्मीद लाने के वास्ते बिजली दिखाता है और आसमान से पानी बरसाता है और उसके ज़रिए से ज़मीन को उसके परती होने के बाद आबाद करता है बेशक अक्लमंदों के वास्ते इसमें (क़ुदरते ख़ुदा की) बहुत सी दलीलें हैं
Wa Min 'Āyātihi~ 'An Taqūma As-Samā'u Wa Al-'Arđu Bi'amrihi ۚ Thumma 'Idhā Da`ākum Da`watan Mina Al-'Arđi 'Idhā 'Antum Takhrujūna
030-025 और उसी की (क़ुदरत की) निशानियों में से एक ये भी है कि आसमान और ज़मीन उसके हुक्म से क़ायम हैं फिर (मरने के बाद) जिस वक्त तुमको एक बार बुलाएगा तो तुम सबके सब ज़मीन से (ज़िन्दा हो होकर) निकल पड़ोगे
Wa Huwa Al-Ladhī Yabda'u Al-Khalqa Thumma Yu`īduhu Wa Huwa 'Ahwanu `Alayhi ۚ Wa Lahu Al-Mathalu Al-'A`lá Fī As-Samāwāti Wa Al-'Arđi ۚ Wa Huwa Al-`Azīzu Al-Ĥakīmu
030-027 और वह ऐसा (क़ादिरे मुत्तालिक़ है जो मख़लूकात को पहली बार पैदा करता है फिर दोबारा (क़यामत के दिन) पैदा करेगा और ये उस पर बहुत आसान है और सारे आसमान व जमीन सबसे बालातर उसी की शान है और वही (सब पर) ग़ालिब हिकमत वाला है
Đaraba Lakum Mathalāan Min 'Anfusikum ۖ Hal Lakum Min Mā Malakat 'Aymānukum MinShurakā'a Fī Mā Razaqnākum Fa'antum Fīhi Sawā'un Takhāfūnahum Kakhīfatikum 'Anfusakum ۚ Kadhālika Nufaşşilu Al-'Āyāti Liqawmin Ya`qilūna
030-028 और हमने (तुम्हारे समझाने के वास्ते) तुम्हारी ही एक मिसाल बयान की है हमने जो कुछ तुम्हे अता किया है क्या उसमें तुम्हारी लौन्डी गुलामों में से कोई (भी) तुम्हारा शरीक है कि (वह और) तुम उसमें बराबर हो जाओ (और क्या) तुम उनसे ऐसा ही ख़ौफ रखते हो जितना तुम्हें अपने लोगों का (हक़ हिस्सा न देने में) ख़ौफ होता है फिर बन्दों को खुदा का शरीक क्यों बनाते हो) अक्ल मन्दों के वास्ते हम यूँ अपनी आयतों को तफसीलदार बयान करते हैं
Bal Attaba`a Al-Ladhīna Žalamū 'Ahwā'ahum Bighayri `Ilmin ۖ Faman Yahdī Man 'Ađalla Allāhu ۖ Wa Mā Lahum Min Nāşirīna
030-029 मगर सरकशों ने तो बगैर समझे बूझे अपनी नफसियानी ख्वाहिशों की पैरवी कर ली (और ख़ुदा का शरीक ठहरा दिया) ग़रज़ ख़ुदा जिसे गुमराही में छोड़ दे (फिर) उसे कौन राहे रास्त पर ला सकता है और उनका कोई मददगार (भी) नहीं
030-030 तो (ऐ रसूल) तुम बातिल से कतरा के अपना रुख़ दीन की तरफ किए रहो यही ख़ुदा की बनावट है जिस पर उसने लोगों को पैदा किया है ख़ुदा की (दुरुस्त की हुई) बनावट में तग़य्युर तबद्दुल (उलट फेर) नहीं हो सकता यही मज़बूत और (बिल्कुल सीधा) दीन है मगर बहुत से लोग नहीं जानते हैं
Wa 'Idhā Massa An-Nāsa Đurrun Da`aw Rabbahum Munībīna 'Ilayhi Thumma 'Idhā 'Adhāqahum Minhu Raĥmatan 'Idhā Farīqun Minhum Birabbihim Yushrikūna
030-033 और जब लोगों को कोई मुसीबत छू भी गयी तो उसी की तरफ रुजू होकर अपने परवरदिगार को पुकारने लगते हैं फिर जब वह अपनी रहमत की लज्ज़त चखा देता है तो उन्हीं में से कुछ लोग अपने परवरदिगार के साथ शिर्क करने लगते हैं
030-034 ताकि जो (नेअमत) हमने उन्हें दी है उसकी नाशुक्री करें ख़ैर (दुनिया में चन्दरोज़ चैन कर लो) फिर तो बहुत जल्द (अपने किए का मज़ा) तुम्हे मालूम ही होगा
Wa 'Idhā 'Adhaqnā An-Nāsa Raĥmatan Fariĥū Bihā ۖ Wa 'In Tuşibhum Sayyi'atun Bimā Qaddamat 'Aydīhim 'Idhā Hum Yaqnaţūna
030-036 और जब हमने लोगों को (अपनी रहमत की लज्ज़त) चखा दी तो वह उससे खुश हो गए और जब उन्हें अपने हाथों की अगली कारसतानियो की बदौलत कोई मुसीबत पहुँची तो यकबारगी मायूस होकर बैठे रहते हैं
'Awalam Yaraw 'Anna Allāha Yabsuţu Ar-Rizqa Liman Yashā'u Wa Yaqdiru ۚ 'Inna Fī Dhālika La'āyātin Liqawmin Yu'uminūna
030-037 क्या उन लोगों ने (इतना भी) ग़ौर नहीं किया कि खुदा ही जिसकी रोज़ी चाहता है कुशादा कर देता है और (जिसकी चाहता है) तंग करता है-कुछ शक नहीं कि इसमें ईमानरदार लोगों के वास्ते (कुदरत ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं
Fa'āti Dhā Al-Qurbá Ĥaqqahu Wa Al-Miskīna Wa Abna As-Sabīli ۚ Dhālika Khayrun Lilladhīna Yurīdūna Wajha Allāhi Wa 'Ūlā'ika ۖ Humu Al-Mufliĥūna
030-038 (तो ऐ रसूल अपनी) क़राबतदार (फातिमा ज़हरा) का हक़ फिदक दे दो और मोहताज व परदेसियों का (भी) जो लोग ख़ुदा की ख़ुशनूदी के ख्वाहॉ हैं उन के हक़ में सब से बेहतर यही है और ऐसे ही लोग आखेरत में दिली मुरादे पाएँगें
Wa Mā 'Ātaytum MinRibāan Liyarbuwā Fī 'Amwāli An-Nāsi Falā Yarbū `Inda Allāhi ۖ Wa Mā 'Ātaytum Min Zakāatin Turīdūna Wajha Allāhi Fa'ūlā'ika Humu Al-Muđ`ifūna
030-039 और तुम लोग जो सूद देते हो ताकि लोगों के माल (दौलत) में तरक्क़ी हो तो (याद रहे कि ऐसा माल) ख़ुदा के यहॉ फूलता फलता नही और तुम लोग जो ख़ुदा की ख़ुशनूदी के इरादे से ज़कात देते हो तो ऐसे ही लोग (ख़ुदा की बारगाह से) दूना दून लेने वाले हैं
Al-Lahu Al-Ladhī KhalaqakumThumma RazaqakumThumma YumītukumThumma Yuĥyīkum ۖ Hal MinShurakā'ikum Man Yaf`alu MinDhālikum MinShay'in ۚ Subĥānahu Wa Ta`ālá `Ammā Yushrikūna
030-040 ख़ुदा वह (क़ादिर तवाना है) जिसने तुमको पैदा किया फिर उसी ने रोज़ी दी फिर वही तुमको मार डालेगा फिर वही तुमको (दोबारा) ज़िन्दा करेगा भला तुम्हारे (बनाए हुए ख़ुदा के) शरीकों में से कोई भी ऐसा है जो इन कामों में से कुछ भी कर सके जिसे ये लोग (उसका) शरीक बनाते हैं
030-041 वह उससे पाक व पाकीज़ा और बरतर है ख़़ुद लोगों ही के अपने हाथों की कारस्तानियों की बदौलत ख़ुश्क व तर में फसाद फैल गया ताकि जो कुछ ये लोग कर चुके हैं ख़ुदा उन को उनमें से बाज़ करतूतों का मज़ा चखा दे ताकि ये लोग अब भी बाज़ आएँ
030-042 (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ज़रा रुए ज़मीन पर चल फिरकर देखो तो कि जो लोग उसके क़ब्ल गुज़र गए उनके (अफ़आल) का अंजाम क्या हुआ उनमें से बहुतेरे तो मुशरिक ही हैं
030-043 तो (ऐ रसूल) तुम उस दिन के आने से पहले जो खुदा की तरफ से आकर रहेगा (और) कोई उसे रोक नहीं सकता अपना रुख़ मज़बूत (और सीधे दीन की तरफ किए रहो उस दिन लोग (परेशान होकर) अलग अलग हो जाएँगें
Wa Min 'Āyātihi~ 'An Yursila Ar-Riyāĥa Mubashshirātin Wa Liyudhīqakum MinRaĥmatihi Wa Litajriya Al-Fulku Bi'amrihi Wa Litabtaghū Min Fađlihi Wa La`allakum Tashkurūna
030-046 उसी की (क़ुदरत) की निशानियों में से एक ये भी है कि वह हवाओं को (बारिश) की ख़ुशख़बरी के वास्ते (क़ब्ल से) भेज दिया करता है और ताकि तुम्हें अपनी रहमत की लज्ज़त चखाए और इसलिए भी कि (इसकी बदौलत) कश्तियां उसके हुक्म से चल खड़ी हो और ताकि तुम उसके फज़ल व करम से (अपनी रोज़ी) की तलाश करो और इसलिए भी ताकि तुम शुक्र करो
Wa Laqad 'Arsalnā MinQablika Rusulāan 'Ilá Qawmihim Fajā'ūhum Bil-Bayyināti Fāntaqamnā Mina Al-Ladhīna 'Ajramū ۖ Wa Kāna Ĥaqqāan `Alaynā Naşru Al-Mu'uminīna
030-047 औ (ऐ रसूल) हमने तुमसे पहले और भी बहुत से पैग़म्बर उनकी क़ौमों के पास भेजे तो वह पैग़म्बर वाज़ेए व रौशन लेकर आए (मगर उन लोगों ने न माना) तो उन मुजरिमों से हमने (खूब) बदला लिया और हम पर तो मोमिनीन की मदद करना लाज़िम था ही
Al-Lahu Al-Ladhī Yursilu Ar-Riyāĥa Fatuthīru Saĥābāan Fayabsuţuhu Fī As-Samā'i Kayfa Yashā'u Wa Yaj`aluhu Kisafāan Fatará Al-Wadqa Yakhruju Min Khilālihi ۖ Fa'idhā 'Aşāba Bihi Man Yashā'u Min `Ibādihi~ 'Idhā Hum Yastabshirūna
030-048 ख़ुदा ही (क़ादिर तवाना) है जो हवाओं को भेजता है तो वह बादलों को उड़ाए उड़ाए फिरती हैं फिर वही ख़ुदा बादल को जिस तरह चाहता है आसमान में फैला देता है और (कभी) उसको टुकड़े (टुकड़े) कर देता है फिर तुम देखते हो कि बूँदियां उसके दरमियान से निकल पड़ती हैं फिर जब ख़ुदा उन्हें अपने बन्दों में से जिस पर चहता है बरसा देता है तो वह लोग खुशियाँ माानने लगते हैं
030-050 ग़रज़ ख़ुदा की रहमत के आसार की तरफ देखो तो कि वह क्योंकर ज़मीन को उसकी परती होने के बाद आबाद करता है बेशक यक़ीनी वही मुर्दो को ज़िन्दा करने वाला और वही हर चीज़ पर क़ादिर है
Wa La'in 'Arsalnā Rīĥāan Fara'awhu Muşfarrāan Lažallū Min Ba`dihi Yakfurūna
030-051 और अगर हम (खेती की नुकसान देह) हवा भेजें फिर लोग खेती को (उसी हवा की वजह से) ज़र्द (परस मुर्दा) देखें तो वह लोग इसके बाद (फौरन) नाशुक्री करने लगें
Wa Mā 'Anta Bihādī Al-`Umyi `AnĐalālatihim ۖ 'In Tusmi`u 'Illā Man Yu'uminu Bi'āyātinā Fahum Muslimūn
030-053 और न तुम अंधों को उनकी गुमराही से (फेरकर) राह पर ला सकते हो तो तुम तो बस उन्हीं लोगों को सुना (समझा) सकते हो जो हमारी आयतों को दिल से मानें फिर यही लोग इस्लाम लाने वाले हैं
Al-Lahu Al-Ladhī Khalaqakum MinĐa`finThumma Ja`ala Min Ba`di Đa`finQūwatanThumma Ja`ala Min Ba`di QūwatinĐa`fāan Wa Shaybatan ۚ Yakhluqu Mā Yashā'u ۖ Wa Huwa Al-`Alīmu Al-Qadīru
030-054 खुदा ही तो है जिसने तुम्हें (एक निहायत) कमज़ोर चीज़ (नुत्फे) से पैदा किया फिर उसी ने (तुम में) बचपने की कमज़ोरी के बाद (शबाब की) क़ूवत अता की फिर उसी ने (तुममें जवानी की) क़ूवत के बाद कमज़ोरी और बुढ़ापा पैदा कर दिया वह जो चाहता पैदा करता है-और वही बड़ा वाकिफकार और (हर चीज़ पर) क़ाबू रखता है
030-055 और जिस दिन क़यामत बरपा होगी तो गुनाहगार लोग कसमें खाएँगें कि वह (दुनिया में) घड़ी भर से ज्यादा नहीं ठहरे यूँ ही लोग (दुनिया में भी) इफ़तेरा परदाज़ियाँ करते रहे
Wa Qāla Al-Ladhīna 'Ūtū Al-`Ilma Wa Al-'Īmāna Laqad Labithtum Fī Kitābi Allāhi 'Ilá Yawmi Al-Ba`thi ۖ Fahadhā Yawmu Al-Ba`thi Wa Lakinnakum Kuntum Lā Ta`lamūna
030-056 और जिन लोगों को (ख़ुदा की बारगाह से) इल्म और ईमान दिया गया है जवाब देगें कि (हाए) तुम तो ख़ुदा की किताब के मुताबिक़ रोज़े क़यामत तक (बराबर) ठहरे रहे फिर ये तो क़यामत का ही दिन है मगर तुम लोग तो उसका यक़ीन ही न रखते थे
030-059 तो भी यक़ीनन कुफ्फ़ार यही बोल उठेंगे कि तुम लोग निरे दग़ाबाज़ हो जो लोग समझ (और इल्म) नहीं रखते उनके दिलों पर नज़र करके ख़ुदा यू तसदीक़ करता है (कि ये ईमान न लाएँगें)