Al-Ĥamdu Lillāh Fāţiri As-Samāwāti Wa Al-'Arđi Jā`ili Al-Malā'ikati Rusulāan 'Ūlī 'Ajniĥatin Mathná Wa Thulātha Wa Rubā`a ۚ Yazīdu Fī Al-Khalqi Mā Yashā'u ۚ 'Inna Allāha `Alá Kulli Shay'inQadīrun
035-001 हर तरह की तारीफ खुदा ही के लिए (मख़सूस) है जो सारे आसमान और ज़मीन का पैदा करने वाला फरिश्तों का (अपना) क़ासिद बनाने वाला है जिनके दो-दो और तीन-तीन और चार-चार पर होते हैं (मख़लूक़ात की) पैदाइश में जो (मुनासिब) चाहता है बढ़ा देता है बेशक खुदा हर चीज़ पर क़ादिर (व तवाना है)
Mā Yaftaĥi Allāhu Lilnnāsi MinRaĥmatin Falā Mumsika Lahā ۖ Wa Mā Yumsik Falā Mursila Lahu Min Ba`dihi ۚ Wa Huwa Al-`Azīzu Al-Ĥakīmu
035-002 लोगों के वास्ते जब (अपनी) रहमत (के दरवाजे) ख़ोल दे तो कोई उसे जारी नहीं कर सकता और जिस चीज़ को रोक ले उसके बाद उसे कोई रोक नहीं सकता और वही हर चीज़ पर ग़ालिब और दाना व बीना हकीम है
Yā 'Ayyuhā An-Nāsu Adhkurū Ni`mata Allāhi `Alaykum ۚ Hal Min Khāliqin Ghayru Allāhi Yarzuqukum Mina As-Samā'i Wa Al-'Arđi ۚ Lā 'Ilāha 'Illā Huwa ۖ Fa'anná Tu'ufakūna
035-003 लोगों खुदा के एहसानात को जो उसने तुम पर किए हैं याद करो क्या खुदा के सिवा कोई और ख़ालिक है जो आसमान और ज़मीन से तुम्हारी रोज़ी पहुँचाता है उसके सिवा कोई माबूद क़ाबिले परसतिश नहीं फिर तुम किधर बहके चले जा रहे हो
Wa 'In Yukadhdhibūka Faqad Kudhdhibat Rusulun MinQablika ۚ Wa 'Ilá Allāhi Turja`u Al-'Umūru
035-004 और (ऐ रसूल) अगर ये लोग तुम्हें झुठलाएँ तो (कुढ़ो नहीं) तुमसे पहले बहुतेरे पैग़म्बर (लोगों के हाथों) झुठलाए जा चुके हैं और (आख़िर) कुल उमूर की रूजू तो खुदा ही की तरफ है
035-005 लोगों खुदा का (क़यामत का) वायदा यक़ीनी बिल्कुल सच्चा है तो (कहीं) तुम्हें दुनिया की (चन्द रोज़ा) ज़िन्दगी फ़रेब में न लाए (ऐसा न हो कि शैतान) तुम्हें खुदा के बारे में धोखा दे
Al-Ladhīna Kafarū Lahum `AdhābunShadīdun Wa ۖ Al-Ladhīna 'Āmanū Wa `Amilū Aş-Şāliĥāti Lahum Maghfiratun Wa 'Ajrun Kabīrun
035-007 जिन लोगों ने (दुनिया में) कुफ्र इख़तेयार किया उनके लिए (आखेरत में) सख्त अज़ाब है और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे-अच्छे काम किए उनके लिए (गुनाहों की) मग़फेरत और निहायत अच्छा बदला (बेहश्त) है
'Afaman Zuyyina Lahu Sū'u `Amalihi Fara'āhu Ĥasanāan ۖ Fa'inna Allāha Yuđillu Man Yashā'u Wa Yahdī Man Yashā'u ۖ Falā Tadh/hab Nafsuka `Alayhim Ĥasarātin ۚ 'Inna Allāha `Alīmun Bimā Yaşna`ūna
035-008 तो भला वह शख्स जिसे उस का बुरा काम शैतानी (अग़वॉ से) अच्छा कर दिखाया गया है औ वह उसे अच्छा समझने लगा है (कभी मोमिन नेकोकार के बराबर हो सकता है हरगिज़ नहीं) तो यक़ीनी (बात) ये है कि ख़ुदा जिसे चाहता है गुमराही में छोड़ देता है और जिसे चाहता है राहे रास्त पर आने (की तौफ़ीक़) देता है तो (ऐ रसूल कहीं) उन (बदबख्तों) पर अफसोस कर करके तुम्हारे दम न निकल जाए जो कुछ ये लोग करते हैं ख़ुदा उससे खूब वाक़िफ़ है
035-009 और ख़ुदा ही वह (क़ादिर व तवाना) है जो हवाओं को भेजता है तो हवाएँ बादलों को उड़ाए-उड़ाए फिरती है फिर हम उस बादल को मुर्दा (उफ़तादा) शहर की तरफ हका देते हैं फिर हम उसके ज़रिए से ज़मीन को उसके मर जाने के बाद शादाब कर देते हैं यूँ ही (मुर्दों को क़यामत में जी उठना होगा)
Man Kāna Yurīdu Al-`Izzata Falillāhi Al-`Izzatu Jamī`āan ۚ 'Ilayhi Yaş`adu Al-Kalimu Aţ-Ţayyibu Wa Al-`Amalu Aş-Şāliĥu Yarfa`uhu Wa ۚ Al-Ladhīna Yamkurūna As-Sayyi'āti Lahum `AdhābunShadīdun ۖ Wa Makru 'Ūlā'ika Huwa Yabūru
035-010 जो शख्स इज्ज़त का ख्वाहाँ हो तो ख़ुदा से माँगे क्योंकि सारी इज्ज़त खुदा ही की है उसकी बारगाह तक अच्छी बातें (बुलन्द होकर) पहुँचतीं हैं और अच्छे काम को वह खुद बुलन्द फरमाता है और जो लोग (तुम्हारे ख़िलाफ) बुरी-बुरी तदबीरें करते रहते हैं उनके लिए क़यामत में सख्त अज़ाब है और (आख़िर) उन लोगों की तदबीर मटियामेट हो जाएगी
Wa Allāhu Khalaqakum Min TurābinThumma Min NuţfatinThumma Ja`alakum 'Azwājāan ۚ Wa Mā Taĥmilu Min 'Unthá Wa Lā Tađa`u 'Illā Bi`ilmihi ۚ Wa Mā Yu`ammaru Min Mu`ammarin Wa Lā Yunqaşu Min `Umurihi~ 'Illā Fī Kitābin ۚ 'Inna Dhālika `Alá Allāhi Yasīrun
035-011 और खुदा ही ने तुम लोगों को (पहले पहल) मिट्टी से पैदा किया फिर नतफ़े से फिर तुमको जोड़ा (नर मादा) बनाया और बग़ैर उसके इल्म (इजाज़त) के न कोई औरत हमेला होती है और न जनती है और न किसी शख्स की उम्र में ज्यादती होती है और न किसी की उम्र से कमी की जाती है मगर वह किताब (लौहे महफूज़) में (ज़रूर) है बेशक ये बात खुदा पर बहुत ही आसान है
Wa Mā Yastawī Al-Baĥrāni Hādhā `Adhbun Furātun Sā'ighunSharābuhu Wa Hadhā Milĥun 'Ujājun ۖ Wa Min Kullin Ta'kulūna LaĥmāanŢarīyāan Wa Tastakhrijūna Ĥilyatan Talbasūnahā ۖ Wa Tará Al-Fulka Fīhi Mawākhira Litabtaghū Min Fađlihi Wa La`allakum Tashkurūna
035-012 (उसकी कुदरत देखो) दो समन्दर बावजूद मिल जाने के यकसाँ नहीं हो जाते ये (एक तो) मीठा खुश ज़ाएका कि उसका पीना सुवारत (ख़ुश्गवार) है और ये (दूसरा) खारी कड़ुवा है और (इस इख़तेलाफ पर भी) तुम लोग दोनों से (मछली का) तरो ताज़ा गोश्त (यकसाँ) खाते हो और (अपने लिए ज़ेवरात (मोती वग़ैरह) निकालते हो जिन्हें तुम पहनते हो और तुम देखते हो कि कश्तियां दरिया में (पानी को) फाड़ती चली जाती हैं ताकि उसके फज्ल (व करम तिजारत) की तलाश करो और ताकि तुम लोग शुक्र करो
Yūliju Al-Layla Fī An-Nahāri Wa Yūliju An-Nahāra Fī Al-Layli Wa Sakhkhara Ash-Shamsa Wa Al-Qamara Kullun Yajrī Li'jalin Musamman ۚ Dhalikumu Allāhu Rabbukum Lahu Al-Mulku Wa ۚ Al-Ladhīna Tad`ūna Min Dūnihi Mā Yamlikūna MinQiţmīrin
035-013 वही रात को (बढ़ा के) दिन में दाख़िल करता है (तो रात बढ़ जाती है) और वही दिन को (बढ़ा के) रात में दाख़िल करता है (तो दिन बढ़ जाता है और) उसी ने सूरज और चाँद को अपना मुतीइ बना रखा है कि हर एक अपने (अपने) मुअय्यन (तय) वक्त पर चला करता है वही खुदा तुम्हारा परवरदिगार है उसी की सलतनत है और उसे छोड़कर जिन माबूदों को तुम पुकारते हो वह छुवारों की गुठली की झिल्ली के बराबर भी तो इख़तेयार नहीं रखते
'In Tad`ūhum Lā Yasma`ū Du`ā'akum Wa Law Sami`ū Mā Astajābū Lakum ۖ Wa Yawma Al-Qiyāmati Yakfurūna Bishirkikum ۚ Wa Lā Yunabbi'uka Mithlu Khabīrin
035-014 अगर तुम उनको पुकारो तो वह तुम्हारी पुकार को सुनते नहीं अगर (बिफ़रज़े मुहाल) सुनों भी तो तुम्हारी दुआएँ नहीं कुबूल कर सकते और क़यामत के दिन तुम्हारे शिर्क से इन्कार कर बैठेंगें और वाक़िफकार (शख्स की तरह कोई दूसरा उनकी पूरी हालत) तुम्हें बता नहीं सकता
Wa Lā Taziru Wāziratun Wizra 'Ukhrá ۚ Wa 'In Tad`u Muthqalatun 'Ilá Ĥimlihā Lā Yuĥmal Minhu Shay'un Wa Law Kāna Dhā Qurbá ۗ 'Innamā Tundhiru Al-Ladhīna Yakhshawna Rabbahum Bil-Ghaybi Wa 'Aqāmū Aş-Şalāata ۚ Wa Man Tazakká Fa'innamā Yatazakká Linafsihi ۚ Wa 'Ilá Allāhi Al-Maşīru
035-018 और याद रहे कि कोई शख्स किसी दूसरे (के गुनाह) का बोझ नहीं उठाएगा और अगर कोई (अपने गुनाहों का) भारी बोझ उठाने वाला अपना बोझ उठाने के वास्ते (किसी को) बुलाएगा तो उसके बारे में से कुछ भी उठाया न जाएगा अगरचे (कोई किसी का) कराबतदार ही (क्यों न) हो (ऐ रसूल) तुम तो बस उन्हीं लोगों को डरा सकते हो जो बे देखे भाले अपने परवरदिगार का ख़ौफ रखते हैं और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ते हैं और (याद रखो कि) जो शख्स पाक साफ रहता है वह अपने ही फ़ायदे के वास्ते पाक साफ रहता है और (आख़िरकार सबको हिरफिर के) खुदा ही की तरफ जाना है
035-021 और न छाँव (बेहिश्त) और धूप (दोज़ख़ बराबर है)
وَلاَ الظِّلُّ وَلاَ الْحَرُورُ
Wa Mā Yastawī Al-'Aĥyā'u Wa Lā Al-'Amwātu ۚ 'Inna Allāha Yusmi`u Man Yashā'u ۖ Wa Mā 'Anta Bimusmi`in Man Fī Al-Qubūri
035-022 और न ज़िन्दे (मोमिनीन) और न मुर्दें (क़ाफिर) बराबर हो सकते हैं और खुदा जिसे चाहता है अच्छी तरह सुना (समझा) देता है और (ऐ रसूल) जो (कुफ्फ़ार मुर्दों की तरह) क़ब्रों में हैं उन्हें तुम अपनी (बातें) नहीं समझा सकते हो
Wa 'In Yukadhdhibūka Faqad Kadhdhaba Al-Ladhīna MinQablihim Jā'at/humRusuluhum Bil-Bayyināti Wa Biz-Zuburi Wa Bil-Kitābi Al-Munīri
035-025 ऐसी नहीं गुज़री कि उसके पास (हमारा) डराने वाला पैग़म्बर न आया हो और अगर ये लोग तुम्हें झुठलाएँ तो कुछ परवाह नहीं करो क्योंकि इनके अगलों ने भी (अपने पैग़म्बरों को) झुठलाया है (हालाँकि) उनके पास उनके पैग़म्बर वाज़ेए व रौशन मौजिजे अौर सहीफ़े और रौशन किताब लेकर आए थे
'Alam Tará 'Anna Allāha 'Anzala Mina As-Samā'i Mā'an Fa'akhrajnā Bihi Thamarātin Mukhtalifāan 'Alwānuhā ۚ Wa Mina Al-Jibāli Judadun Bīđun Wa Ĥumrun Mukhtalifun 'Alwānuhā Wa Gharābību Sūdun
035-027 अब क्या तुमने इस पर भी ग़ौर नहीं किया कि यक़ीनन खुदा ही ने आसमान से पानी बरसाया फिर हम (खुदा) ने उसके ज़रिए से तरह-तरह की रंगतों के फल पैदा किए और पहाड़ों में क़तआत (टुकड़े रास्ते) हैं जिनके रंग मुख़तलिफ है कुछ तो सफेद (बुर्राक़) और कुछ लाल (लाल) और कुछ बिल्कुल काले सियाह
Wa Mina An-Nāsi Wa Ad-Dawābbi Wa Al-'An`ām Mukhtalifun 'Alwānuhu Kadhālika ۗ 'Innamā Yakhshá Allāha Min `Ibādihi Al-`Ulamā'u ۗ 'Inna Allāha `Azīzun Ghafūrun
035-028 और इसी तरह आदमियों और जानवरों और चारपायों की भी रंगते तरह-तरह की हैं उसके बन्दों में ख़ुदा का ख़ौफ करने वाले तो बस उलेमा हैं बेशक खुदा (सबसे) ग़ालिब और बख्शने वाला है
'Inna Al-Ladhīna Yatlūna Kitāba Allāhi Wa 'Aqāmū Aş-Şalāata Wa 'Anfaqū Mimmā Razaqnāhum Sirrāan Wa `Alāniyatan Yarjūna Tijāratan Lan Tabūra
035-029 बेशक जो लोग آुदा की किताब पढ़ा करते हैं और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ते हैं और जो कुछ हमने उन्हें अता किया है उसमें से छिपा के और दिखा के (खुदा की राह में) देते हैं वह यक़ीनन ऐसे व्यापार का आसरा रखते हैं
Liyuwaffiyahum 'Ujūrahum Wa Yazīdahum Min Fađlihi~ ۚ 'Innahu GhafūrunShakūrun
035-030 जिसका कभी टाट न उलटेगा ताकि खुदा उन्हें उनकी मज़दूरियाँ भरपूर अता करे बल्कि अपने फज़ल (व करम) से उसे कुछ और बढ़ा देगा बेशक वह बड़ा बख्शने वाला है (और) बड़ा क़द्रदान है
Wa Al-Ladhī 'Awĥaynā 'Ilayka Mina Al-Kitābi Huwa Al-Ĥaqqu Muşaddiqāan Limā Bayna Yadayhi ۗ 'Inna Allāha Bi`ibādihi Lakhabīrun Başīrun
035-031 और हमने जो किताब तुम्हारे पास ''वही'' के ज़रिए से भेजी वह बिल्कुल ठीक है और जो (किताबें इससे पहले की) उसके सामने (मौजूद) हैं उनकी तसदीक़ भी करती हैं - बेशक खुदा अपने बन्दों (के हालात) से खूब वाक़िफ है (और) देख रहा है
Thumma 'Awrathnā Al-Kitāba Al-Ladhīna Aşţafaynā Min `Ibādinā ۖ FaminhumŽālimun Linafsihi Wa Minhum Muqtaşidun Wa Minhum Sābiqun Bil-Khayrāti Bi'idhni Allāhi ۚ Dhālika Huwa Al-Fađlu Al-Kabīru
035-032 फिर हमने अपने बन्दगान में से ख़ास उनको कुरान का वारिस बनाया जिन्हें (अहल समझकर) मुन्तख़िब किया क्योंकि बन्दों में से कुछ तो (नाफरमानी करके) अपनी जान पर सितम ढाते हैं और कुछ उनमें से (नेकी बदी के) दरमियान हैं और उनमें से कुछ लोग खुदा के इख़तेयार से नेकों में (औरों से) गोया सबकत ले गए हैं (इन्तेख़ाब व सबक़त) तो खुदा का बड़ा फज़ल है
Jannātu `Adnin Yadkhulūnahā Yuĥallawna Fīhā Min 'Asāwira MinDhahabin Wa Lu'ulu'uāan ۖ Wa Libāsuhum Fīhā Ĥarīrun
035-033 (और उसका सिला बेहिश्त के) सदा बहार बाग़ात हैं जिनमें ये लोग दाख़िल होंगे और उन्हें वहाँ सोने के कंगन और मोती पहनाए जाएँगे और वहाँ उनकी (मामूली) पोशाक ख़ालिस रेशमी होगी
035-034 और ये लोग (खुशी के लहजे में) कहेंगे खुदा का शुक्र जिसने हम से (हर क़िस्म का) रंज व ग़म दूर कर दिया बेशक हमारा परवरदिगार बड़ा बख्शने वाला (और) क़दरदान है
Wa Al-Ladhīna Kafarū Lahum Nāru Jahannama Lā Yuqđá `Alayhim Fayamūtū Wa Lā Yukhaffafu `Anhum Min `Adhābihā ۚ Kadhālika Najzī Kulla Kafūrin
035-036 और जो लोग काफिर हो बैठे उनके लिए जहन्नुम की आग है न उनकी कज़ा ही आएगी कि वह मर जाए और तकलीफ से नजात मिले और न उनसे उनके अज़ाब ही में तख़फीफ की जाएगी हम हर नाशुक्रे की सज़ा यूँ ही किया करते हैं
Wa Hum Yaşţarikhūna Fīhā Rabbanā 'Akhrijnā Na`mal Şāliĥāan Ghayra Al-Ladhī Kunnā Na`malu ۚ 'Awalam Nu`ammirkum Mā Yatadhakkaru Fīhi Man Tadhakkara Wa Jā'akumu An-Nadhīru ۖ Fadhūqū Famā Lilžžālimīna Min Naşīr
035-037 और ये लोग दोजख़ में (पड़े) चिल्लाया करेगें कि परवरदिगार अब हमको (यहाँ से) निकाल दे तो जो कुछ हम करते थे उसे छोड़कर नेक काम करेंगे (तो ख़ुदा जवाब देगा कि) क्या हमने तुम्हें इतनी उम्रें न दी थी कि जिनमें जिसको जो कुछ सोंचना समझना (मंज़ूर) हो खूब सोच समझ ले और (उसके अलावा) तुम्हारे पास (हमारा) डराने वाला (पैग़म्बर) भी पहुँच गया था तो (अपने किए का मज़ा) चखो क्योंकि सरकश लोगों का कोई मद्दगार नहीं
Huwa Al-Ladhī Ja`alakumKhalā'ifa Fī Al-'Arđi ۚ Faman Kafara Fa`alayhi Kufruhu ۖ Wa Lā Yazīdu Al-Kāfirīna Kufruhum `Inda Rabbihim 'Illā Maqtāan ۖ Wa Lā Yazīdu Al-Kāfirīna Kufruhum 'Illā Khasārāan
035-039 वह वही खुदा है जिसने रूए ज़मीन में तुम लोगों को (अगलों का) जानशीन बनाया फिर जो शख्स काफ़िर होगा तो उसके कुफ़्र का वबाल उसी पर पड़ेगा और काफ़िरों को उनका कुफ्र उनके परवरदिगार की बारगाह में ग़ज़ब के सिवा कुछ बढ़ाएगा नहीं और कुफ्फ़ार को उनका कुफ़्र घाटे के सिवा कुछ नफ़ा न देगा
035-040 (ऐ रसूल) तुम (उनसे) पूछो तो कि खुदा के सिवा अपने जिन शरीकों की तुम क़यादत करते थे क्या तुमने उन्हें (कुछ) देखा भी मुझे भी ज़रा दिखाओ तो कि उन्होंने ज़मीन (की चीज़ों) से कौन सी चीज़ पैदा की या आसमानों में कुछ उनका आधा साझा है या हमने खुद उन्हें कोई किताब दी है कि वह उसकी दलील रखते हैं (ये सब तो कुछ नहीं) बल्कि ये ज़ालिम एक दूसरे से (धोखे और) फरेब ही का वायदा करते हैं
'Inna Allāha Yumsiku As-Samāwāti Wa Al-'Arđa 'An Tazūlā ۚ Wa La'in Zālatā 'In 'Amsakahumā Min 'Aĥadin Min Ba`dihi~ ۚ 'Innahu Kāna Ĥalīmāan Ghafūrāan
035-041 बेशक खुदा ही सारे आसमान और ज़मीन अपनी जगह से हट जाने से रोके हुए है और अगर (फर्ज़ करे कि) ये अपनी जगह से हट जाए तो फिर तो उसके सिवा उन्हें कोई रोक नहीं सकता बेशक वह बड़ा बुर्दबर (और) बड़ा बख्शने वाला है
035-042 और ये लोग तो खुदा की बड़ी-बड़ी सख्त क़समें खा (कर कहते) थे कि बेशक अगर उनके पास कोई डराने वाला (पैग़म्बर) आएगा तो वह ज़रूर हर एक उम्मत से ज्यादा रूबसह होंगे फिर जब उनके पास डराने वाला (रसूल) आ पहुँचा तो (उन लोगों को) रूए ज़मीन में सरकशी और बुरी-बुरी तद्बीरें करने की वजह से
Astikbārāan Fī Al-'Arđi Wa Makra As-Sayyi'i ۚ Wa Lā Yaĥīqu Al-Makru As-Sayyi'u 'Illā Bi'ahlihi ۚ Fahal Yanžurūna 'Illā Sunnata Al-'Awwalīna ۚ Falan Tajida Lisunnati Allāhi Tabdīlāan ۖ Wa Lan Tajida Lisunnati Allāhi Taĥwīlāan
035-043 (उसके आने से) उनकी नफरत को तरक्की ही होती गयी और बुदी तद्बीर (की बुराई) तो बुरी तद्बीर करने वाले ही पर पड़ती है तो (हो न हो) ये लोग बस अगले ही लोगों के बरताव के मुन्तज़िर हैं तो (बेहतर) तुम खुदा के दसतूर में कभी तब्दीली न पाओगे और खुदा की आदत में हरगिज़ कोई तग़य्युर न पाओगे
035-044 तो क्या उन लोगों ने रूए ज़मीन पर चल फिर कर नहीं देखा कि जो लोग उनके पहले थे और उनसे ज़ोर व कूवत में भी कहीं बढ़-चढ़ के थे फिर उनका (नाफ़रमानी की वजह से) क्या (ख़राब) अन्जाम हुआ और खुदा ऐसा (गया गुज़रा) नहीं है कि उसे कोई चीज़ आजिज़ कर सके (न इतने) आसमानों में और न ज़मीन में बेशक वह बड़ा ख़बरदार (और) बड़ी (क़ाबू) कुदरत वाला है
Wa Law Yu'uākhidhu Allāhu An-Nāsa Bimā Kasabū Mā Taraka `Alá Žahrihā Min Dābbatin Wa Lakin Yu'uakhkhiruhum 'Ilá 'Ajalin Musamman ۖ Fa'idhā Jā'a 'Ajaluhum Fa'inna Allāha Kāna Bi`ibādihi Başīrāan
035-045 और अगर (कहीं) खुदा लोगों की करतूतों की गिरफ्त करता तो (जैसी उनकी करनी है) रूए ज़मीन पर किसी जानवर को बाक़ी न छोड़ता मगर वह तो एक मुक़र्रर मियाद तक लोगों को मोहलत देता है (कि जो करना हो कर लो) फिर जब उनका (वह) वक्त अा जाएगा तो खुदा यक़ीनी तौर पर अपने बन्दों (के हाल) को देख रहा है (जो जैसा करेगा वैसा पाएगा)