Yawma Tarawnahā Tadh/halu Kullu Murđi`atin `Ammā 'Arđa`at Wa Tađa`u Kullu Dhāti Ĥamlin Ĥamlahā Wa Tará An-Nāsa Sukārá Wa Mā Hum Bisukārá Wa Lakinna `Adhāba Allāhi Shadīdun
022-002 जिस दिन तुम उसे देख लोगे तो हर दूध पिलाने वाली (डर के मारे) अपने दूध पीते (बच्चे) को भूल जायेगी और सारी हामला औरते अपने-अपने हमल (बेहिश्त से) गिरा देगी और (घबराहट में) लोग तुझे मतवाले मालूम होंगे हालाँकि वह मतवाले नहीं हैं बल्कि खुदा का अज़ाब बहुत सख्त है कि लोग बदहवास हो रहे हैं
Kutiba `Alayhi 'Annahu Man Tawallāhu Fa'annahu Yuđilluhu Wa Yahdīhi 'Ilá `Adhābi As-Sa`īri
022-004 जिन (की पेशानी) के ऊपर (ख़ते तक़दीर से) लिखा जा चुका है कि जिसने उससे दोस्ती की हो तो ये यक़ीनन उसे गुमराह करके छोड़ेगा और दोज़ख़ के अज़ाब तक पहुँचा देगा
Yā 'Ayyuhā An-Nāsu 'In Kuntum Fī Raybin Mina Al-Ba`thi Fa'innā Khalaqnākum Min TurābinThumma Min NuţfatinThumma Min `AlaqatinThumma Min Muđghatin Mukhallaqatin Wa Ghayri Mukhallaqatin Linubayyina Lakum ۚ Wa Nuqirru Fī Al-'Arĥāmi Mā Nashā'u 'Ilá 'Ajalin MusammanThumma NukhrijukumŢiflāanThumma Litablughū 'Ashuddakum ۖ Wa Minkum Man Yutawaffá Wa Minkum Man Yuraddu 'Ilá 'Ardhali Al-`Umuri Likaylā Ya`lama Min Ba`di `IlminShay'āan ۚ Wa Tará Al-'Arđa Hāmidatan Fa'idhā 'Anzalnā `Alayhā Al-Mā'a Ahtazzat Wa Rabat Wa 'Anbatat Min Kulli Zawjin Bahījin
022-005 लोगों अगर तुमको (मरने के बाद) दोबारा जी उठने में किसी तरह का शक है तो इसमें शक नहीं कि हमने तुम्हें शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे से उसके बाद जमे हुए ख़ून से फिर उस लोथड़े से जो पूरा (सूडौल हो) या अधूरा हो पैदा किया ताकि तुम पर (अपनी कुदरत) ज़ाहिर करें (फिर तुम्हारा दोबारा ज़िन्दा) करना क्या मुश्किल है और हम औरतों के पेट में जिस (नुत्फे) को चाहते हैं एक मुद्दत मुअय्यन तक ठहरा रखते हैं फिर तुमको बच्चा बनाकर निकालते हैं फिर (तुम्हें पालते हैं) ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो और तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो (क़ब्ल बुढ़ापे के) मर जाते हैं और तुम में से कुछ लोग ऐसे हैं जो नाकारा ज़िन्दगी बुढ़ापे तक फेर लाए हैं जातें ताकि समझने के बाद सठिया के कुछ भी (ख़ाक) न समझ सके और तो ज़मीन को मुर्दा (बेकार उफ़तादा) देख रहा है फिर जब हम उस पर पानी बरसा देते हैं तो लहलहाने और उभरने लगती है और हर तरह की ख़ुशनुमा चीज़ें उगती है तो ये क़ुदरत के तमाशे इसलिए दिखाते हैं ताकि तुम जानो
022-009 (ख्वाहमख्वाह) खुदा के बारे में लड़ने मरने पर तैयार है ताकि (लोगों को) ख़ुदा की राह बहका दे ऐसे (नाबकार) के लिए दुनिया में (भी) रूसवाई है और क़यामत के दिन (भी) हम उसे जहन्नुम के अज़ाब (का मज़ा) चखाएँगे
Wa Mina An-Nāsi Man Ya`budu Allāha `Alá Ĥarfin ۖ Fa'in 'Aşābahu Khayrun Aţma'anna Bihi ۖ Wa 'In 'Aşābat/hu Fitnatun Anqalaba `Alá Wajhihi Khasira Ad-Dunyā Wa Al-'Ākhirata Dhālika ۚ Huwa Al-Khusrānu Al-Mubīnu
022-011 और लोगों में से कुछ ऐसे भी हैं जो एक किनारे पर (खड़े होकर) खुदा की इबादत करता है तो अगर उसको कोई फायदा पहुँच गया तो उसकी वजह से मुतमईन हो गया और अगर कहीं उस कोई मुसीबत छू भी गयी तो (फौरन) मुँह फेर के (कुफ़्र की तरफ़) पलट पड़ा उसने दुनिया और आखेरत (दोनों) का घाटा उठाया यही तो सरीही घाटा है
Yad`ū LamanĐarruhu~ 'Aqrabu Min Naf`ihi ۚ Labi'sa Al-Mawlá Wa Labi'sa Al-`Ashīru
022-013 यही तो पल्ले दरने की गुमराही है और उसको अपनी हाजत रवाई के लिए पुकारता है जिस का नुक़सान उसके नफे से ज्यादा क़रीब है बेशक ऐसा मालिक भी बुरा और ऐसा रफीक़ भी बुरा
'Inna Allāha Yudkhilu Al-Ladhīna 'Āmanū Wa `Amilū Aş-Şāliĥāti Jannātin Tajrī Min Taĥtihā Al-'Anhāru ۚ 'Inna Allāha Yaf`alu Mā Yurīdu
022-014 बेशक जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए उनको (खुदा बेहश्त के) उन (हरे-भरे) बाग़ात में ले जाकर दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी होगीं बेशक खुदा जो चाहता है करता है
Man Kāna Yažunnu 'An Lan Yanşurahu Allāhu Fī Ad-Dunyā Wa Al-'Ākhirati Falyamdud Bisababin 'Ilá As-Samā'i Thumma Liyaqţa` Falyanžur Hal Yudh/hibanna Kayduhu Mā Yaghīžu
022-015 जो शख्स (गुस्से में) ये बदगुमानी करता है कि दुनिया और आख़ेरत में खुदा उसकी हरग़िज मदद न करेगा तो उसे चाहिए कि आसमान तक रस्सी ताने (और अपने गले में फाँसी डाल दे) फिर उसे काट दे (ताकि घुट कर मर जाए) फिर देखिए कि जो चीज़ उसे गुस्से में ला रही थी उसे उसकी तद्बीर दूर दफ़ा कर देती है
'Inna Al-Ladhīna 'Āmanū Wa Al-Ladhīna Hādū Wa Aş-Şābi'īna Wa An-Naşārá Wa Al-Majūsa Wa Al-Ladhīna 'Ashrakū 'Inna Allāha Yafşilu Baynahum Yawma Al-Qiyāmati ۚ 'Inna Allāha `Alá Kulli Shay'inShahīdun
022-017 इसमें शक नहीं कि जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया (मुसलमान) और यहूदी और लामज़हब लोग और ईसाई और मजूसी (आतिशपरस्त) और मुशरेकीन (कुफ्फ़ार) यक़ीनन खुदा उन लोगों के दरमियान क़यामत के दिन (ठीक ठीक) फ़ैसला कर देगा इसमें शक नहीं कि खुदा हर चीज़ को देख रहा है
'Alam Tará 'Anna Allāha Yasjudu Lahu Man Fī As-Samāwāti Wa Man Fī Al-'Arđi Wa Ash-Shamsu Wa Al-Qamaru Wa An-Nujūmu Wa Al-Jibālu Wa Ash-Shajaru Wa Ad-Dawābbu Wa Kathīrun Mina An-Nāsi ۖ Wa Kathīrun Ĥaqqa `Alayhi Al-`Adhābu ۗ Wa Man Yuhini Allāhu Famā Lahu Min Mukrimin ۚ 'Inna Allāha Yaf`alu Mā Yashā'u
022-018 क्या तुमने इसको भी नहीं देखा कि जो लोग आसमानों में हैं और जो लोग ज़मीन में हैं और आफताब और माहताब और सितारे और पहाड़ और दरख्त और चारपाए (ग़रज़ कुल मख़लूक़ात) और आदमियों में से बहुत से लोग सब खुदा ही को सजदा करते हैं और बहुतेरे ऐसे भी हैं जिन पर नाफ़रमानी की वजह से अज़ाब का (का आना) लाज़िम हो चुका है और जिसको खुदा ज़लील करे फिर उसका कोई इज्ज़त देने वाला नहीं कुछ शक नहीं कि खुदा जो चाहता है करता है (18) सजदा
Hadhāni Khaşmāni Akhtaşamū Fī Rabbihim ۖ Fa-Al-Ladhīna Kafarū Quţţi`at LahumThiyābun Min Nārin Yuşabbu Min Fawqi Ru'ūsihimu Al-Ĥamīmu
022-019 ये दोनों (मोमिन व काफिर) दो फरीक़ हैं आपस में अपने परवरदिगार के बारे में लड़ते हैं ग़रज़ जो लोग काफ़िर हो बैठे उनके लिए तो आग के कपड़े केता किए गए हैं (वह उन्हें पहनाए जाएँगें और) उनके सरों पर खौलता हुआ पानी उँडेला जाएगा
022-021 और उनके (मारने के) लिए लोहे के गुर्ज़ होंगे
وَلَهُمْ مَقَامِعُ مِنْ حَدِيدٍ
Kullamā 'Arādū 'An Yakhrujū Minhā Min Ghammin 'U`īdū Fīhā Wa Dhūqū `Adhāba Al-Ĥarīqi
022-022 कि जब सदमें के मारे चाहेंगे कि दोज़ख़ से निकल भागें तो (ग़ुर्ज मार के) फिर उसके अन्दर ढकेल दिए जाएँगे और (उनसे कहा जाएगा कि) जलाने वाले अज़ाब के मज़े चखो
'Inna Allāha Yudkhilu Al-Ladhīna 'Āmanū Wa `Amilū Aş-Şāliĥāti Jannātin Tajrī Min Taĥtihā Al-'Anhāru Yuĥallawna Fīhā Min 'Asāwira MinDhahabin Wa Lu'ulu'uāan ۖ Wa Libāsuhum Fīhā Ĥarīrun
022-023 जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे अच्छे काम भी किए उनको खुदा बेहश्त के ऐसे हरे-भरे बाग़ों में दाख़िल फरमाएगा जिनके नीचे नहरे जारी होगी उन्हें वहाँ सोने के कंगन और मोती (के हार) से सँवारा जाएगा और उनका लिबास वहाँ रेशमी होगा
'Inna Al-Ladhīna Kafarū Wa Yaşuddūna `An Sabīli Allāhi Wa Al-Masjidi Al-Ĥarāmi Al-Ladhī Ja`alnāhu Lilnnāsi Sawā'an Al-`Ākifu Fīhi Wa Al-Bādi ۚ Wa Man Yurid Fīhi Bi'ilĥādin Bižulmin Nudhiqhu Min `Adhābin 'Alīmin
022-025 बेशक जो लोग काफिर हो बैठे और खुदा की राह से और मस्जिदें मोहतरम (ख़ानए काबा) से जिसे हमने सब लोगों के लिए (माबद) बनाया है (और) इसमें शहरी और बेरूनी सबका हक़ बराबर है (लोगों को) रोकते हैं (उनको) और जो शख्स इसमें शरारत से गुमराही करे उसको हम दर्दनाक अज़ाब का मज़ा चखा देंगे
Wa 'Idh Bawwa'nā Li'ibrāhīma Makāna Al-Bayti 'An Lā Tushrik Bī Shay'āan Wa Ţahhir Baytiya Lilţţā'ifīna Wa Al-Qā'imīna Wa Ar-Rukka`i As-Sujūdi
022-026 और (ऐ रसूल वह वक्त याद करो) जब हमने इबराहीम के ज़रिये से इबरहीम के वास्ते ख़ानए काबा की जगह ज़ाहिर कर दी (और उनसे कहा कि) मेरा किसी चीज़ को शरीक न बनाना और मेरे घर को तवाफ और क़याम और रूकू सुजूद करने वालों के वास्ते साफ सुथरा रखना
Wa 'Adhdhin Fī An-Nāsi Bil-Ĥajji Ya'tūka Rijālāan Wa `Alá Kulli Đāmirin Ya'tīna Min Kulli Fajjin `Amīqin
022-027 और लोगों को हज की ख़बर कर दो कि लोग तुम्हारे पास (ज़ूक दर ज़ूक) ज्यादा और हर तरह की दुबली (सवारियों पर जो राह दूर दराज़ तय करके आयी होगी चढ़-चढ़ के) आ पहुँचेगें
Liyash/hadū Manāfi`a Lahum Wa Yadhkurū Asma Allāhi Fī 'Ayyāmin Ma`lūmātin `Alá Mā Razaqahum Min Bahīmati Al-'An`ām ۖ Fakulū Minhā Wa 'Aţ`imū Al-Bā'isa Al-Faqīra
022-028 ताकि अपने (दुनिया व आखेरत के) फायदो पर फायज़ हों और खुदा ने जो जानवर चारपाए उन्हें अता फ़रमाए उनपर (ज़िबाह के वक्त) चन्द मुअय्युन दिनों में खुदा का नाम लें तो तुम लोग कुरबानी के गोश्त खुद भी खाओ और भूखे मोहताज को भी खिलाओ
Dhālika Wa Man Yu`ažžim Ĥurumāti Allāhi Fahuwa Khayrun Lahu `Inda Rabbihi ۗ Wa 'Uĥillat Lakumu Al-'An`ām 'Illā Mā Yutlá `Alaykum ۖ Fājtanibū Ar-Rijsa Mina Al-'Awthāni Wa Ajtanibū Qawla Az-Zūri
022-030 और इसके अलावा जो शख्स खुदा की हुरमत वाली चीज़ों की ताज़ीम करेगा तो ये उसके पवरदिगार के यहाँ उसके हक़ में बेहतर है और उन जानवरों के अलावा जो तुमसे बयान किए जाँएगे कुल चारपाए तुम्हारे वास्ते हलाल किए गए तो तुम नापाक बुतों से बचे रहो और लग़ो बातें गाने वग़ैरह से बचे रहो
Ĥunafā'a Lillāh Ghayra Mushrikīna Bihi ۚ Wa Man Yushrik Billāhi Faka'annamā Kharra Mina As-Samā'i Fatakhţafuhu Aţ-Ţayru 'Aw Tahwī Bihi Ar-Rīĥu Fī Makānin Saĥīqin
022-031 निरे खरे अल्लाह के होकर (रहो) उसका किसी को शरीक न बनाओ और जिस शख्स ने (किसी को) खुदा का शरीक बनाया तो गोया कि वह आसमान से गिर पड़ा फिर उसको (या तो दरमियान ही से) कोई (मुरदा ख्ववार) चिड़िया उचक ले गई या उसे हवा के झोंके ने बहुत दूर जा फेंका
Wa Likulli 'Ummatin Ja`alnā Mansakāan Liyadhkurū Asma Allāhi `Alá Mā Razaqahum Min Bahīmati Al-'An`āmi ۗ Fa'ilahukum 'Ilahun Wāĥidun Falahu~ 'Aslimū ۗ Wa Bashshiri Al-Mukhbitīna
022-034 और हमने तो हर उम्मत के वास्ते क़ुरबानी का तरीक़ा मुक़र्रर कर दिया है ताकि जो मवेशी चारपाए खुदा ने उन्हें अता किए हैं उन पर (ज़िबाह के वक्त) ख़ुदा का नाम ले ग़रज़ तुम लोगों का माबूद (वही) यकता खुदा है तो उसी के फरमाबरदार बन जाओ
Al-Ladhīna 'Idhā Dhukira Allāhu Wajilat Qulūbuhum Wa Aş-Şābirīna `Alá Mā 'Aşābahum Wa Al-Muqīmī Aş-Şalāati Wa Mimmā Razaqnāhum Yunfiqūna
022-035 और (ऐ रसूल हमारे) गिड़गिड़ाने वाले बन्दों को (बेहश्त की) खुशख़बरी दे दो ये वह हैं कि जब (उनके सामने) खुदा का नाम लिया जाता है तो उनके दिल सहम जाते हैं और जब उनपर कोई मुसीबत आ पड़े तो सब्र करते हैं और नमाज़ पाबन्दी से अदा करते हैं और जो कुछ हमने उन्हें दे रखा है उसमें से (राहे खुदा में) ख़र्च करते हैं
022-036 और कुरबानी (मोटे गदबदे) ऊँट भी हमने तुम्हारे वास्ते खुदा की निशानियों में से क़रार दिया है इसमें तुम्हारी बहुत सी भलाईयाँ हैं फिर उनका तांते का तांता बाँध कर ज़िबाह करो और उस वक्त उन पर खुदा का नाम लो फिर जब उनके दस्त व बाजू काटकर गिर पड़े तो उन्हीं से तुम खुद भी खाओ और केनाअत पेशा फक़ीरों और माँगने वाले मोहताजों (दोनों) को भी खिलाओ हमने यूँ इन जानवरों को तुम्हारा ताबेए कर दिया ताकि तुम शुक्रगुज़ार बनो
Lan Yanāla Allāha Luĥūmuhā Wa Lā Dimā'uuhā Wa Lakin Yanāluhu At-Taqwá Minkum ۚ Kadhālika Sakhkharahā Lakum Litukabbirū Allaha `Alá Mā Hadākum ۗ Wa Bashshiri Al-Muĥsinīna
022-037 खुदा तक न तो हरगिज़ उनके गोश्त ही पहुँचेगे और न खून मगर (हाँ) उस तक तुम्हारी परहेज़गारी अलबत्ता पहुँचेगी ख़ुदा ने जानवरों को (इसलिए) यूँ तुम्हारे क़ाबू में कर दिया है ताकि जिस तरह खुदा ने तुम्हें बनाया है उसी तरह उसकी बड़ाई करो
022-038 और (ऐ रसूल) नेकी करने वालों को (हमेशा की) ख़ुशख़बरी दे दो इसमें शक नहीं कि खुदा ईमानवालों से कुफ्फ़ार को दूर दफा करता रहता है खुदा किसी बददयानत नाशुक्रे को हरगिज़ दोस्त नहीं रखता
022-039 जिन (मुसलमानों) से (कुफ्फ़ार) लड़ते थे चूँकि वह (बहुत) सताए गए उस वजह से उन्हें भी (जिहाद) की इजाज़त दे दी गई और खुदा तो उन लोगों की मदद पर यक़ीनन क़ादिर (वत वाना) है
Al-Ladhīna 'Ukhrijū Min Diyārihim Bighayri Ĥaqqin 'Illā 'An Yaqūlū Rabbunā Al-Lahu ۗ Wa Lawlā Daf`u Allāhi An-Nāsa Ba`đahum Biba`đin Lahuddimat Şawāmi`u Wa Biya`un Wa Şalawātun Wa Masājidu Yudhkaru Fīhā Asmu Allāhi Kathīrāan ۗ Wa Layanşuranna Allāhu Man Yanşuruhu~ ۗ 'Inna Allāha Laqawīyun `Azīzun
022-040 ये वह (मज़लूम हैं जो बेचारे) सिर्फ इतनी बात कहने पर कि हमारा परवरदिगार खुदा है (नाहक़) अपने-अपने घरों से निकाल दिए गये और अगर खुदा लोगों को एक दूसरे से दूर दफा न करता रहता तो गिरजे और यहूदियों के इबादत ख़ाने और मजूस के इबादतख़ाने और मस्जिद जिनमें कसरत से खुदा का नाम लिया जाता है कब के कब ढहा दिए गए होते और जो शख्स खुदा की मदद करेगा खुदा भी अलबत्ता उसकी मदद ज़रूर करेगा बेशक खुदा ज़रूर ज़बरदस्त ग़ालिब है
Al-Ladhīna 'In Makkannāhum Fī Al-'Arđi 'Aqāmū Aş-Şalāata Wa 'Ātaw Az-Zakāata Wa 'Amarū Bil-Ma`rūfi Wa Nahaw `Ani Al-Munkari ۗ Wa Lillāh `Āqibatu Al-'Umūri
022-041 ये वह लोग हैं कि अगर हम इन्हें रूए ज़मीन पर क़ाबू दे दे तो भी यह लोग पाबन्दी से नमाजे अदा करेंगे और ज़कात देंगे और अच्छे-अच्छे काम का हुक्म करेंगे और बुरी बातों से (लोगों को) रोकेंगे और (यूँ तो) सब कामों का अन्जाम खुदा ही के एख्तेयार में है
Wa 'Aşĥābu Madyana ۖ Wa Kudhdhiba Mūsá Fa'amlaytu Lilkāfirīna Thumma 'Akhadhtuhum ۖ Fakayfa Kāna Nakīri
022-044 और मदियन के रहने वाले (अपने-अपने पैग़म्बरों को) झुठला चुके हैं और मूसा (भी) झुठलाए जा चुके हैं तो मैंने काफिरों को चन्द ढील दे दी फिर (आख़िर) उन्हें ले डाला तो तुमने देखा मेरा अज़ाब कैसा था
Faka'ayyin MinQaryatin 'Ahlaknāhā Wa Hiya Žālimatun Fahiya Khāwiyatun `Alá `Urūshihā Wa Bi'rin Mu`aţţalatin Wa Qaşrin Mashīdin
022-045 ग़रज़ कितनी बस्तियाँ हैं कि हम ने उन्हें बरबाद कर दिया और वह सरकश थीं पस वह अपनी छतों पर ढही पड़ी हैं और कितने बेकार (उजडे क़ुएँ और कितने) मज़बूत बड़े-बड़े ऊँचे महल (वीरान हो गए)
022-046 क्या ये लोग रूए ज़मीन पर चले फिरे नहीं ताकि उनके लिए ऐसे दिल होते हैं जैसे हक़ बातों को समझते या उनके ऐसे कान होते जिनके ज़रिए से (सच्ची बातों को) सुनते क्योंकि ऑंखें अंधी नहीं हुआ करती बल्कि दिल जो सीने में है वही अन्धे हो जाया करते हैं
Wa Yasta`jilūnaka Bil-`Adhābi Wa Lan Yukhlifa Allāhu Wa`dahu ۚ Wa 'Inna Yawmāan `Inda Rabbika Ka'alfi Sanatin Mimmā Ta`uddūna
022-047 और (ऐ रसूल) तुम से ये लोग अज़ाब के जल्द आने की तमन्ना रखते हैं और खुदा तो हरगिज़ अपने वायदे के ख़िलाफ नहीं करेगा और बेशक (क़यामत का) एक दिन तुम्हारे परवरदिगार के नज़दीक तुम्हारी गिनती के हिसाब से एक हज़ार बरस के बराबर है
Wa Mā 'Arsalnā MinQablika MinRasūlin Wa Lā Nabīyin 'Illā 'Idhā Tamanná 'Alqá Ash-Shayţānu Fī 'Umnīyatihi Fayansakhu Allāhu Mā Yulqī Ash-Shayţānu Thumma Yuĥkimu Allāhu 'Āyātihi Wa ۗ Allāhu `Alīmun Ĥakīmun
022-052 और (ऐ रसूल) हमने तो तुमसे पहले जब कभी कोई रसूल और नबी भेजा तो ये ज़रूर हुआ कि जिस वक्त उसने (तबलीग़े एहकाम की) आरज़ू की तो शैतान ने उसकी आरज़ू में (लोंगों को बहका कर) ख़लल डाल दिया फिर जो वस वसा शैतान डालता है खुदा उसे बेट देता है फिर अपने एहकाम को मज़बूत करता है और खुदा तो बड़ा वाक़िफकार दाना है
Liyaj`ala Mā Yulqī Ash-Shayţānu Fitnatan Lilladhīna Fī Qulūbihim Marađun Wa Al-Qāsiyati Qulūbuhum ۗ Wa 'Inna Až-Žālimīna Lafī Shiqāqin Ba`īdin
022-053 और शैतान जो (वसवसा) डालता (भी) है तो इसलिए ताकि खुदा उसे उन लोगों के आज़माइश (का ज़रिया) क़रार दे जिनके दिलों में (कुफ्र का) मर्ज़ है और जिनके दिल सख्त हैं और बेशक (ये) ज़ालिम मुशरेकीन पल्ले दरजे की मुख़ालेफ़त में पड़े हैं
022-054 और (इसलिए भी) ताकि जिन लोगों को (कुतूबे समावी का) इल्म अता हुआ है वह जान लें कि ये (वही) बेशक तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से ठीक ठीक (नाज़िल) हुईहै फिर (ये ख्याल करके) इस पर वह लोग ईमान लाए फिर उनके दिल खुदा के सामने आजिज़ी करें और इसमें तो शक ही नहीं कि जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया उनकी खुदा सीधी राह तक पहुँचा देता है
022-055 और जो लोग काफिर हो बैठे वह तो कुरान की तरफ से हमेशा शक ही में पड़े रहेंगे यहाँ तक कि क़यामत यकायक उनके सर पर आ मौजूद हो या (यूँ कहो कि) उनपर एक सख्त मनहूस दिन का अज़ाब नाज़िल हुआ
022-056 उस दिन की हुकूमत तो ख़ास खुदा ही की होगी वह लोगों (के बाहमी एख्तेलाफ) का फ़ैसला कर देगा तो जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे काम किए हैं वह नेअमतों के (भरे) हुए बाग़ात (बेहश्त) में रहेंगे
022-058 जिनके लिए ज़लील करने वाला अज़ाब है जिन लोगों ने खुदा की राह में अपने देस छोडे फ़िर शहीद किए गए या (आप अपनी मौत से) मर गए खुदा उन्हें (आख़िरत में) ज़रूर उम्दा रोज़ी अता फ़रमाएगा
Dhālika Wa Man `Āqaba Bimithli Mā `Ūqiba Bihi Thumma Bughiya `Alayhi Layanşurannahu Allāhu ۗ 'Inna Allāha La`afūwun Ghafūrun
022-060 और खुदा तो बेशक बड़ा वाक़िफकार बुर्दवार है यही (ठीक) है और जो शख्स (अपने दुश्मन को) उतना ही सताए जितना ये उसके हाथों से सताया गया था उसके बाद फिर (दोबारा दुशमन की तरफ़ से) उस पर ज्यादती की जाए तो खुदा उस मज़लूम की ज़रूर मदद करेगा
Dhālika Bi'anna Allāha Yūliju Al-Layla Fī An-Nahāri Wa Yūliju An-Nahāra Fī Al-Layli Wa 'Anna Allāha Samī`un Başīrun
022-061 बेशक खुदा बड़ा माफ करने वाला बख़शने वाला है ये (मदद) इस वजह से दी जाएगी कि खुदा (बड़ा क़ादिर है वही) तो रात को दिन में दाख़िल करता है और दिन को रात में दाख़िल करता है और इसमें भी शक नहीं कि खुदा सब कुछ जानता है
Dhālika Bi'anna Allāha Huwa Al-Ĥaqqu Wa 'Anna Mā Yad`ūna Min Dūnihi Huwa Al-Bāţilu Wa 'Anna Allāha Huwa Al-`Alīyu Al-Kabīru
022-062 (और) इस वजह से (भी) कि यक़ीनन खुदा ही बरहक़ है और उसके सिवा जिनको लोग (वक्ते मुसीबत) पुकारा करते हैं (सबके सब) बातिल हैं और (ये भी) यक़ीनी (है कि) खुदा ही (सबसे) बुलन्द मर्तबा बुर्जुग़ है
022-063 अरे क्या तूने इतना भी नहीं देखा कि खुदा ही आसमान से पानी बरसाता है तो ज़मीन सर सब्ज़ (व शादाब) हो जाती है बेशक खुदा (बन्दों के हाल पर) बड़ा मेहरबान वाक़िफ़कार है
022-065 क्या तूने उस पर भी नज़र न डाली कि जो कुछ रूए ज़मीन में है सबको खुदा ही ने तुम्हारे क़ाबू में कर दिया है और कश्ती को (भी) जो उसके हुक्म से दरिया में चलती है और वही तो आसमान को रोके हुए है कि ज़मीन पर न गिर पड़े मगर (जब) उसका हुक्म होगा (तो गिर पडेग़ा) इसमें शक नहीं कि खुदा लोगों पर बड़ा मेहरबान व रहमवाला है
022-067 इसमें शक नहीं कि इन्सान बड़ा ही नाशुक्रा है (ऐ रसूल) हमने हर उम्मत के वास्ते एक तरीक़ा मुक़र्रर कर दिया कि वह इस पर चलते हैं फिर तो उन्हें इस दीन (इस्लाम) में तुम से झगड़ा न करना चाहिए और तुम (लोगों को) अपने परवरदिगार की तरफ बुलाए जाओ
022-070 (ऐ रसूल) क्या तुम नहीं जानते कि जो कुछ आसमान और ज़मीन में है खुदा यक़ीनन जानता है उसमें तो शक नहीं कि ये सब (बातें) किताब (लौहे महफूज़) में (लिखी हुईमौजूद) हैं
Wa Ya`budūna Min Dūni Allāhi Mā Lam Yunazzil Bihi Sulţānāan Wa Mā Laysa Lahum Bihi `Ilmun ۗ Wa Mā Lilžžālimīna Min Naşīrin
022-071 बेशक ये (सब कुछ) खुदा पर आसान है और ये लोग खुदा को छोड़कर उन लोगों की इबादत करते हैं जिनके लिए न तो ख़ुदा ही ने कोई सनद नाज़िल की है और न उस (के हक़ होने) का खुद उन्हें इल्म है और क़यामत में तो ज़ालिमों का कोई मददगार भी नहीं होगा
022-072 और (ऐ रसूल) जब हमारी वाज़ेए व रौशन आयतें उनके सामने पढ़ कर सुनाई जाती हैं तो तुम (उन) काफिरों के चेहरों पर नाखुशी के (आसार) देखते हो (यहाँ तक कि) क़रीब होता है कि जो लोग उनको हमारी आयातें पढ़कर सुनाते हैं उन पर ये लोग हमला कर बैठे (ऐ रसूल) तुम कह दो (कि) तो क्या मैं तुम्हें इससे भी कहीं बदतर चीज़ बता दूँ (अच्छा) तो सुन लो वह जहन्नुम है जिसमें झोंकने का वायदा खुदा ने काफ़िरों से किया है
Yā 'Ayyuhā An-Nāsu Đuriba Mathalun Fāstami`ū Lahu~ ۚ 'Inna Al-Ladhīna Tad`ūna Min Dūni Allāhi Lan Yakhluqū Dhubābāan Wa Lawi Ajtama`ū Lahu ۖ Wa 'In Yaslubhumu Adh-Dhubābu Shay'āan Lā Yastanqidhūhu Minhu ۚ Đa`ufa Aţ-Ţālibu Wa Al-Maţlūbu
022-073 और वह क्या बुरा ठिकाना है लोगों एक मसल बयान की जाती है तो उसे कान लगा के सुनो कि खुदा को छोड़कर जिन लोगों को तुम पुकारते हो वह लोग अगरचे सब के सब इस काम के लिए इकट्ठे भी हो जाएँ तो भी एक मक्खी तक पैदा नहीं कर सकते और कहीं मक्खी कुछ उनसे छीन ले जाए तो उससे उसको छुड़ा नहीं सकते (अजब लुत्फ है) कि माँगने वाला (आबिद) और जिससे माँग लिया (माबूद) दोनों कमज़ोर हैं
Wa Jāhidū Fī Al-Lahi Ĥaqqa Jihādihi ۚ Huwa Ajtabākum Wa Mā Ja`ala `Alaykum Fī Ad-Dīni Min Ĥarajin ۚ Millata 'Abīkum 'Ibrāhīma ۚ Huwa Sammākumu Al-Muslimyna MinQablu Wa Fī Hādhā Liyakūna Ar-Rasūlu Shahīdāan `Alaykum Wa Takūnū Shuhadā'a `Alá An-Nāsi ۚ Fa'aqīmū Aş-Şalāata Wa 'Ātū Az-Zakāata Wa A`taşimū Billāhi Huwa Mawlākum ۖ Fani`ma Al-Mawlá Wa Ni`ma An-Naşīru
022-078 ताकि तुम कामयाब हो और जो हक़ जिहाद करने का है खुदा की राह में जिहाद करो उसी नें तुमको बरगुज़ीदा किया और उमूरे दीन में तुम पर किसी तरह की सख्ती नहीं की तुम्हारे बाप इबराहीम ने मजहब को (तुम्हारा मज़हब बना दिया उसी (खुदा) ने तुम्हारा पहले ही से मुसलमान (फरमाबरदार बन्दे) नाम रखा और कुरान में भी (तो जिहाद करो) ताकि रसूल तुम्हारे मुक़ाबले में गवाह बने और तुम पाबन्दी से नामज़ पढ़ा करो और ज़कात देते रहो और खुदा ही (के एहकाम) को मज़बूत पकड़ो वही तुम्हारा सरपरस्त है तो क्या अच्छा सरपरस्त है और क्या अच्छा मददगार है