Yā 'Ayyuhā An-Nabīyu Lima Tuĥarrimu Mā 'Aĥalla Allāhu ۖ Laka Tabtaghī Marđāata ۚ 'Azwājika Wa Allāhu GhafūrunRaĥīmun
066-001 ऐ रसूल जो चीज़ ख़ुदा ने तुम्हारे लिए हलाल की है तुम उससे अपनी बीवियों की ख़ुशनूदी के लिए क्यों किनारा कशी करो और ख़ुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
Wa 'Idh 'Asarra An-Nabīyu 'Ilá Ba`đi 'Azwājihi Ĥadīthāan Falammā Nabba'at Bihi Wa 'Ažharahu Allāhu `Alayhi `Arrafa Ba`đahu Wa 'A`rađa `An Ba`đin ۖ Falammā Nabba'ahā BihiQālat Man 'Anba'aka Hādhā ۖ Qāla Nabba'aniya Al-`Alīmu Al-Khabīru
066-003 और जब पैग़म्बर ने अपनी बाज़ बीवी (हफ़सा) से चुपके से कोई बात कही फिर जब उसने (बावजूद मुमानियत) उस बात की (आयशा को) ख़बर दे दी और ख़ुदा ने इस अम्र को रसूल पर ज़ाहिर कर दिया तो रसूल ने (आयशा को) बाज़ बात (किस्सा मारिया) जता दी और बाज़ बात (किस्साए यहद) टाल दी ग़रज़ जब रसूल ने इस वाक़िये (हफ़सा के अफ़शाए राज़) कि उस (आयशा) को ख़बर दी तो हैरत से बोल उठीं आपको इस बात (अफ़शाए राज़) की किसने ख़बर दी रसूल ने कहा मुझे बड़े वाक़िफ़कार ख़बरदार (ख़ुदा) ने बता दिया
'In Tatūbā 'Ilá Allāhi FaqadŞaghat Qulūbukumā ۖ Wa 'In Tažāharā `Alayhi Fa'inna Allāha Huwa Mawlāhu Wa Jibrīlu Wa Şāliĥu Al-Mu'uminīna Wa ۖ Al-Malā'ikatu Ba`da Dhālika Žahīrun
066-004 (तो ऐ हफ़सा व आयशा) अगर तुम दोनों (इस हरकत से) तौबा करो तो ख़ैर क्योंकि तुम दोनों के दिल टेढ़े हैं और अगर तुम दोनों रसूल की मुख़ालेफ़त में एक दूसरे की अयानत करती रहोगी तो कुछ परवा नहीं (क्यों कि) ख़ुदा और जिबरील और तमाम ईमानदारों में नेक शख़्श उनके मददगार हैं और उनके अलावा कुल फरिश्ते मददगार हैं
066-005 अगर रसूल तुम लोगों को तलाक़ दे दे तो अनक़रीब ही उनका परवरदिगार तुम्हारे बदले उनको तुमसे अच्छी बीवियाँ अता करे जो फ़रमाबरदार ईमानदार ख़ुदा रसूल की मुतीय (गुनाहों से) तौबा करने वालियाँ इबादत गुज़ार रोज़ा रखने वालियाँ ब्याही हुई
Yā 'Ayyuhā Al-Ladhīna 'Āmanū Qū 'Anfusakum Wa 'Ahlīkum Nārāan Waqūduhā An-Nāsu Wa Al-Ĥijāratu `Alayhā Malā'ikatun GhilāžunShidādun Lā Ya`şūna Allāha Mā 'Amarahum Wa Yaf`alūna Mā Yu'umarūna
066-006 और बिन ब्याही कुंवारियाँ हो ऐ ईमानदारों अपने आपको और अपने लड़के बालों को (जहन्नुम की) आग से बचाओ जिसके इंधन आदमी और पत्थर होंगे उन पर वह तन्दख़ू सख्त मिजाज़ फ़रिश्ते (मुक़र्रर) हैं कि ख़ुदा जिस बात का हुक्म देता है उसकी नाफरमानी नहीं करते और जो हुक्म उन्हें मिलता है उसे बजा लाते हैं
066-008 ऐ ईमानदारों ख़ुदा की बारगाह में साफ़ ख़ालिस दिल से तौबा करो तो (उसकी वजह से) उम्मीद है कि तुम्हारा परवरदिगार तुमसे तुम्हारे गुनाह दूर कर दे और तुमको (बेहिश्त के) उन बाग़ों में दाखिल करे जिनके नीचे नहरें जारी हैं उस दिन जब ख़ुदा रसूल को और उन लोगों को जो उनके साथ ईमान लाए हैं रूसवा नहीं करेगा (बल्कि) उनका नूर उनके आगे आगे और उनके दाहिने तरफ़ (रौशनी करता) चल रहा होगा और ये लोग ये दुआ करते होंगे परवरदिगार हमारे लिए हमारा नूर पूरा कर और हमें बख्य दे बेशक तू हर चीज़ पर कादिर है
Đaraba Allāhu Mathalāan Lilladhīna Kafarū Aimra'ata Nūĥin Wa Aimra'ata Lūţin ۖ Kānatā Taĥta `Abdayni Min `Ibādinā Şāliĥayni Fakhānatāhumā Falam Yughniyā `Anhumā Mina Allāhi Shay'āan Wa Qīla Adkhulā An-Nāra Ma`a Ad-Dākhilīna
066-010 ख़ुदा ने काफिरों (की इबरत) के वास्ते नूह की बीवी (वाएला) और लूत की बीवी (वाहेला) की मसल बयान की है कि ये दोनो हमारे बन्दों के तसर्रुफ़ थीं तो दोनों ने अपने शौहरों से दगा की तो उनके शौहर ख़ुदा के मुक़ाबले में उनके कुछ भी काम न आए और उनको हुक्म दिया गया कि और जाने वालों के साथ जहन्नुम में तुम दोनों भी दाखिल हो जाओ
Wa Đaraba Allāhu Mathalāan Lilladhīna 'Āmanū Aimra'ata Fir`awna 'IdhQālat Rabbi Abni Lī `Indaka Baytāan Fī Al-Jannati Wa Najjinī Min Fir`awna Wa `Amalihi Wa Najjinī Mina Al-Qawmi Až-Žālimīna
066-011 और ख़ुदा ने मोमिनीन (की तसल्ली) के लिए फिरऔन की बीवी (आसिया) की मिसाल बयान फ़रमायी है कि जब उसने दुआ की परवरदिगार मेरे लिए अपने यहाँ बेहिश्त में एक घर बना और मुझे फिरऔन और उसकी कारस्तानी से नजात दे और मुझे ज़ालिम लोगो (के हाथ) से छुटकारा अता फ़रमा
Wa Maryama Abnata `Imrāna Allatī 'Aĥşanat Farjahā Fanafakhnā Fīhi Min Rūĥinā Wa Şaddaqat Bikalimāti Rabbihā Wa Kutubihi Wa Kānat Mina Al-Qānitīna
066-012 और (दूसरी मिसाल) इमरान की बेटी मरियम जिसने अपनी शर्मगाह को महफूज़ रखा तो हमने उसमें रूह फूंक दी और उसने अपने परवरदिगार की बातों और उसकी किताबों की तस्दीक़ की और फरमाबरदारों में थी