020-010 तो अपने घर के लोगों से कहने लगे कि तुम लोग (ज़रा यहीं) ठहरो मैंने आग देखी है क्या अजब है कि मैं वहाँ (जाकर) उसमें से एक अंगारा तुम्हारे पास ले आऊँ या आग के पास किसी राह का पता पा जाऊँ
020-015 (क्योंकि) क़यामत ज़रूर आने वाली है और मैं उसे लामहौला छिपाए रखूँगा ताकि हर शख्स (उसके ख़ौफ से नेकी करे) और वैसी कोशिश की है उसका उसे बदला दिया जाए
020-039 कि तुम इसे (मूसा को) सन्दूक़ में रखकर सन्दूक़ को दरिया में डाल दो फिर दरिया उसे ढकेल कर किनारे डाल देगा कि मूसा को मेरा दुशमन और मूसा का दुशमन (फिरऔन) उठा लेगा और मैंने तुम पर अपनी मोहब्बत को डाल दिया जो देखता (प्यार करता) ताकि तुम मेरी ख़ास निगरानी में पाले पोसे जाओ
'Idh Tamshī 'Ukhtuka Fataqūlu Hal 'Adullukum `Alá Man Yakfuluhu ۖ Faraja`nāka 'Ilá 'Ummika Kay Taqarra `Aynuhā Wa Lā Taĥzana ۚ Wa Qatalta Nafsāan Fanajjaynāka Mina Al-Ghammi Wa Fatannāka Futūnāan ۚ Falabithta Sinīna Fī 'Ahli Madyana Thumma Ji'ta `Alá Qadarin Yā Mūsá
020-040 (उस वक्त) ज़ब तुम्हारी बहन चली (और फिर उनके घर में आकर) कहने लगी कि कहो तो मैं तुम्हें ऐसी दाया बताऊँ कि जो इसे अच्छी तरह पाले तो (इस तदबीर से) हमने फिर तुमको तुम्हारी माँ के पास पहुँचा दिया ताकि उसकी ऑंखें ठन्डी रहें और तुम्हारी (जुदाई पर) कुढ़े नहीं और तुमने एक शख्स (क़िबती) को मार डाला था और सख्त परेशान थे तो हमने तुमको (इस) ग़म से नजात दी और हमने तुम्हारा अच्छी तरह इम्तिहान कर लिया फिर तुम कई बरस तक मदयन के लोगों में जाकर रहे ऐ मूसा फिर तुम (उम्र के) एक अन्दाजे पर आ गए नबूवत के क़ायल हुए
Fa'tiyāhu Faqūlā 'Innā Rasūlā Rabbika Fa'arsil Ma`anā Banī 'Isrā'īla Wa Lā Tu`adhdhibhum ۖ Qad Ji'nāka Bi'āyatin MinRabbika Wa ۖ As-Salāmu `Alá Mani Attaba`a Al-Hudá
020-047 ग़रज़ तुम दोनों उसके पास जाओ और कहो कि हम आप के परवरदिगार के रसूल हैं तो बनी इसराइल को हमारे साथ भेज दीजिए और उन्हें सताइए नहीं हम आपके पास आपके परवरदिगार का मौजिज़ा लेकर आए हैं और जो राहे रास्त की पैरवी करे उसी के लिए सलामती है
Al-Ladhī Ja`ala Lakumu Al-'Arđa Mahdāan Wa Salaka Lakum Fīhā Subulāan Wa 'Anzala Mina As-Samā'i Mā'an Fa'akhrajnā Bihi~ 'Azwājāan Min NabātinShattá
020-053 वह वही है जिसने तुम्हारे (फ़ायदे के) वास्ते ज़मीन को बिछौना बनाया और तुम्हारे लिए उसमें राहें निकाली और उसी ने आसमान से पानी बरसाया फिर (खुदा फरमाता है कि) हम ही ने उस पानी के ज़रिए से मुख्तलिफ़ क़िस्मों की घासे निकाली
Falana'tiyannaka Bisiĥrin Mithlihi Fāj`al Baynanā Wa Baynaka Maw`idāan Lā Nukhlifuhu Naĥnu Wa Lā 'Anta Makānāan Suwan
020-058 कि हम को हमारे मुल्क (मिस्र से) अपने जादू के ज़ोर से निकाल बाहर करो अच्छा तो (रहो) हम भी तुम्हारे सामने ऐसा जादू पेश करते हैं फिर तुम अपने और हमारे दरमियान एक वक्त मुक़र्रर करो कि न हम उसके ख़िलाफ करे और न तुम और मुक़ाबला एक साफ़ खुले मैदान में हो
020-061 फिर (मुक़ाबले को) आ मौजूद हुआ मूसा ने (फ़िरऔनियों से) कहा तुम्हारा नास हो खुदा पर झूठी-झूठी इफ्तेरा परदाज़ियाँ न करो वरना वह अज़ाब (नाज़िल करके) इससे तुम्हारा मटियामेट कर छोड़ेगा
Qālū 'In Hadhāni Lasāĥirāni Yurīdāni 'An Yukhrijākum Min 'Arđikum Bisiĥrihimā Wa Yadh/habā Biţarīqatikumu Al-Muthlá
020-063 (आख़िर) वह लोग बोल उठे कि ये दोनों यक़ीनन जादूगर हैं और चाहते हैं कि अपने जादू (के ज़ोर) से तुम लोगों को तुम्हारे मुल्क से निकाल बाहर करें और तुम्हारे अच्छे ख़ासे मज़हब को मिटा छोड़ें
Qāla Bal 'Alqū ۖ Fa'idhā Ĥibāluhum Wa `Işīyuhum Yukhayyalu 'Ilayhi Min Siĥrihim 'Annahā Tas`á
020-066 मूसा ने कहा (मैं नहीं डालूँगा) बल्कि तुम ही पहले डालो (ग़रज़ उन्होंने अपने करतब दिखाए) तो बस मूसा को उनके जादू (के ज़ोर से) ऐसा मालूम हुआ कि उनकी रस्सियाँ और उनकी छड़ियाँ दौड़ रही हैं
Wa 'Alqi Mā Fī Yamīnika Talqaf Mā Şana`ū ۖ 'Innamā Şana`ū Kaydu Sāĥirin ۖ Wa Lā Yufliĥu As-Sāĥiru Ĥaythu 'Atá
020-069 और तुम्हारे दाहिने हाथ में जो (लाठी) है उसे डाल तो दो कि जो करतब उन लोगों ने की है उसे हड़प कर जाए क्योंकि उन लोगों ने जो कुछ करतब की वह एक जादूगर की करतब है और जादूगर जहाँ जाए कामयाब नहीं हो सकता
Qāla 'Āmantum LahuQabla 'An 'Ādhana Lakum ۖ 'Innahu Lakabīrukumu Al-Ladhī `Allamakumu As-Siĥra ۖ Fala'uqaţţi`anna 'Aydiyakum Wa 'Arjulakum Min Khilāfin Wa La'uşallibannakum Fī Judhū`i An-Nakhli Wa Lata`lamunna 'Ayyunā 'Ashaddu `Adhābāan Wa 'Abqá
020-071 फिरऔन ने उन लोगों से कहा (हाए) इससे पहले कि हम तुमको इजाज़त दें तुम उस पर ईमान ले आए इसमें शक नहीं कि ये तुम सबका बड़ा (गुरू) है जिसने तुमको जादू सिखाया है तो मैं तुम्हारा एक तरफ़ के हाथ और दूसरी तरफ़ के पाँव ज़रूर काट डालूँगा और तुम्हें यक़ीनन खुरमे की शाख़ों पर सूली चढ़ा दूँगा और उस वक्त तुमको (अच्छी तरह) मालूम हो जाएगा कि हम (दोनों) फरीक़ों से अज़ाब में ज्यादा बढ़ा हुआ कौन और किसको क़याम ज्यादा है
Qālū Lan Nu'uthiraka `Alá Mā Jā'anā Mina Al-Bayyināti Wa Al-Ladhī Faţaranā ۖ Fāqđi Mā 'Anta Qāđin ۖ 'Innamā Taqđī Hadhihi Al-Ĥayāata Ad-Dunyā
020-072 जादूगर बोले कि ऐसे वाजेए व रौशन मौजिज़ात जो हमारे सामने आए उन पर और जिस (खुदा) ने हमको पैदा किया उस पर तो हम तुमको किसी तरह तरजीह नहीं दे सकते तो जो तुझे करना हो कर गुज़र तो बस दुनिया की (इसी ज़रा) ज़िन्दगी पर हुकूमत कर सकता है
'Innā 'Āmannā Birabbinā Liyaghfira Lanā Khaţāyānā Wa Mā 'Akrahtanā `Alayhi Mina As-Siĥri Wa ۗ Allāhu Khayrun Wa 'Abqá
020-073 (और कहा) हम तो अपने परवरदिगार पर इसलिए ईमान लाए हैं ताकि हमारे वास्ते सारे गुनाह माफ़ कर दे और (ख़ास कर) जिस पर तूने हमें मजबूर किया था और खुदा ही सबसे बेहतर है
'Innahu Man Ya'ti Rabbahu Mujrimāan Fa'inna Lahu Jahannama Lā Yamūtu Fīhā Wa Lā Yaĥyā
020-074 और (उसी को) सबसे ज्यादा क़याम है इसमें शक नहीं कि जो शख्स मुजरिम होकर अपने परवरदिगार के सामने हाज़िर होगा तो उसके लिए यक़ीनन जहन्नुम (धरा हुआ) है जिसमें न तो वह मरे ही गा और न ज़िन्दा ही रहेगा
Wa Man Ya'tihi Mu'umināanQad `Amila Aş-Şāliĥāti Fa'ūlā'ika Lahumu Ad-Darajātu Al-`Ulā
020-075 (सिसकता रहेगा) और जो शख्स उसके सामने ईमानदार हो कर हाज़िर होगा और उसने अच्छे-अच्छे काम भी किए होंगे तो ऐसे ही लोग हैं जिनके लिए बड़े-बड़े बुलन्द रूतबे हैं
Wa Laqad 'Awĥaynā 'Ilá Mūsá 'An 'Asri Bi`ibādī Fāđrib LahumŢarīqāan Fī Al-Baĥri Yabasāan Lā Takhāfu Darakāan Wa Lā Takhshá
020-077 और हमने मूसा के पास ''वही'' भेजी कि मेरे बन्दों (बनी इसराइल) को (मिस्र से) रातों रात निकाल ले जाओ फिर दरिया में (लाठी मारकर) उनके लिए एक सूखी राह निकालो और तुमको पीछा करने का न कोई खौफ़ रहेगा न (डूबने की) कोई दहशत
Yā Banī 'Isrā'īla Qad 'Anjaynākum Min `Adūwikum Wa Wā`adnākum Jāniba Aţ-Ţūri Al-'Aymana Wa Nazzalnā `Alaykumu Al-Manna Wa As-Salwá
020-080 ऐ बनी इसराइल हमने तुमको तुम्हारे दुश्मन (के पंजे) से छुड़ाया और तुम से (कोहेतूर) के दाहिने तरफ का वायदा किया और हम ही ने तुम पर मन व सलवा नाज़िल किया
Kulū MinŢayyibāti Mā Razaqnākum Wa Lā Taţghaw Fīhi Fayaĥilla `AlaykumGhađabī ۖ Wa Man Yaĥlil `Alayhi Ghađabī Faqad Hawá
020-081 और (फ़रमाया) कि हमने जो पाक व पाक़ीज़ा रोज़ी तुम्हें दे रखी है उसमें से खाओ (पियो) और उसमें (किसी क़िस्म की) शरारत न करो वरना तुम पर मेरा अज़ाब नाज़िल हो जाएगा और (याद रखो कि) जिस पर मेरा ग़ज़ब नाज़िल हुआ तो वह यक़ीनन गुमराह (हलाक) हुआ
020-086 (तो मूसा) गुस्से में भरे पछताए हुए अपनी क़ौम की तरफ पलटे और आकर कहने लगे ऐ मेरी (क़म्बख्त) क़ौम क्या तुमसे तुम्हारे परवरदिगार ने एक अच्छा वायदा (तौरेत देने का) न किया था तुम्हारे वायदे में अरसा लग गया या तुमने ये चाहा कि तुम पर तुम्हारे परवरदिगार का ग़ज़ब टूंट पड़े कि तुमने मेरे वायदे (खुदा की परसतिश) के ख़िलाफ किया
Qālū Mā 'Akhlafnā Maw`idaka Bimalkinā Wa Lakinnā Ĥummilnā 'Awzārāan Min Zīnati Al-Qawmi Faqadhafnāhā Fakadhalika 'Alqá As-Sāmirīyu
020-087 वह लोग कहने लगे हमने आपके वायदे के ख़िलाफ नहीं किया बल्कि (बात ये हुईकि फिरऔन की) क़ौम के ज़ेवर के बोझे जो (मिस्र से निकलते वक्त) हम पर लोग गए थे उनको हम लोगों ने (सामरी के कहने से आग में) डाल दिया फिर सामरी ने भी डाल दिया
020-088 फिर सामरी ने उन लोगों के लिए (उसी जेवर से) एक बछड़े की मूरत बनाई जिसकी आवाज़ भी बछड़े की सी थी उस पर बाज़ लोग कहने लगे यही तुम्हारा (भी) माबूद और मूसा का (भी) माबूद है मगर वह भूल गया है
Wa LaqadQāla Lahum Hārūnu MinQablu Yā Qawmi 'Innamā Futintum Bihi ۖ Wa 'Inna Rabbakumu Ar-Raĥmānu Fa Attabi`ūnī Wa 'Aţī`ū 'Amrī
020-090 और हारून ने उनसे पहले कहा भी था कि ऐ मेरी क़ौम तुम्हारा सिर्फ़ इसके ज़रिये से इम्तिहान किया जा रहा है और इसमें शक नहीं कि तम्हारा परवरदिगार (बस खुदाए रहमान है) तो तुम मेरी पैरवी करो और मेरा कहा मानो
Qāla Yabna'uumma Lā Ta'khudh Biliĥyatī Wa Lā Bira'sī 'Innī Khashītu ۖ 'An Taqūla Farraqta Bayna Banī 'Isrā'īla Wa Lam TarqubQawlī
020-094 हारून ने कहा ऐ मेरे माँजाए (भाई) मेरी दाढ़ी न पकडिऐ और न मेरे सर (के बाल) मैं तो उससे डरा कि (कहीं) आप (वापस आकर) ये (न) कहिए कि तुमने बनी इसराईल में फूट डाल दी और मेरी बात का भी ख्याल न रखा
020-095 तब सामरी से कहने लगे कि ओ सामरी तेरा क्या हाल है
قَالَ فَمَا خَطْبُكَ يَاسَامِرِيُّ
Qāla Başurtu Bimā Lam Yabşurū Bihi Faqabađtu Qabđatan Min 'Athari Ar-Rasūli Fanabadhtuhā Wa Kadhalika Sawwalat Lī Nafsī
020-096 उसने (जवाब में) कहा मुझे वह चीज़ दिखाई दी जो औरों को न सूझी (जिबरील घोड़े पर सवार जा रहे थे) तो मैंने जिबरील फरिश्ते (के घोड़े) के निशाने क़दम की एक मुट्ठी (ख़ाक) की उठा ली फिर मैंने (बछड़ों के क़ालिब में) डाल दी (तो वह बोलेने लगा
020-097 और उस वक्त मुझे मेरे नफ्स ने यही सुझाया मूसा ने कहा चल (दूर हो) तेरे लिए (इस दुनिया की) ज़िन्दगी में तो (ये सज़ा है) तू कहता फ़िरेगा कि मुझे न छूना (वरना बुख़ार चढ़ जाएगा) और (आख़िरत में भी) यक़ीनी तेरे लिए (अज़ाब का) वायदा है कि हरगिज़ तुझसे ख़िलाफ़ न किया जाएगा और तू अपने माबूद को तो देख जिस (की इबादत) पर तू डट बैठा था कि हम उसे यक़ीनन जलाकर (राख) कर डालेंगे फिर हम उसे तितिर बितिर करके दरिया में उड़ा देगें
020-108 उस दिन लोग एक पुकारने वाले इसराफ़ील की आवाज़ के पीछे (इस तरह सीधे) दौड़ पड़ेगे कि उसमें कुछ भी कज़ी न होगी और आवाज़े उस दिन खुदा के सामने (इस तरह) घिघियाएगें कि तू घुनघुनाहट के सिवा और कुछ न सुनेगा
Wa `Anati Al-Wujūhu Lilĥayyi Al-Qayyūmi ۖ Wa QadKhāba Man Ĥamala Žulmāan
020-111 और (क़यामत में) सारी (खुदाई के) का मुँह ज़िन्दा और बाक़ी रहने वाले खुदा के सामने झुक जाएँगे और जिसने जुल्म का बोझ (अपने सर पर) उठाया वह यक़ीनन नाकाम रहा
Wa Kadhalika 'Anzalnāhu Qur'ānāan `Arabīyāan Wa Şarrafnā Fīhi Mina Al-Wa`īdi La`allahum Yattaqūna 'Aw Yuĥdithu LahumDhikrāan
020-113 हमने उसको उसी तरह अरबी ज़बान का कुरान नाज़िल फ़रमाया और उसमें अज़ाब के तरह-तरह के वायदे बयान किए ताकि ये लोग परहेज़गार बनें या उनके मिजाज़ में इबरत पैदा कर दे
Fata`ālá Allāhu Al-Maliku Al-Ĥaqqu ۗ Wa Lā Ta`jal Bil-Qur'āni MinQabli 'An Yuqđá 'Ilayka Waĥyuhu ۖ Wa QulRabbi Zidnī `Ilmāan
020-114 पस (दो जहाँ का) सच्चा बादशाह खुदा बरतर व आला है और (ऐ रसूल) कुरान के (पढ़ने) में उससे पहले कि तुम पर उसकी ''वही'' पूरी कर दी जाए जल्दी न करो और दुआ करो कि ऐ मेरे पालने वाले मेरे इल्म को और ज्यादा फ़रमा
Faqulnā Yā 'Ādamu 'Inna Hādhā `Adūwun Laka Wa Lizawjika Falā Yukhrijannakumā Mina Al-Jannati Fatashqá
020-117 तो मैंने (आदम से कहा) कि ऐ आदम ये यक़ीनी तुम्हारा और तुम्हारी बीवी का दुशमन है तो कहीं तुम दोनों को बेहिश्त से निकलवा न छोड़े तो तुम (दुनिया की) मुसीबत में फँस जाओ
Fa'akalā Minhā Fabadat Lahumā Saw'ātuhumā Wa Ţafiqā Yakhşifāni `Alayhimā Min Waraqi Al-Jannati ۚ Wa `Aşá 'Ādamu Rabbahu Faghawá
020-121 चुनान्चे दोनों मियाँ बीबी ने उसी में से कुछ खाया तो उनका आगा पीछा उनपर ज़ाहिर हो गया और दोनों बेहिश्त के (दरख्त के) पत्ते अपने आगे पीछे पर चिपकाने लगे और आदम ने अपने परवरदिगार की नाफ़रमानी की
020-123 फिर उनकी तौबा कुबूल की और उनकी हिदायत की फरमाया कि तुम दोनों बेहश्त से नीचे उतर जाओ तुम में से एक का एक दुशमन है फिर अगर तुम्हारे पास मेरी तरफ से हिदायत पहुँचे तो (तुम) उसकी पैरवी करना क्योंकि जो शख्स मेरी हिदायत पर चलेगा न तो गुमराह होगा और न मुसीबत में फँसेगा
Wa Kadhalika Najzī Man 'Asrafa Wa Lam Yu'umin Bi'āyāti Rabbihi ۚ Wa La`adhābu Al-'Ākhirati 'Ashaddu Wa 'Abqá
020-127 और जिसने (हद से) तजाविज़ किया और अपने परवरदिगार की आयतों पर ईमान न लाया उसको ऐसी ही बदला देगें और आख़िरत का अज़ाब तो यक़ीनी बहुत सख्त और बहुत देर पा है
'Afalam Yahdi Lahum Kam 'Ahlaknā Qablahum Mina Al-Qurūni Yamshūna Fī Masākinihim ۗ 'Inna Fī Dhālika La'āyātin Li'wlī An-Nuhá
020-128 तो क्या उन (अहले मक्का) को उस (खुदा) ने ये नहीं बता दिया था कि हमने उनके पहले कितने लोगों को हलाक कर डाला जिनके घरों में ये लोग चलते फिरते हैं इसमें शक नहीं कि उसमें अक्लमंदों के लिए (कुदरते खुदा की) यक़ीनी बहुत सी निशानियाँ हैं
Wa Lawlā Kalimatun Sabaqat MinRabbika Lakāna Lizāmāan Wa 'Ajalun Musamman
020-129 और (ऐ रसूल) अगर तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से पहले ही एक वायदा और अज़ाब का) एक वक्त मुअय्युन न होता तो (उनकी हरकतों से) फ़ौरन अज़ाब का आना लाज़मी बात थी
Fāşbir `Alá Mā Yaqūlūna Wa Sabbiĥ Biĥamdi Rabbika Qabla Ţulū`i Ash-Shamsi Wa Qabla Ghurūbihā ۖ Wa Min 'Ānā'i Al-Layli Fasabbiĥ Wa 'Aţrāfa An-Nahāri La`allaka Tarđá
020-130 (ऐ रसूल) जो कुछ ये कुफ्फ़ार बका करते हैं तुम उस पर सब्र करो और आफ़ताब निकलने के क़ब्ल और उसके ग़ुरूब होने के क़ब्ल अपने परवरदिगार की हम्दोसना के साथ तसबीह किया करो और कुछ रात के वक़्तों में और दिन के किनारों में तस्बीह करो ताकि तुम निहाल हो जाओ
Wa Lā Tamuddanna `Aynayka 'Ilá Mā Matta`nā Bihi~ 'Azwājāan Minhum Zahrata Al-Ĥayāati Ad-Dunyā Linaftinahum Fīhi ۚ Wa Rizqu Rabbika Khayrun Wa 'Abqá
020-131 और (ऐ रसूल) जो उनमें से कुछ लोगों को दुनिया की इस ज़रा सी ज़िन्दगी की रौनक़ से निहाल कर दिया है ताकि हम उनको उसमें आज़माएँ तुम अपनी नज़रें उधर न बढ़ाओ और (इससे) तुम्हारे परवरदिगार की रोज़ी (सवाब) कहीं बेहतर और ज्यादा पाएदार है
Wa 'Mur 'Ahlaka Biş-Şalāati Wa Aşţabir `Alayhā ۖ Lā Nas'aluka Rizqāan ۖ Naĥnu Narzuquka Wa ۗ Al-`Āqibatu Lilttaqwá
020-132 और अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म दो और तुम खुद भी उसके पाबन्द रहो हम तुम से रोज़ी तो तलब करते नहीं (बल्कि) हम तो खुद तुमको रोज़ी देते हैं और परहेज़गारी ही का तो अन्जाम बखैर है
020-133 और (अहले मक्का) कहते हैं कि अपने परवरदिगार की तरफ से हमारे पास कोई मौजिज़ा हमारी मर्ज़ी के मुवाफिक़ क्यों नहीं लाते तो क्या जो (पेशीव गोइयाँ) अगली किताबों (तौरेत, इन्जील) में (इसकी) गवाह हैं वह भी उनके पास नहीं पहुँची
Wa Law 'Annā 'Ahlaknāhum Bi`adhābin MinQablihi Laqālū Rabbanā Lawlā 'Arsalta 'Ilaynā Rasūlāan Fanattabi`a 'Āyātika MinQabli 'An Nadhilla Wa Nakhzá
020-134 और अगर हम उनको इस रसूल से पहले अज़ाब से हलाक कर डालते तो ज़रूर कहते कि ऐ हमारे पालने वाले तूने हमारे पास (अपना) रसूल क्यों न भेजा तो हम अपने ज़लील व रूसवा होने से पहले तेरी आयतों की पैरवी ज़रूर करते
Qul Kullun Mutarabbişun Fatarabbaşū ۖ Fasata`lamūna Man 'Aşĥābu Aş-Şirāţi As-Sawīyi Wa Mani Ahtadá
020-135 रसूल तुम कह दो कि हर शख्स (अपने अन्जामकार का) मुन्तिज़र है तो तुम भी इन्तिज़ार करो फिर तो तुम्हें बहुत जल्द मालूम हो जाएगा कि सीधी राह वाले कौन हैं (और कज़ी पर कौन हैं) हिदायत याफ़ता कौन है और गुमराह कौन है।